कांग्रेस छोड़कर भाजपा में आए पूर्व मुख्यमंत्री विजय बहुगुणा लगातार चौथी बार डिनर डिप्लोमेसी के माध्यम से अपनी राजनीति चमकाने के मूड में थे कि ऐन वक्त पर आज मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत ने ऐसा तड़का लगाया कि बहुगुणा के लिए यह डिनर डिप्लोमेसी उल्टी पड़ सकती है।
इससे पहले विजय बहुगुणा कभी अपने निवास पर, तो कभी अपने सहयोगियों के निवास पर इस प्रकार की डिनर डिप्लोमेसी करा कर सरकार पर दबाव बनाने का काम कर चुके हैं।
श्री बहुगुणा ने पिछला डिनर राज्यसभा चुनाव के दौरान तब दिया था, जब भारतीय जनता पार्टी ने अनिल बलूनी को टिकट देकर बहुगुणा को गच्चा दे डाला था।
बहुगुणा अपने और अपने बेटों के पुनर्वास के साथ साथ कांग्रेस छोड़कर भाजपा में आए एक दर्जन विधायकों को अपने पक्ष में मोड़ने के लिए इस प्रकार के हथकंडे अपनाते रहे हैं।
लोकसभा चुनाव से ठीक पहले बहुगुणा अपने लिए पौड़ी लोकसभा से तो अपने बेटे साकेत बहुगुणा के लिए टिहरी लोकसभा से टिकट चाहते हैं। इस डिनर की एक और खास बात यह है कि इसमें टिहरी लोकसभा सीट से सांसद राज्य लक्ष्मी शाह को नहीं बुलाया गया है, इससे यह कयास भी लगाए जा रहे हैं कि विजय बहुगुणा इस सीट पर दावेदारी करने के इच्छुक हैं।
बहुगुणा के करीबी सूत्रों का कहना है कि इस डिनर डिप्लोमेसी के माध्यम से विजय बहुगुणा एक तीर से दो निशाने साधना चाहते हैं। एक ओर वह इस डिनर के माध्यम से अपनी दावेदारी के वजन का अहसास कराना चाहते हैं, वहीं नवनिर्वाचित पार्षदों तथा अन्य सहयोगियों के साथ भी परिचय कर लेना चाहते हैं ताकि भविष्य में काम आए।
बहुगुणा ने आज का डिनर किसी राजनीति के अंतर्गत तय करवाया लेकिन मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत ने शाम आठ बजे होटल जे एस आर मे बहुगुणा के डिनर का आमंत्रण स्वीकार कर बहुगुणा द्वारा की जाने वाली गुटबाजी पर पानी फेरने की तैयारी कर ली। देखना है कि बहुगुणा के नहले पर त्रिवेंद्र रावत का यह दहला कितना काम करता है !