पर्वतजन
  • Home
  • उत्तराखंड
  • सरकारी नौकरी
  • सरकारी योजनाएं
  • इनश्योरेंस
  • निवेश
  • ऋृण
  • आधार कार्ड
  • हेल्थ
  • मौसम
No Result
View All Result
  • Home
  • उत्तराखंड
  • सरकारी नौकरी
  • सरकारी योजनाएं
  • इनश्योरेंस
  • निवेश
  • ऋृण
  • आधार कार्ड
  • हेल्थ
  • मौसम
No Result
View All Result
पर्वतजन
No Result
View All Result
Home पर्वतजन

राकेश ने जगाई स्वरोगार की अलख

March 17, 2017
in पर्वतजन
ShareShareShare

रुद्रप्रयाग जिले के जयमंडी ग्राम निवासी मोहन सिंह बिष्ट और विमला देवी के घर १२ मई १९८३ को जन्में राकेश बिष्ट बचपन से ही बहुमुखी प्रतिभा के धनी थे। यही कारण है कि बचपन से ही उन्हें अपनी माटी से बेहद लगाव था। देश सेवा करने का जज्बा उनमें कूट-कूट कर भरा था। अपने पिता की तरह ही वे सेना में भर्ती होकर देश सेवा करना चाहते थे, लेकिन कहते हैं कि किस्मत जहां लेकर जाती है आदमी वहीं जाता है। राकेश ने गौचर, श्रीनगर, लैन्सडौन, धुमाकोट, कोटद्वार, रायवाला, उत्तरकाशी, से लेकर रानीखेत सहित अन्य जनपदों में जाकर सेना में भर्ती होने का प्रयास किया। लेकिन सफलता हाथ नहीं लग पाई। बाद में राकेश ने रोजगार के लिए मुंबई का रुख किया। मुंबई में कुछ समय काम कर वह गुजरात चले गए गए। गुजरात में 8 साल काम कर वहां का विकास और अत्मनिर्भर ग्रामों को करीब से देखकर उनके मन में भी स्वरोजगार की अलख जगी। राकेश को गुजरात के तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी का विकास मॉडल ऐसा भाया कि उन्होंने मोदी को अपना प्रेरणास्रोत मान लिया। वे मोदी के विकास कार्यों से काफी प्रभावित हुए। उन्होंने गुजरात के आत्मनिर्भर गांवों को बेहद करीब से देखा और महसूस किया कि क्यों न अपने गांव जाकर बंजर खेतों में कड़ी मेहनत की जाए और रोजगार के नए आयाम स्थापित करू। इसी संकल्प के साथ राकेश बिष्ट अपने गांव लौट गए। राकेश जब ने यह बात अपने पिताजी को बताई तो उनके पिताजी ने भी उनका खूब उत्साह बढ़ाया। पिताजी से मिले प्रोत्साहन से राकेश की खुशी का ठिकाना नहीं रहा और फिर राकेश ने अपने बंजर और बिरान में खेतों को कठिन परिश्रम से उपजाऊ बनाया। जिसमे उनके हर कदम पर उनकी पत्नी सरिता हाथ बंटा रही है।
उन्होंने खेती को व्यवसायिक रूप देकर साथ ही मत्स्य पालन को भी बढ़ावा दिया। जिसके लिए उन्होंने अपने खेतों में छोटे-छोटे तालाबों का निर्माण कर मत्स्य पालन का भी प्रयास किया है। आज राकेश गांव में ही स्वरोजगार से जुड़कर अपनी आमदनी बढ़ाने को खेतों में हर प्रकार की सब्जियां उगा रहे हैं। जिसमे राई, पालक, मैथी, लहसुन, अदरक, प्याज, टमाटर, आलू, गोबी, बैंगन, करेला, मटर, तुरई, बिन्स, कददू, आदि शामिल है। संब्जियां उगाने के लिए जैविक खाद और जैविक कीटनाशक खुद ही तैयार कर रहे हैं। ताजी सब्जियों की खरीद के लिए अधिकतर ग्राहक उन्हें अग्रिम भुगतान भी करते हैं। बाकी सब्जियों को वह खुद गांव से बाजार तक ले जाते हैं, जहां उनकी सब्जियां हाथों-हाथ बिक जाती है। जिससे उन्हें अच्छी आमदनी प्राप्त हो रही है। राकेश ने अपने खेतों में 100 से अधिक आम और 50 से अधिक नींबू व पपीते के पेड़ भी लगाए हैं। कुछ साल बाद वह भी फल देने शुरू कर देंगे।
राकेश कहतें हैं कि लोग रोजगार के लिए पहाड़ छोड़ रहें है जो कि बेहद दुखद है। यदि खुद पर विश्वास हो और अपने हाथों पर भरोसा हो तो मेहनत करके अपने बंजर पड़े खेत-खलियानों में रोजगार सृजन कर सकतें हैं। जरुरत है तो थोड़ा धैर्य रखने और विश्वास करने की, मैं भी शुरू शुरू में बेहद चिंतित था। लेकिन अब सब कुछ पटरी पर आ गया है। आज मुझे अपने ही घर में खेती से अच्छी खासी आमदानी हो रही है। साथ ही अपने परिवार के सुख दुःख में सदैव साथ हूँ। एक बात की बहुत निराशा है की सरकारें स्वरोजगार को लेकर बहुत कुछ कहतीं हैं, लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और ही है। स्वरोजगार करने वाले किसानों को प्रोत्साहन देने के नाम पर विभागों के पास कुछ भी नहीं है। जो कुछ है तो वह महज खानापूर्ति तक ही सिमित है। मैं जब गुजरात में था तो मोदी जी के कार्यों से बहुत प्रभावित हुआ। आज भी उनकी कार्यशैली का मुरीद हूँ..। मैं चाहता हूँ कि पहाड़ के घर गांव से पलायन रुके। किसानों को हर प्रकार के कृषि कार्यों के लिए ब्लाक व जिला स्तर पर समय समय पर प्रोत्साहन मिलता रहे। जिससे वह सरकार द्वारा चलाई जा रही की योजनाओं का लाभ ले सकें। साथ ही किसानों को बेहतर प्रशिक्षण के लिए उच्च सोध संस्थानों के विशेषज्ञों द्वारा समय-समय जानकारी मिलती रहे। इससे किसानों में एक नई ऊर्जा का विकास होगा और कृषि, बागवानी में उनकी मेहनत रंग लाएगी। आज राकेश अपने गांव की बंजर जमीन पर सोना उगा रहें हैं। यही कारण है कि वह किसी परिचय के मोहताज नहीं हैं। पहाड़ों से हो रहे बेतहाशा पलायन करने वाले युवाओं के लिए वह रोजगार सृजन का प्रेरणास्रोत बन गए हैं।


