नहीं थम रहा डांग-पोखरी सड़क का विवाद
भूगर्भ सर्वे करने पंहुची टीम का किया घेराव।
मौके पर पंहुची पुलिस टीम की सुरक्षा घेरे में निकले अधिकारी
गिरीश गैरोला
उत्तरकाशी मुख्यालय स्थित निम बैंड से पोखरी गांव तक सड़क निर्माण को लेकर विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है । मंगलवार को प्रस्तावित सड़क का भूगर्भ सर्वे करने गई लोक निर्माण विभाग की टीम के मौके पर पहुचने से डांग गांव के ग्रामीण आक्रोशित हो गए। ग्रामीणों ने एनजीटी में दर्ज मामले का हवाला देते हुए सर्वे का विरोध करते हुए अधिकारियों का घेराव कर दिया और लौटने नही दिया ।
गौरतलब है कि निम बैंड से पोखरी गांव तक सड़क निर्माण की मांग को लेकर पोखरी एवं डांग के ग्रामीण लंबे समय से आपस में भिड़ रहे है । जहां एक तरफ पोखरी गांववासी सड़क निर्माण की मांग कर रहे हैं, वही डांग के ग्रामीण जंगल बचाने के लिए आंदोलन कर रहे हैं। डांग के ग्रामीणों ने अपने डांग गांव से खुद के संसाधनों से पोखरी गांव तक सड़क काट कर दे दी है और इसी सड़क को ठीक करने की जिद पर अड़े हुए हैं , जबकि लोक निर्माण विभाग इसे सड़क के मानकों के अनुरुप नही मान रहा है।
दूसरे विकल्प के रूप में निम बैंड से पोखरी गांव तक सड़क निर्माण का सुझाया गया था। किन्तु ये मामला भी उस वक्त हाइकोर्ट तक पंहुचा और कोर्ट ने 469 पेड़ से अधिक पेड़ न काटने की शर्त पर सड़क निर्माण की अनुमति दी।किन्तु डांग गांव के विरोध के चलते सड़क निर्माण आज तक नही हो सका। इधर डांग के ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि सड़क निर्माण विभाग जान बूझ कर इस मार्ग पर पेडों की सँख्या को कम कर बता रहा है। इसी के चलते उन्होंने एनजीटी में मामला दर्ज कर दिया जिस पर विभाग ने काउंटर एफिडेविट दर्ज किया है।
डांग वासियों की याचिका पर एनजीटी ने यथा स्थिति बनाए रखने के आदेश जिला प्रशासन को दिए थे , लेकिन मंगलवार को लोग निर्माण विभाग अधिकारियों की टीम डांग गांव से पैदल चलते हुए पोखरी तक पहुंची और पोखरी गांव से निम बैंड तक का भूगर्भीय सर्वेक्षण कर वापस निम बैंड की तरफ से लौट रही थी कि इस दौरान वहां पर धरना दे रहे डांग के ग्रामीणों ने लोक निर्माण विभाग की सर्वे टीम को का घेराव कर उनके वाहन को आगे नहीं निकलने दिया।
अधिकारियों द्वारा जिला प्रशासन और पुलिस प्रशासन को सूचित किए जाने के बाद मौके पर पहुंची पुलिस ने अपने सुरक्षा घेरे में अधिकारियों को मौके से बाहर निकाला ।
कोतवाली प्रभारी महादेव उनियाल ने बताया कि फिलहाल लोक निर्माण विभाग की तरफ से कोई तहरीर उन्हें नहीं मिली है। तहरीर मिलने पर कानूनी कार्यवाही की जाएगी।
लोक निर्माण विभाग भटवाड़ी खंड के अधिशासी अभियंता राजेंद्र खत्री ने बताया कि उनकी सर्वे टीम सोमवार को भी जियोलॉजिस्ट मिस्टर चंद के साथ मौके पर गई थी। मंगलवार को लोक निर्माण विभाग के जियोलॉजिस्ट शिवकुमार के साथ इलाके का भूगर्भीय सर्वेक्षण कर लौट रही थी जिन्हें ग्रामीणों द्वारा रोका गया था और पुलिस की मदद से ही अधिकारियों को वहां से निकाला गया। उन्होंने कहा कि उनकी टीम किसी निर्माण के लिए नहीं गई थी बल्कि रूटीन सर्वे के लिए मौके पर पहुंची थी।
एनजीटी के सवाल पर उन्होंने बताया कि डांग और पोखरी दोनों गांव एनजीटी के दायरे में नहीं है। उसके बावजूद अधिकारिक फैसला आने के बाद ही कोई निर्माण कार्य किया जाएगा ।
डांग गांव के ही एन डी जगूड़ी ने बताया कि लोक निर्माण विभाग दोनों गांव के बीच झगड़े का मुख्य कारण है और विभाग के म काम में कोई पारदर्शिता नहीं है और न ही उनके पास सर्वे करने के उच्च अधिकारियों के निर्देश हैं।
उन्होंने कहा कि आज के दौर में जहां बेहतरीन तकनीकी के साथ फ्लाईओवर और बड़ी-बड़ी सड़कें निर्मित हो रही हैं वही विभाग चाहे तो डांग गांव से पोखरी तक बनी सड़क को ठीक करके यातायात सुचारु कर सकता है। उन्होंने आरोप लगाया कि विभाग वन माफिया के साथ मिलकर जंगल काटने पर आमदा है साथ ही एनजीटी में मामला जाने के बाद खुद विभाग ने काउंटर एफिडेविट दायर किया है उसके बावजूद बिना आधिकारिक अनुमति के विभाग इस क्षेत्र में काम कर रहा है ।
ग्रामीण अभिरेख जगूड़ी ने बताया कि लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों द्वारा इलाके में आने का पर्याप्त कारण जब तक नहीं बताया जाएगा उन्हें नहीं छोड़ा जाएगा। हालांकि बाद में पुलिस फोर्स के पहुंचने के बाद अधिकारियों को जाने दिया गया।