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फिर लाल हुई सुकमा की धरती

नक्सली मुठभेड़ में 24 जवान शहीद

सुकमा के बुरकापाल और चिंतागुफा के बीच नक्सलियों ने सीआरपीएफ जवानों पर हमला किया। सूत्रों के मुताबिक छत्तीसगढ़ के सुकमा में नक्सलियों से मुठभेड़ में 24 जवान शहीद हो गए. जबकि हमले में 6 जवान घायल हो गए. नक्सली जवानों से हथियार भी लूटकर ले गए। गंभीर रूप से घायल जवानों को रायपुर भेजा गया है।

जानकारी के मुताबिक नक्सलियों ने सड़क का काम बंद करा दिया था। इसके बाद सीआरपीएफ ने रोड ओपनिंग पार्टी भेजी थी। सीआरपीएफ के ये जवान सोमवार सुबह सवा नौ बजे गश्त पर निकले थे। दोपहर में जब जवानों टुकड़ी ने एक जगह रुकने की योजना बनाई तो घात लगाए बैठे नक्सलियों ने उन पर मला कर दिया। इनमे घायल जवान शेर मोहम्मद ने बताया, “नक्सलियों की तादाद करीब 300 थी। उन्होंने पहले गांववालों को हमारी लोकेशन का पता करने के लिए भेजा और फिर हमला बोला।”
बुरकापाल में सड़क का काम लंबे अरसे से बंद था, लेकिन सीआरपीएफ की सिक्युरिटी में इसका काम  शुरू हुआ। इसी क्रम में सोमवार को सीआरपीएफ के जवान जब खाना खा रहे थे, उस वक्त क्सलियों ने घात लगाकर हमला कर दिया। जिसमें 24 जवान शहीद हो गए। गंभीर रूप से घायल जवानों को हेलिकॉप्टर के जरिए रायपुर भेजा गया है।

उधर नीति आयोग की मीटिंग में हिस्सा लेने दिल्ली गए रमन सिंह ने दौरा बीच में ही खत्म कर तुरंत रायपुर के लिए रवाना हुए। आज 8 बजे एक इमरजेंसी मीटिंग बुलाई है। इस बीच बस्तर के आईजी विवेकानंद सिन्हा और डीआईजी सुंदरराज सुकमा के लिए रवाना हो गए हैं। सीआरपीएफ की 74 वीं बटालियन के सभी जवानों को एंटी-नक्सल ऑपरेशन में तैनात कर दिया गया है। इसके अलावा आसपास के कैम्पों से भी मदद सुकमा पहुंच रही है।

मुठभेड़ में नक्सली भी मारे गए
-घायल शेर मोहम्मद ने न्यूज एजेंसी से बताया, “सीआरपीएफ के जवानों की संख्या 150 थी और हमले के दौरान जवाबी फायरिंग भी की गई। जिसमें कई नक्सली मारे गए हैें। मैंने 3-4 नक्सलियों को सीने पर गोली मारी।”

मार्च में भी किया था हमला, 12 जवान शहीद हुए थे
11 मार्च को सुकमा में नक्सलियों ने सीआरपीएफ जवानों पर हमला किया था। तब इस हमले में 12 जवान शहीद हो गए थे। नक्सली जवानों के हथियार भी लूट ले गए। बता दें कि ये वही इलाका है, जहां 2010 में नक्सली हमले में 76 जवान शहीद हो गए थे।

“सुकमा में सीआरपीएफ जवानों के शहीद होने पर गहरा अफसोस है। शहीदों को मेरी श्रद्धांजलि और उनके परिवारों के लिए मैं संवेदना जाहिर करता हूं। मैंने इस मसले पर हंसराज अहीर से बात की है। वो हालात का जायजा लेने छत्तीसगढ़ जा रहे हैं।”
– राजनाथ सिंह केंद्रीय गृह मंत्री

“इस हमले से दुख पहुंचा है। जवानों का बलिदान बेकार नहीं जाना चाहिए। लोकतंत्र में इस तरह बिना कारण की गई हत्याओं के लिए जगह नहीं है।”
– वेंकैया नायडू, केंद्रीय मंत्री

 

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