अधिकारी- कर्मचारी संयुक्त मोर्चा हड़ताल में शामिल
यूपीसीएल, यूजेवीएनएल और पिटकुल तीनो निगम हड़ताल पर
मुख्य मंत्री को गुमराह कर रहे ब्यूरोक्रेट्स
यूपीसीएल, यूजेवीएनएल और पिटकुल तीनो निगम हड़ताल पर
मुख्य मंत्री को गुमराह कर रहे ब्यूरोक्रेट्स
गिरीश गैरोला//वेतन विसंगति समेत तीन सूत्रीय मांगों को लेकर विधुत उत्पादन , पारेषण और वितरण तीनो निगमो के कर्मचारियों ने उत्तरकाशी मुख्यालय में सड़कों पर विरोध प्रदर्शन करते हुए जिला कार्यलय में अपनी मांगों के समर्थन में व नारे लगाए और dm के माध्यम से सीएम को ज्ञापन भेजा।
उन्होंने कहा कि मांगे न माने जाने पर 4 जनवरी को सचिवालय घेराव और 6 जनवरी से जेल भरो आंदोलन सुरु किया जाएगा।
संयुक्त मोर्चे के प्रदेश अध्यक्ष अरविंद त्रिपाठी ने बताया कि मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत को ब्यूरोक्रेसी गुमराह कर रही है । कर्मचारियों की नियमित मांगों को गलत ढंग से मुख्यमंत्री के सामने प्रस्तुत किया जा रहा है । वेतन विसंगति को लेकर वेतन मूलभूत सिद्धांतों को छोड़कर मानक बनाये जा रहे है। पे मैट्रिक्स में सातवें वेतनमान में आने के बाद कर्मचारियों का वेतन छठवें वेतनमान से कमतर किया जा रहा है , और मुख्यमंत्री द्वारा उनकी मांग पूरी करने के भ्रामक बयान जारी किए जा रहे हैं । उन्होंने कहा कि वेतन निर्धारण के मानक वर्किंग कंडीशन पर आधारित होते हैं और वर्ष 1969 से कर्मचारी इन्हीं कंडीशन से वेतन लेते आ रहे हैं। कर्मचारियों के वेतन और रैंकिंग उसी वर्ष निर्धारित हो चुका होता है।
केंद्रीय महासचिव अवनीश धीमान ने कहा मांगे न माने जाने पर 4 जनवरी को राजधानी देहरादून के परेड ग्राउंड से सचिवालय घेराव किया जाएगा। 5 जनवरी से अनिश्चितकालीन हड़ताल और 6 जनवरी से जेल भरो आंदोलन शुरू किया जाएगा । उपमहासचिव विकी दास ने कहा कि सातवें वेतनमान में डीजी सैकेंड का वेतनमान 2600 से 2400 ओर से 4600 से 4200 कर दिया गया है । जबकि सेवा नियमावली को 19 वर्ष से बढ़ाकर 30 वर्ष कर दिया गया है । इसके अलावा संविदा कर्मियों के संदर्भ में औद्योगिक न्यायाधिकरण हल्द्वानी के आदेश 12-09-2017 को लागू करने की मांग की गई है।
उन्होंने कहा कि मांगे न माने जाने पर 4 जनवरी को सचिवालय घेराव और 6 जनवरी से जेल भरो आंदोलन सुरु किया जाएगा।
संयुक्त मोर्चे के प्रदेश अध्यक्ष अरविंद त्रिपाठी ने बताया कि मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत को ब्यूरोक्रेसी गुमराह कर रही है । कर्मचारियों की नियमित मांगों को गलत ढंग से मुख्यमंत्री के सामने प्रस्तुत किया जा रहा है । वेतन विसंगति को लेकर वेतन मूलभूत सिद्धांतों को छोड़कर मानक बनाये जा रहे है। पे मैट्रिक्स में सातवें वेतनमान में आने के बाद कर्मचारियों का वेतन छठवें वेतनमान से कमतर किया जा रहा है , और मुख्यमंत्री द्वारा उनकी मांग पूरी करने के भ्रामक बयान जारी किए जा रहे हैं । उन्होंने कहा कि वेतन निर्धारण के मानक वर्किंग कंडीशन पर आधारित होते हैं और वर्ष 1969 से कर्मचारी इन्हीं कंडीशन से वेतन लेते आ रहे हैं। कर्मचारियों के वेतन और रैंकिंग उसी वर्ष निर्धारित हो चुका होता है।
केंद्रीय महासचिव अवनीश धीमान ने कहा मांगे न माने जाने पर 4 जनवरी को राजधानी देहरादून के परेड ग्राउंड से सचिवालय घेराव किया जाएगा। 5 जनवरी से अनिश्चितकालीन हड़ताल और 6 जनवरी से जेल भरो आंदोलन शुरू किया जाएगा । उपमहासचिव विकी दास ने कहा कि सातवें वेतनमान में डीजी सैकेंड का वेतनमान 2600 से 2400 ओर से 4600 से 4200 कर दिया गया है । जबकि सेवा नियमावली को 19 वर्ष से बढ़ाकर 30 वर्ष कर दिया गया है । इसके अलावा संविदा कर्मियों के संदर्भ में औद्योगिक न्यायाधिकरण हल्द्वानी के आदेश 12-09-2017 को लागू करने की मांग की गई है।