विद्यानंद शर्मा आगे आये बुजुर्ग कालू राम की मदद को
10 हजार रूपये की कर चुके हैं नगद आर्थिक मदद
कहा यदि सरकार समर्थ नहीं है बुजुर्ग की पेंशन देने को तो वे 500रूपये प्रति माह की मदद करने को हैं तैयार
विधवा जगिन्द्रा के विकलांग बेटे वंश का विकलांग सर्टिफिकेट बनाने में की मदद
क्या उनके समाज सेवा के जज्बे से अन्य महोदय भी लेंगे सबक!
नीरज उत्तराखंडी
त्यूनी देहरादून। मनुष्य सामाजिक प्राणी है, शायद इसलिए वह सामाज में रहता है ताकि सुख दुःख और मुसीबत में उसके नाते रिश्तेदार, गांव और समाज के लोग समय पर उसकी मदद कर सकें तथा उसका दुःख दर्द बाँट सकें ।वहीं खुशियों के मौके पर तीज त्योहार और शादी समारोह में शरीक होकर खुशियों में शामिल हो सकें ।
लेकिन लगता है अब गांव में भी इंसानियत और अपनापन आधुनिकता की भेंट चढ़ रहा है । ऐसा ही कुछ अनुसूचित जाति के फेडिज गांव निवासी बुजुर्ग कालू राम के साथ घटित हो रहा है । कालू राम ने अपने जीवन साथी के साथ भले ही गांव और समाज के प्रति अपना फर्ज बखूबी निभाया हो,लेकिन वक्त का तकाजा देखिए जब उन्हे गांव और समाज के लोगों से मदद की जरूरत पडी तो सबने मुंह फेर लिया ।उनके चेहरे पर पडी झुरिया और सूखापन उनकी दुख भरी दास्ताँ कहने को काफी है।कालू राम कभी घराट चलाया करते थे जो उनकी आजीविका का एक जरिया हुआ करता था ।आसपास के सभी गांव के लोग घराट में अन्न पिसवाने आया करते थे ।कोई पुत्र न होने से घराट ही उनका कमाऊ बेटा था लेकिन कठिन परिश्रम और बेटियों की जिम्मेदारी के बोझ ने असमय ही बूढा और बीमार बना दिया ।
कालू राम के कोई बेटा नहीं है, बेटियां हैं जिनकी शादियां हो चुकी है ।पत्नी को लकवा और उसे टीबी हो गई है। वृद्धावस्था पेंशन मिलती थी वह भी अब बंद हो गयी है। वहीं उसकी विधवा बेटी जगिन्द्रा जो उनकी देखभाल करती है, उसके दो बच्चे हैं एक लडकी जिसका नाम दिव्या है जो शिशु मंदिर अटाल गांव में कक्षा दो में पढती है जबकि एक बालक वंश है जो विकलांग है। पति की सडक दुर्घटना में मौत हो गई लेकिन पति के मरने के बाद उसे आज तक मुआवजा नहीं मिल पाया है। बुजुर्ग कालू राम पर मुसीबत का पहाड़ टूट पड़ा है लेकिन उनके इस दर्द में कोई सहभागी नहीं बनना चाहता है ।
ऐसे समय में कुल्हा निवासी विद्या नंद शर्मा फरिश्ता बन कालू राम की मदद के लिए आगे आये। वे बुजुर्ग कालू राम को 10 हजार रूपये की नगद आर्थिक मदद कर चुके हैं उनका कहना है कि यदि सरकार बुजुर्ग कालू राम की पेंशन लगाने में असमर्थ है तो वे प्रति माह पांच सौ रूपये पेंशन देने को भी तैयार है । विद्या नंद शर्मा कहते हैं कि वे कालू राम की विधा बेटी जगिन्द्रा देवी की पेंशन लगवाने के लिए प्रयासरत है लेकिन जगिन्द्रा के ससुराल वाले उसके पति का मृत्यु प्रमाण पत्र नहीं दे रहे जिस वजह से विधवा पेंशन में अडचन आ रही है।
विद्या नंद शर्मा पीडित, दुखी, असहाय बुजुर्ग दम्पति की हर संभव सहायता करने का प्रयास कर रहे हैं । उन्होंने जगिन्द्रा के विकलांग बेटे वंश का विकलांग सर्टिफिकेट बनाने में सहयोग करने के साथ ही उसे देहरादून महंत इन्दिरेश अस्पताल में ले जा कर उसका इलाज करवाने का प्रयास भी किया है ।
यूं तो अटाल गांव में बडे बडे दिग्गज नेता और तथाकथित सामाज सेवक है लेकिन ग्राम पंचायत अटाल के फेडिज निवासी इस दलित बुजुर्ग कालू राम की आर्थिक सहायता को किसी ने अब तक हाथ नहीं बढाया। प्रधान प्रभुलाल शर्मा ने कालू राम को दून अस्पताल में भर्ती करवा कर अपने कर्तव्य की इतिश्री जरूर कर ली। क्या विद्या नंद शर्मा से प्रेरणा लेकर इन बुजुर्ग दम्पति की सहायता को कोई हाथ बढायेगा या ”बडा हुआ तो क्या हुआ जैसे पेड खजूर पंथी को न छाया मिले फल लागे अति दूर” वाली कहावत ही चरितार्थ होती है । इसका अभी इंतज़ार है।
यदि कोई महानुभाव इस बुजुर्ग की आर्थिक मदद करना चाहता है तो निम्नलिखित बैंक खाता संख्या में जमा कर सकता है। सहयोग करने वालों का नाम व धनराशि सार्वजनिक की जायेगी ।
कालू पुत्र रूना
पंजाब नेशनल बैंक अटाल
खाता संख्या a/c 1452001700001702
आईएफएससी कोड punb-0145200