• Home
  • एक्सक्लूसिव
  • खुलासा
  • ट्रेंडिंग
  • अपराध
  • सियासत
  • नौकरी
  • बिजनेस
  • संपर्क करें
No Result
View All Result
No Result
View All Result

Home एक्सक्लूसिव

आयुर्वेद विश्वविद्यालय मे अवैध काउसलिंग !!

in एक्सक्लूसिव
0
1
ShareShareShare

Related posts

खुलासा : वन विभाग की मिलीभगत से वन माफियाओं ने सैकड़ों की परमिशन के आड़ में काटे हजारों हरे भरे पेड़

June 28, 2022
26

India Post Job Recruitment 2022 : यहां निकली है बंपर भर्तियां। जल्द कर दें आवेदन

June 28, 2022
5

आयुर्वेद विश्वविद्यालय मे अवैध काउंसलिंग हो रही है। अभी किसी भी निजी संस्थान को विश्वविद्यालय से शैक्षणिक सत्र 2017-18 की संबद्धता प्राप्त नही है।जबकि UGC रेगुलेशन 2009 और उत्तराखंड आयुर्वेद विश्वविद्यालय परिनियमावली 2015 के अनुसार प्रत्येक वर्ष संबद्धता लेना अनिवार्य है।

इसके लिए सभी संस्थाओं को एक लाख रुपये प्रोसेसिंग फीस जमा कर आवेदन करना होता है। उसके बाद विश्वविद्यालय द्वारा तीन सदस्यीय  निरीक्षण समिति का गठन होता है, जो संस्थाओं में जाकर CCIM और CCH नईदिल्ली द्वारा निर्धारित मानकों की जांच कर उसकी रिपोर्ट कुलसचिव को देती है। समिति संस्थान में निर्धारित शिक्षक, शिक्षणेत्तर कर्मी, चिकित्सक, पैरामेडिकल स्टाफ़, क्लासरूम, प्रयोगशाला, उपकरणों, चिकित्सा उपकरण,Functioning OPD, IPD, OT, Labour room आदि की उपलब्धता के संदर्भ मे विस्तृत रिपोर्ट देती है।
 इसके अतिरिक्त संस्थान में उपलब्ध शिक्षकों का विश्वविद्यालय से अनुमोदन भी अनिवार्य होता है। उसके उपरांत यह रिपोर्ट कुलपति महोदय को भेजी जाती है। जिसे उनके अनुमोदन के पश्चात विश्वविद्यालय के कैबिनेट रूपी कार्यसमिति में रखा जाता है। जिसके अनुमोदन के उपरांत संस्थाओं को संबद्धता प्रदान की जाती है। और उन्ही सम्बद्ध संस्थाओं को काउंसलिंग के माध्यम से छात्र आवंटित किए जाते हैं।
 जबकि वर्तमान में विश्वविद्यालय के अंदर कार्यसमिति तो बहुत दूर, कोई भी समिति नही है। सारे निर्णय मात्र प्रभारी कुलपति और कुलसचिव ही ले रहे हैं।यह अवैध है।निजी संस्थान अपने स्तर पर बिना संबद्धता के अपनी कोटे की सीटों पर प्रवेश ले चुके हैं और अब आगामी 24 और 25 सितंबर को सरकारी कोटे में भी छात्रों का आवंटन उन्हें विश्वविद्यालय करने जा रहा है।
यह भी पढ़ें:-

