मानसून सत्र के दूसरे दिन भी प्रदेश के मंत्री सत्ता पक्ष के विधायकों के ही निशाने पर अधिक रहे। विकास नगर के विधायक मुन्ना सिंह चौहान तथा झबरेड़ा के विधायक देशराज कर्णवाल ने चीड़ के पेड़ों के सघनी करण और लीसा को खुले में रखने के मामले में वन मंत्री हरक सिंह रावत को घेरा तो सल्ट के विधायक सुरेंद्र सिंह जीना ने लीसे को लेकर वन मंत्री को कटघरे में खड़ा किया। वन मंत्री के बचाव में संसदीय कार्य मंत्री प्रकाश पंत उतरे तो सुरेंद्र सिंह जीना ने कह दिया कि वन मंत्री गलत जवाब दे रहे हैं।
हालांकि हरक सिंह रावत ने जबाब मे कहा कि लीसे को खुले में नहीं रखा जाएगा और खुले में रखने पर संबंधित अधिकारी के खिलाफ कार्यवाही की जाएगी।
इधर बागेश्वर के विधायक चंदन रामदास तथा झबरेड़ा के विधायक देशराज कर्णवाल ने नगर निकायों में अनुसूचित जाति के लिए आरक्षण बढ़ाने की मांग की। इस पर मदन सिंह कौशिक ने कहा कि तय व्यवस्था के अनुसार ही आरक्षण का अनुपात तय किया गया है।
सीएम के विवेकाधीन कोष आवंटन को लेकर कांग्रेस विधायक राजकुमार ने सवाल उठाए तो नेता प्रतिपक्ष इंदिरा ह्रदयेश ने विधानसभा अध्यक्ष के विवेकाधीन कोष को सभी क्षेत्रों में समान रूप से बांटने पर विधानसभा अध्यक्ष की तारीफ की। इस पर सदन ने भी मेज थपथपाकर इसका स्वागत किया।
धनोल्टी के निर्दलीय विधायक प्रीतम पवार ने जंगली जानवरों द्वारा मनुष्य और पशुओं को मारने अथवा घायल करने को लेकर सवाल खड़े किए। गौरतलब है कि वर्ष 2017 से अब तक जंगली जानवरों के हमले में 79 लोगों की मृत्यु हो चुकी है तो 442 लोग घायल हुए हैं। इसके अलावा 11594 पशुओं को नुकसान हुआ। वन मंत्री ने कहा कि 1 सप्ताह के अंदर मृतकों को और घायलों को मुआवजा राशि बांटी जाएगी तथा मुआवजा राशि बढ़ाने पर सरकार विचार कर रही है।
रुद्रपुर के विधायक राजकुमार ठुकराल ने नजूल भूमि में बसी मलिन बस्तियों को मालिकाना हक देने का मामला सदन में उठाया तो खानपुर के विधायक कुंवर प्रणव सिंह ने सरकारी स्कूलों में शारीरिक शिक्षा के पदों पर शिक्षक भर्ती का मामला सदन मे रखा। राजपुर विधायक खजानदास ने सफाई कर्मियों की भर्ती का भी मामला उठाया।
निर्दलीय विधायक प्रीतम सिंह पंवार ने सदन में स्पीड गवर्नर लगाए जाने की बाध्यता खत्म करने को लेकर चर्चा कराने की मांग की। इस पर संसदीय कार्य मंत्री प्रकाश पंत ने कहा कि सरकार इस विषय पर चिंतित है और वाहन स्वामियों की परेशानी का भी ध्यान रखेगी।
नेता प्रतिपक्ष देश ने नियम 58 के तहत पूरे राज्य में हटाया जा रहे अतिक्रमण के कारण बेघर हुए परिवारों को स्थापित करने की मांग की इस पर शहरी विकास मंत्री ने जवाब दिया सरकार मलिन बस्तियों पर अध्यादेश लेकर आई है। करण माहरा ने पुलिस कर्मियों की ड्यूटी 8 घंटे तक सीमित करने की मांग सदन से की। वर्तमान में पुलिसकर्मियों से 12 घंटे की ड्यूटी ली जा रही है।
इसके अलावा गन्ना किसानों के बकाया भुगतान, वीर चंद्र सिंह गढ़वाली परिवार की दुर्दशा और जनरल हनुत सिंह की समाधि स्थल को सीज करने का मामला भी सदन में विपक्षी विधायकों द्वारा उठाया गया।