Previous Post

अंतरराष्ट्रीय योग महोत्सव का आगाज

Next Post

आरएसएस के सिपाही से लेकर मुख्यमंत्री पद तक पहुंचे त्रिवेंद्र रावत

Next Post

आरएसएस के सिपाही से लेकर मुख्यमंत्री पद तक पहुंचे त्रिवेंद्र रावत

Leave a Reply Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *






पर्वतजन पिछले २3 सालों से उत्तराखंड के हर एक बड़े मुद्दे को खबरों के माध्यम से आप तक पहुँचाता आ रहा हैं |  पर्वतजन हर रोज ब्रेकिंग खबरों को सबसे पहले आप तक पहुंचाता हैं | पर्वतजन वो दिखाता हैं जो दूसरे छुपाना चाहते हैं | अपना प्यार और साथ बनाये रखिए |
  • बड़ी खबर: देवभूमि गोल्ड कप में भिड़ेंगी देश की टॉप टीमें। चमकेंगे IPL स्टार्स..
  • वायरल वीडियो : मेरे होते हुए किसी की औकात नहीं, जो गरीबों की जमीन पर कब्जा करे।
  • RTI खुलासा: प्रदेश में 3 साल में 3044 महिला अपराध। 2583 बलात्कार के मामले दर्ज
  • दून में 6100 करोड़ का एलिवेटेड रोड प्रोजेक्ट शुरू।बिंदाल-रिस्पना किनारे हटेंगे कई मकान
  • एक्शन: दून में चौकी प्रभारी 1 लाख की रिश्वत लेते रंगे हाथ गिरफ्तार..
  • Highcourt
  • उत्तराखंड
  • ऋृण
  • निवेश
  • पर्वतजन
  • मौसम
  • वेल्थ
  • सरकारी नौकरी
  • हेल्थ
May 2025
M T W T F S S
 1234
567891011
12131415161718
19202122232425
262728293031  
« Apr    

© 2022 - all right reserved for Parvatjan designed by Ashwani Rajput.

No Result
View All Result
  • Home
  • उत्तराखंड
  • सरकारी नौकरी
  • सरकारी योजनाएं
  • इनश्योरेंस
  • निवेश
  • ऋृण
  • आधार कार्ड
  • हेल्थ
  • मौसम

© 2022 - all right reserved for Parvatjan designed by Ashwani Rajput.

error: Content is protected !!