विश्वविद्यालय पर गहराए आरोप

उत्तराखंड आयुर्वेद विश्वविद्यालय देहरादून का बेलगाम भ्रस्टाचार,

पूरी जानकारी के बावजूद वर्तमान प्रशासन असमर्थ 
लग रहा है मिलीभगत का आरोप
मीडिया में मुद्दा उठने के बावजूद भी कार्यपद्धति में नही हुआ कोई बदलाव, विश्वविद्यालय बिना सम्बद्धता प्राप्त किये निजी संस्थानों को काउंसलिंग के माध्यम से छात्रों को प्रवेश देने की कार्यवाही हुई प्रारम्भ, 04 माह के प्रभारी कुलपति और कुलसचिव के कार्यकाल में नही हुई कोई भी बैठक, नही हुआ किसी भी समिति का गठन, पूरी तरह से विश्वविद्यालय अधिनियम/परिनियमावली की अनदेखी कर लिए गए कई नीतिगत फैसले, भ्रष्ट/विवादित अधिकारियों को प्रतिनियुक्ति समाप्त होने के पश्चात भी नही गया हटाया, उद्देश्य रहा भ्रष्टाचार को संरक्षण देना, इसी कड़ी में विश्वविद्यालय को भारी वित्तीय क्षति पहुंचाने वाले विवादित अधिकारी श्री संतराम पाँचाल जो कि यहाँ पर पांच वर्षों तक लेखाधिकारी के पद पर कार्यरत रहने के दौरान अनेक वित्तीय घोटालों को अंजाम दिया वजह थी उन्हें पूरा वित्तीय अधिकार प्राप्त होना जबकि यह अधिकार विश्वविद्यालय में सृजित पद वित्त नियंत्रक का है जिस पर शासन द्वारा लोक सेवा आयोग द्वारा चयनित वित्तीय सेवा के अधिकारी श्री संजीव सिंह को नियुक्त भी किया गया है लेकिन वित्त के मामले में उनकी अनुमति तो बहुत दूर उनके पास तो कोई फाइल सलाह के लिए भी नहीं भेजी जाती, अपने पुराने आका की मिली भगत से इन्हें पूरा वित्तीय अधिकार प्राप्त था जिसका इन्होंने पूरा फायदा उठाते हुए अनेक मनमाने भुगतान किया जिसके कुछ ताजातरीन उदाहरण उपनल समेत कई अन्य आपूर्ति करने वाले प्रतिष्ठानों को लाखों रुपये का बिना TDS काटे भुगतान करने वाला मामला भी है। जो कि वर्तमान प्रशासन के भी गले का फांस बन गया है, इस मामलों में अभी तक पहले से ही वित्तीय अभाव का सामना करने वाले विश्वविद्यालय  के खाते से आयकर विभाग दस लाख रुपये काट चुका है और आगे की विभागीय कार्यवाही देहरादून और गाजियाबाद आयकर कार्यालय में गतिमान है जिसमे आयकर विभाग द्वारा लाखों रुपये का आर्थिक जुर्माना विश्वविद्यालय  पर लगने वाला है।
इनके घोटालों की सूची बहुत लम्बी है, जिसका यदि किसी निष्पक्ष जांच एजेंसी से जांच कराई जाए तो मामला करोड़ों रूपये का निकलेगा परन्तु वर्तमान प्रशासन से भी यह अपेक्षा करना बेमानी होगा, क्योंकि यदि ऐसा कुछ करना होता तो इन्हें कार्यमुक्त के उपरांत यहां दुबारा क्यों अटैच किया जाता।
 इन्हें अटैच करने की एकमात्र वजह घोटालों को दबाना एवं दफन करना ही है।यह मामला रोचक तब हुआ जब यह जानकारी मिली कि यह महाशय अपने मूल विभाग निदेशक लेखा एवं हकदारी कार्यालय में सहायक लेखाधिकारी थे परंतु इन्हें इस विश्वविद्यालय में उच्च पद पर रखा गया और अवैध तरीके से  समस्त वित्तीय अधिकार दे दिए गए और पांच साल अपनी प्रतिनियुक्ति का कार्यकाल काटने के उपरांत भारी विवादों और विरोध के उपरांत इन्हें इनके मूल विभाग में भेजा गया। जहां जाकर इन्होंने सहायक लेखाधिकारी के पद पर पुनः योगदान तो कर लिया परन्तु  अपने पुराने और नए आकाओं को संबंधों का हवाला देते हुए चोर दरवाजे से विश्वविद्यालय में पुनः कार्यभार संभाला है।
Previous Post

