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आखिर कैसे नपे उद्यान अफसर! चार्जशीट जारी

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मटेला कोल्ड स्टोर मामले में सौपी चार्जशीट 2004 से बैंक में गिरवी है सरकारी कोल्ड स्टोर

चंद्र प्रकाश बुडाकोटी 

 

करोड़ो के मटेला कोल्ड स्टोर को गिरवी रखने और इसमे संलिप्त अधिकारियों पर कार्रवाही के बजाय मलाईदार पदों से नवाजे जाने के बाद अब देर से ही सही उत्तराखंड सरकार जाग गई है। जिस मटेला कोल्ड स्टोर मामले पर दस सालों से लीपापोती की जा रही थी, आरोपियों को कार्रवाही के बजाय पदोन्नत्ति दी जा रही थी। उस करोड़ों के फर्जीवाड़े में शामिल अधिकारी आरसी श्रीवास्तव को शासन द्वारा चार्जशीट सौंपी गई है।
उद्यान विभाग के अपर निदेशक आरसी श्रीवास्तव को बेनी से मिलीभगत का दोषी माना गया है। अपराध अनुसंधान विभाग ने भी श्रीवास्तव को दोषी ठहराया है। पुलिस अधीक्षक अपराध अनुसंधान विभाग ने अपनी जांच में पाया कि श्रीवास्तव ने कई टैक्सी यात्राओं और अन्य खर्चों का दोहरा भुगतान प्राप्त किया। उन्होंने सरकार से भी इन भुगतानों को प्राप्त किया तथा बेनी की कंपनी यूए एग्रोकूप द्वारा भी इनका भुगतान किया गया था। इनमें से कई अनियमितताएं श्रीवास्तव ने विवेचना के दौरान खुद भी स्वीकार की हैं। अपर मुख्य सचिव रणवीर सिंह ने गृह विभाग की जांच के आधार पर श्रीवास्तव को प्रथम दृष्टया दोषी मानते हुए १५ मई २०१७ को चार्जशीट जारी की थी। चार्जशीट का जवाब १५ दिन मेंं देने की समय सीमा तय की थी, किंतु एक माह होने को है, इसके बावजूद अभी तक जवाब शासन में नहीं दिया गया है।
सूत्रों के अनुसार श्रीवास्तव ने जवाब देने के लिए अतिरिक्त समय मांगा है। हालांकि गृह विभाग ने अपनी रिपोर्ट में इस बात का जिक्र किया है कि श्रीवास्तव ने उन्हें जांच में पर्याप्त सहयोग नहीं किया।
उत्तराखंड राज्य का एकमात्र अल्मोड़ा स्थित मटेला कोल्ड स्टोर को 2003 में उद्यान विभाग द्वारा दिवाकरुनी उफऱ् बेनी को लीज पर दिया गया था, जिस पर लीज मिलने के बाद बेनी ने राज्य के अधिकारियों के साथ मिलकर इस सरकारी कोल्ड स्टोर को बैंक में डेढ़ करोड़ ले गिरवी रखवा दिया था। वहीं राज्य के दो दर्जन किसानों को भी उनकी फसल का फर्जी चेक देकर बेनी रफूचक्कर हो गया था। मामला सदन से लेकर सड़क तक खूब चर्चाओं में रहा। तत्कालीन उद्यान मंत्री गोविन्द सिंह कुंजवाल ने मामले की गंभीरता को देखते हुए जांच के आदेश दिए थे।
शासन द्वारा सीबीसीआईडी को इसकी जांच सौंपी गई। सीबीसीआईडी ने इस प्रकरण की जांच कर दोषी अफसरों के खिलाफ पुलिस रिपोर्ट तक दर्ज करने की सिफारिस की थी, लेकिन ऊंची पहुंच और मिलीभगत के आगे कार्यवाही के बजाय इन पर मेहरबानी की जाती रही। एक के बाद एक मलाईदार पदों से नवाजकर इन्हे कोल्ड स्टोर को बैंक में गिरवी रखवाने की एवज में पदोन्नति प्रदान की जाती रही। अंतत: अब 13 साल बीत जाने के बाद एक अधिकारी, जिनकी संलिप्ता को मानते हुए पुलिस रिपोर्ट की सिफारिश की गई थी, उनको उत्तराखंड शासन द्वारा चार्जशीट सौंपी गई है। कार्यवाही होनी अभी बाकी है। सरकार के इस कदम से अब उन किसानों की भी उम्मीद जगी है, जो कि अपने पैसे पाने के खातिर लंबी लड़ाई लडऩे के बाद सिस्टम के आगे हार चुके थे। उत्तरकाशी के किसान भजन सिंह कहते हंै कि वे लोग 13 सालों से अपनी फसल का भुगतान और कोल्ड स्टोर प्रकरण में दोषी को सजा देनेे की मांग कर रहे थे, लेकिन सुनवाई नहीं हुई। अब पता चला है कि एक अधिकारी को चार्जशीट दे दी गई है। भजन उम्मीद जताते हैं कि किसानों को भी लाखों रुपये फसल का भुगतान, जो बेनी द्वारा नहीं किया गया था, अब मिल सकता है।

