चिरंजीव सेमवाल
मुख्यमंत्री का विधायक के घर वीआईपी संग सांत्वना देने पहुंचना सरकार की कार्यप्रणाली पर उठा सवाल
भंकोली गांव में 14 मौतों पर सरकार के किसी भी मंत्री का न पहुंचना , सरकार पर उठने लगे सवाल
उत्तरकाशी। गंगोत्री क्षेत्र के विधायक गोपाल सिंह रावत की माता के निधन पर सांत्वना देने के लिये आम व खास लोग उनके घर पर पहुंच रहे हैं। पूर्व में हुई वाहन दुर्घटना में भंकोली गांव के मृत लोगों के घर व डुंडा के एक गांव में दुराचार व निर्मम हत्या के बाद भी पीड़ित परिवार से मिलने के बजाय स्थानीय विधायक की माता के निधन पर गुरूवार को सूबे के मुख्यमंत्री का चार्टर प्लेन से उनके घर आना राजनीतिक गलियारों में एक नई बहस को जन्म दे गया है।
17 सितम्बर को भाजपा के गंगोत्री विधायक गोपाल सिंह रावत की वयोवृद्ध माता का निधन हो गया था। निधन के बाद मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के साथ भाजपा प्रदेश अध्यक्ष अजय भट्ट, किच्छा विधायक राजेश शुक्ला निजी दौरे पर श्री रावत के घर सांत्वना देने पहुंचे।
चार्टर प्लेन से चिन्यालीसौड़ हवाई पट्टी पर करीब ग्यारह बजे पहुंच कर वहां से पूरे लाव लश्कर के साथ करीब एक घंटे में गंगोत्री विधायक के घर पहुंचना, राजनीतिक चश्मे से भी देखा गया और इस पर प्रतिक्रिया भी सामने आने लगी है। इसमें प्रतिक्रिया आनी भी लाजमी है।
गौरतलब है कि 17 अगस्त की काली रात को डुंडा प्रखंड के एक गांव में मासूम के साथ दुष्कर्म व उसकी निर्मम हत्या कर दी गई थी। देवभूमि को कंलकित करने वाली इस घटना से पूरे तीन दिन तक जनपद उत्तरकाशी तीन दिनों तक सुलगता रहा। जिसके बाद राज्य के अन्य स्थानों पर प्रदर्शन भी हुये पर सूबे की सरकार हरिद्वार में स्व. अटल जी की कलश यात्रा में मशगूल रही। वहीं इसके बाद 3 सिंतबर को गंगोत्री से उत्तरकाशी लौट रहे भंकोली गांव के 14 लोगों की वाहन दुर्घटना में मौत तथा घायलों को एम्बुलेंस के लिये घंटों इंतजार करना पड़ा। किंतु मुख्यमंत्री का इनके परिजनों से मिलने न आना तथा विधायक की माता के निधन पर पूरे लाव लश्कर के साथ मुख्यमंत्री का वीआईपी संग सांत्वना देने पहुंचना सरकार की कार्यप्रणाली पर कई सवाल खडे़ कर गया।
क्या कहना है नेताओं का:
प्रदीप भटट कांग्रेस प्रदेश प्रवक्ता कहते हैं,- “गंगोत्री विधायक श्री रावत की माता के निधन पर हमारी भी संवेदना है, किंतु हाल ही में जिले के एक गांव में मासूम के साथ दुराचार व निर्मम हत्या के तीन दिन बाद तक जिला मुख्यालय के सुलगने पर जागी सरकार का स्थानीय विधायक की वयोवृद्ध माता के निधन पर पहुंचना। सरकार की जनता के प्रति बेरूखी एवं अपने विधायकों व कार्यकर्ताओं के प्रति स्नेह को दर्शाता है।”
विजयपाल सिंह सजवाण पूर्व विधायक गंगोत्री क्षेत्र कहते हैं,-“प्रदेश के मुख्यमंत्री गंगोत्री विधायक के घर उनके माता के निधन के बाद आये, उस पर मैं भी संवेदना व्यक्त करता हूं। लेकिन कुछ दिनों पूर्व भंकोली गांव में 14 लोगों की दैवी आपदा में अकाल मौत तथा डुंडा में एक लड़की से दुष्कर्म व हत्या पर मुख्यमंत्री तो दूर सरकार का कोई नुमांईदा व मंत्री तक परिजनों के आसू पोंछने नही आया। इससे साफ है कि सरकार को केवल अपने कार्यकर्ताओं व विधायकों की चिंता है जनता की नहीं। जनता की अवमानना जनता बर्दाश्त नहीं करेगी।”
विष्णुपाल सिंह रावत नेता यूकेडी कहते हैं, -“भाजपा सरकार अपने विधायकों एवं कार्यकर्ताओं तक ही सीमित है। उत्तराखंड के गांव के लोगों पर राज करती भाजपा को इन उत्तराखंडियों से कोई लेना-देना नहीं है। इस की बानगी उत्तरकाशी के दो बडी घटनाओं में देखने को मिला। सरकार सोई रही और जनपद सुलगने के तीन बाद जगी। सरकार कितनी संवेदनहीन है, उसकी कार्यप्रणालियां बता रही है।”