आपदा में सबसे पहले काम आने वाले प्रशिक्षित हो तो बात बने

Next Post

यहाँ गिरा ट्रक! प्रशासन को नहीं फरक

Next Post

यहाँ गिरा ट्रक! प्रशासन को नहीं फरक

Leave a Reply Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

RECOMMENDED NEWS

ब्रेकिंग : आईएस रामविलास यादव को भेजा जेल। पत्नी की गिरफ्तारी जल्द

5 days ago
2

एक्सक्लूसिव : आईटीआई का खुद का भवन नही होने से प्रवेश नहीं ले पा रहे हैं छात्र

4 days ago
591

बड़ी खबर : अब घर बैठे ही करा सकेंगे एफआईआर। पढ़िए पूरी खबर

10 hours ago
1

अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस पर महिला प्रौद्योगिकी संस्थान में किया योगाभ्यास

6 days ago
16

BROWSE BY CATEGORIES

  • अपनी बात
  • अपराध
  • एक्सक्लूसिव
  • खुलासा
  • खेल
  • ट्रेंडिंग
  • नौकरी
  • पर्यटन
  • पर्वतजन
  • बिजनेस
  • मनोरंजन
  • साक्षात्कार
  • सियासत
  • हेल्थ

POPULAR NEWS

  • ब्रेकिंग: वन विभाग में बंपर तबादले। देखें लिस्ट

    0 shares
    Share 0 Tweet 0
  • दुखद खबर: नहीं रहे लोक गायक नवीन सेमवाल।

    0 shares
    Share 0 Tweet 0
  • धोखाधड़ी : साइबर ठगों ने अपर जिला जज से लुटे डेढ़ लाख रुपए

    0 shares
    Share 0 Tweet 0
  • बड़ी खबर : अब घर बैठे ही करा सकेंगे एफआईआर। पढ़िए पूरी खबर

    0 shares
    Share 0 Tweet 0
  • बड़ी खबर : इस दिन से केदारनाथ नहीं जाएंगे हेलीकॉप्टर। जानिए कारण। पढ़िए पूरी खबर

    0 shares
    Share 0 Tweet 0

    पर्वतजन

    पर्वतजन न्यूज़ पोर्टल उत्तराखंड की ऐसी खबरों का न्यूज़ पोर्टल है, जिन खबरों को शेष मीडिया प्रकाशित करने की हिम्मत नहीं करता | यदि आपके पास कोई ऐसी खबर है, जिसे कोई दूसरा मीडिया नहीं दिखाता तो आप पर्वतजन से संपर्क कीजिए|

    Recent News

    • खुलासा : वन विभाग की मिलीभगत से वन माफियाओं ने सैकड़ों की परमिशन के आड़ में काटे हजारों हरे भरे पेड़
    • India Post Job Recruitment 2022 : यहां निकली है बंपर भर्तियां। जल्द कर दें आवेदन
    • मौसम अपडेट : जानिए कब होगी बारिश। मौसम विभाग ने जारी किया पूर्वानुमान

    Category

    • अपनी बात
    • अपराध
    • एक्सक्लूसिव
    • खुलासा
    • खेल
    • ट्रेंडिंग
    • नौकरी
    • पर्यटन
    • पर्वतजन
    • बिजनेस
    • मनोरंजन
    • साक्षात्कार
    • सियासत
    • हेल्थ

    Recent News

    खुलासा : वन विभाग की मिलीभगत से वन माफियाओं ने सैकड़ों की परमिशन के आड़ में काटे हजारों हरे भरे पेड़

    June 28, 2022

    India Post Job Recruitment 2022 : यहां निकली है बंपर भर्तियां। जल्द कर दें आवेदन

    June 28, 2022
    • Contact
    • Privacy Policy

    © Parvatjan All rights reserved. Developed by Ashwani Rajput

    No Result
    View All Result
    • Home
    • एक्सक्लूसिव
    • खुलासा
    • ट्रेंडिंग
    • अपराध
    • पर्वतजन
    • संपर्क करें

    © Parvatjan All rights reserved. Developed by Ashwani Rajput

    error: Content is protected !!