ओम प्रकाश का गिरा एक और विकट।
चंद्रभान को शासन ने उत्तर प्रदेश के लिए किया कार्यमुक्त
कुलदीप एस. राणा
अपर मुख्य सचिव ओम प्रकाश द्वारा प्रतिनियुक्ति पर उत्तर प्रदेश से उत्तराखंड लाये गए चंद्रभान सिंह का उत्तराखंड शासन ने कार्यमुक्ति के आदेश जारी कर दिया है। ग्राम्य विकास विभाग मिर्जापुर उत्तर प्रदेश में तकनीकी अन्वेषक रहे चन्द्रभान सिंह की विगत वर्ष उत्तराखंड चिकित्साशिक्षा में सहायक अभियंता सिविल के पद पर नियुक्ति की गई थी। नियम विरुद्ध तरीके से की गई उक्त नियुक्ति का खुलासा पर्वतजन शुरुआत में ही कर चुका था। किंतु ओम प्रकाश के इस चहेते पर कार्यवाही करने में शासन हमेशा बचता रहा। जबकि चिकित्सा शिक्षा निदेशालय द्वारा भी समय-समय पर चन्द्रभान सिंह की कार्यशैली व उत्तरप्रदेश से आये उनके दस्तवेज़ों की प्रमाणिकता पर शासन के समक्ष संदेह जताता रहा।
नियम विरुद्ध तरीके से हुई उक्त नियुक्त पर जब शासन ने कोई संज्ञान नही लिए तो निदेशालय के सहायक लेखा अधिकारी जेपी भट्ट द्वारा उक्त प्रकरण की शिकायत राजभवन पहुंचा दी।
जिस पर राजभवन द्वारा कड़ा रुख अख्तियार करते हुए शासन को उचित कार्यवाही करने के आदेश दिए। ओम प्रकाश के चहेते चन्द्रभान सिंह से टकराने का खामियाजा अधिकारी जेपी भट्ट को भी भुगतना पड़ा है।
उत्तराखंड शासन ने एक ओर जहां चंद्रभान सिंह को उत्तर प्रदेश के लिए कार्यमुक्त कर दिया है, वहीं जेपी भट्ट का स्थानान्तरण देहरादून से सहायक लेखा अधिकारी कार्यालय परियोजना अधिकारी सर्व शिक्षा अभियान पिथौरागढ़ के पद पर कर दिया है।
गौरतलब है कि उक्त प्रकरण ने सरकार की भ्र्ष्टाचार पर ज़ीरो टॉलरेंस की नीति पर भी सवाल खड़े कर दिए हैं, उक्त प्रकरण में चन्द्रभान को उत्तराखंड लाने वाला उच्च अधिकारी ओमप्रकाश तो साफ बच गया किन्तु भ्रष्टाचार के विरुद्ध आवाज उठाने वाले विभागीय अधिकारी पर इसकी गाज जरूर गिर गयी है।
ऐसे में कोई विभागीय व्यक्ति अपने विभाग में हो रहे भ्र्ष्टाचार के विरुद्ध आवाज उठाने की हिम्मत कैसे कर सकेगा !
अभी भी समय है यदि समय रहते नही चेते तो ओमप्रकाश के ऐसे कारनामे त्रिवेंद्र रावत की असमय विदाई का बड़ा कारण बन सकते हैं।