विवेचना में इन अधिकारियों को माना दोषी

विभापुरी दास तत्कालीन प्रमुख सचिव , सजीव चोपड़ा तत्कालीन उद्यान सचिव, विनोद कुमार सिंघल तत्कालीन उद्यान निदेशक, अजय कुमार तत्कालीन प्रबंधक सेन्ट्रल बैंक ऑफ़ इंडिया, शिव शंकर कानन सहायक महाप्रबंधक सेंट्रल बैंक ऑफ़ इंडिया, हरिकिरत सिंह तत्कालीन मुख्य प्रबंधक सेंट्रल बैंक ऑफ़ इंडिया देहरादून को अपराध अनुशंधान विभाग ने इस प्रकरण में दोषी माना था।

इनके विरुद्ध होनी थी कार्यवाही

करोडो के मटेला कोल्ड स्टोरेज प्रकरण की जाँच में सीबीसीआईडी ने राकेश चंद्र श्रीवास्तव उपनिदेशक उद्यान तत्कालीन सयुक्त सचिव उद्यान एस पी सुबुद्धि के खिलाफ अभियोग पंजीकृत करने की सस्तुति की थी।

क्या कहा था सीबीसीआईडी ने

लीन उपनिदेशक उद्यान आरसी श्रीवास्तव को षड्यंत्र में दोषी माना था। अपनी जांच रिपोर्ट के पृष्ठ संख्या 90 एवं 101 में इनके विरुद्ध विभागीय कार्यवाही किये जाने की सस्तुति की गई अपराध अनुसंधान विभाग ने जांच में कहा की इनके विरुद्ध भष्टाचार निवारण अधिनियम 1988 की धारा (13) 1 के अंतर्गत अभियोग पंजीकृत कराने की संस्तुति भी की गई थी।

15 दिनों में देना है जवाब

मटेला प्रकरण पर नई सरकार आते ही पर शासन भी गंभीर हुआ है, जो शासन दर्जनों शिकायत मिलने के बाद भी कारवाई नहीं करता था। समय का फेर देखिये जिस अधिकारी ने पदोनत्ति दी, उसी अधिकारी अपर मुख्य सचिव रणवीर सिंह ने अपने ही हस्ताक्षरों से 15 मई को एक अरोप पत्र अपर निदेशक उद्यान आरसी श्रीवास्तव को जारी किया है। जिसमे मटेला कोल्ड स्टोर के साथ कई अन्य मसलों पर भी गंभीर सवाल उठाये गए है। जिसका जवाब देने के लिए आरोप पत्र में बाकायदा 15 दिनों की समय सीमा तय की गई है। शासन के सूत्रों के अनुसार अभी तक इसका जवाब शासन को प्राप्त नहीं हुआ।

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