अध्यापिका उत्तरा बहुगुणा से दुर्व्यवहार के बाद उनको निलंबित किए जाने से उपजे बवाल का भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने भी संज्ञान ले लिया है। अमित शाह ने प्रदेश संगठन से इस पूरे प्रकरण की रिपोर्ट और इसके राजनीतिक नफा-नुकसान का फीडबैक तलब कर दिया है।
भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष अजय भट्ट के उत्तराखंड से बाहर होने के चलते यह रिपोर्ट अभी तक भाजपा हाईकमान को नहीं भेजी जा सकी है।
पर्वतजन के सूत्रों के अनुसार भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष अजय भट्ट पिछले कुछ दिन से उत्तराखंड से बाहर हैं। अजय भट्ट अल्मोड़ा के दौरे के बाद दिल्ली निकल गए थे और आज फ्लाइट से उनकी देहरादून वापसी के बाद ही इस मामले का आकलन करके रिपोर्ट जुटाए जाने की संभावना है।
तीन दिन से सोशल मीडिया से लेकर सभी चैनलों और चौक-चौराहों पर अध्यापिका उत्तरा बहुगुणा और मुख्यमंत्री के बीच हुए गरमा गरम संवाद की बहस छिड़ी हुई है।
तीन दिन से यह मामला सोशल मीडिया पर जमकर ट्रेंड कर रहा है। तमाम राष्ट्रीय चैनलों पर यह मामला पूरे 15-20 मिनट के पैकेज के रूप में चलने के बाद आलाकमान इस प्रकरण के प्रति गंभीर हो गया है।
इस घटना के दिन मुख्यमंत्री खेमे ने प्रिंट मीडिया को काफी हद तक मैनेज करने की कोशिश की और जैसे ही प्रिंट मीडिया ने दूसरे दिन अखबारों में उत्तरा बहुगुणा को दोषी ठहराने का प्रयास किया तो ना सिर्फ उत्तराखंड के तमाम पाठकों ने अखबारों की कटिंग Facebook पर और WhatsApp पर डाल कर अखबारों की जमकर खिंचाई की, बल्कि उत्तराखंड से बाहर के तमाम मीडिया संगठनों ने भी उत्तराखंड के पत्रकारों की जमकर लानत-मलानत की। इससे बैकफुट पर आए प्रिंट मीडिया ने भी आज अपने-अपने अखबारों का एक पूरा पन्ना उत्तरा बहुगुणा को समर्पित करके डैमेज कंट्रोल करने की कोशिश की।
शुरुआत में उत्तरा बहुगुणा को सोशल मीडिया पर मिल रहे समर्थन को मुख्यमंत्री खेमे के कुछ लोगों ने जातिवादी तर्कों से निष्प्रभावी करने की कोशिश की, लेकिन पलटवार के रूप में उन्हें आलोचनाओं की जो बौछार मिली, उससे उन्होंने अपने तर्कों के तीर वापस तरकश में रख कर भागने में ही भलाई समझी।
उत्तरा बहुगुणा के मुद्दे को इतना व्यापक समर्थन मिलते देखकर कांग्रेस ने भी इस मुद्दे को लपक लिया है और आज प्रदेश भर में उत्तरा बहुगुणा को मातृशक्ति का प्रतीक बताते हुए सरकार के खिलाफ प्रदेशव्यापी प्रदर्शन व पुतला दहन शुरू कर दिए हैं।
जन संघर्ष मोर्चा ने भी बोला हमला
इधर मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत की पत्नी तथा अध्यापिका सुनीता रावत के सुगम में तैनाती की जानकारी आरटीआई में जुटाने वाले जन संघर्ष मोर्चा ने भी हमला तेज कर दिया है। आज उन्होंने उत्तरा बहुगुणा प्रकरण पर पलटवार करते हुए मुख्यमंत्री की पत्नी द्वारा बिना उच्चाधिकारियों की स्वीकृति तथा संज्ञान के चल अचल संपत्ति खरीदने पर भी सवाल खड़े किए हैं। बाकायदा आरटीआई में जुटाए दस्तावेजों के आधार पर जन संघर्ष मोर्चा के अध्यक्ष रघुनाथ सिंह नेगी ने सवाल उठाया कि सुनीता रावत ने वर्ष 2010 में और 12 में कुल 833 वर्ग मीटर भूमि के तीन भूखंड खरीदे, जबकि कर्मचारी सेवा आचरण नियमावली के अनुसार उन्हें इसके लिए विभागीय अनुमति लेनी चाहिए थी।
श्री नेगी ने सवाल दागा कि जब एक आम शिक्षिका का मुख्यमंत्री जनता दरबार में बिना विभागीय अनुमति के आना अनुशासनहीनता हो सकती है और उनको निलंबित किया जा सकता है तो सीएम की धर्मपत्नी को बिना विभागीय अनुमति के करोड़ों रुपए की भूमि खरीद मामले में अनुशासनहीनता के कारण क्यों निलंबित व अन्य कार्यवाही नहीं की जा सकती ? श्री नेगी ने दर्जनों समर्थकों के साथ देहरादून के विकासनगर में तहसील का घेराव करके राज्यपाल से इस मामले में कार्यवाही करने की मांग की है।
जिला पंचायत सदस्य सुभाष शर्मा ने तो मुख्यमंत्री की पत्नी सुनीता रावत के शैक्षणिक दस्तावेजों पर ही सवाल खड़े कर दिए। उन्होंने देहरादून प्रेस क्लब में एक प्रेस वार्ता आयोजित करके मुख्यमंत्री की पत्नी की शैक्षिक योग्यता और 22 सालों से देहरादून में ही तैनाती पर सवाल खड़े किए।
उत्तरा बहुगुणा को चौतरफा समर्थन मिलते देखकर भाजपा के सोशल मीडिया धुरंधर से लेकर तमाम जनप्रतिनिधि एक कोने में दुबक गए हैं। पर्वतजन के पास उपलब्ध जानकारी के अनुसार पिछले दिनों अमित शाह ने सोशल मीडिया मैनेज करने वाले जिन कार्यकर्ताओं की बैठक ली थी, उनमें से अधिकांश कार्यकर्ता बीजेपी के दूसरे दिग्गजों के करीबी हैं, जो जानबूझकर इस समय मुख्यमंत्री का बचाव करने के लिए सामने नहीं आ रहे हैं। बाकी कोई भी मुख्यमंत्री का बचाव करने का साहस नहीं जुटा पा रहा है।
यहां तक कि मुख्यमंत्री द्वारा मनोनीत सरकार के प्रवक्ता और कैबिनेट मंत्री मदन कौशिक भी इस पूरे एपिसोड में सिरे से गायब हैं। पार्टी के अंदर इसके भी अलग निहितार्थ निकाले जा रहे हैं।
देखना यह है कि भाजपा आलाकमान प्रदेश संगठन के फीडबैक के बाद क्या निर्णय लेता है और आखिर इस हाइवोल्टेज एपिसोड के बाद उत्तरा बहुगुणा के सवालों का क्या उत्तर मिलता है !