उत्तराखंड में पहली बार इन्वेस्टर्स समिट की सफलता के बाद मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत अब विदेशों में बसे भारतीय मूल के उद्यमियों से संवाद स्थापित करेंगे। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रविवार को रात 9 बजे वर्ल्ड एनआरआई एसोसिएशन द्वारा आयोजित वेबिनार कार्य़क्रम में प्रवासी भारतीय उद्यमियों से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए रू-ब-रू होंगे।
कार्यक्रम में अमेरिका, यूरोपीय देशों, कनाडा, ऑस्ट्रेलिया, दुबई में बसे भारतीय मूल के एंटरप्रेन्योर्स मौजूद रहेंगे। इस दौरान सीएम त्रिवेंद्र, न केवल उद्यमियों से उत्तराखंड में निवेश और विभिन्न क्षेत्रों के विकास में उनके योगदान की संभावनाओं पर चर्चा करेंगे, बल्कि उद्यमियों के सवालों का जवाब भी देंगे।
मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के मीडिया सलाहकार रमेश भट्ट ने बताया कि उत्तराखंड एक संभावनाओं के भरपूर राज्य है। उत्तराखंड में 17 पर्वत चोटियां, 51 अलग-अलग उपसंस्कृतियां, 89 छोटी-बड़ी नदियां, 111 सुरम्य झील व ताल, 151 वन्यजीव संपदा से भरपूर स्पॉट और सैकड़ों मठ मंदिर हैं। यहां शांत सुरक्षित माहौल है, स्वच्छ पर्यावरण है, यहां मेहनत और ईमानदार मैनपावर उपलब्ध है। ईज़ ऑफ डूइंग बिजनेस में उत्तराखंड अग्रणी राज्यों में है। राज्य की ऊंची विकास दर है। सर्विस सेक्टर में अनंत संभावनाएं मौजूद हैं। यह राज्य टूरिज्म, योग आध्यात्म औऱ वेलनेस का प्रमुख केंद्र है। इन्हीं संभावनाओं के उचित उपयोग से राज्य के विकास में भागीदार बनाने के प्रयास किए जा रहे हैं। इन्वेस्टर्स समिट के आयोजन के बाद सरकार का प्रयास है कि राज्य के विकास में प्रवासी भारतीयों के अनुभव और योगदान का लाभ उठाया जाए। मुख्यमत्री त्रिवेंद्र प्रवासी भारतीयों के साथ संवाद के लिए उत्सुक हैं।
उत्तराखंड में स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार के लिए किस तरह तकनीक का सहयोग लिया जाए। हेल्थकेयर में निवेश के जरिए प्रवासी भारतीय क्या मदद कर सकते हैं इस पर भी वेबिनार कार्यक्रम में चर्चा की जाएगी। राज्य सरकार की महत्वाकांक्षी 13 जिले 13 टूरिस्ट डेस्टिनेशन परियोजना का विस्तार औऱ इसमे तकनीकी सहयोग पर भी प्रवासी भारतीयों के साथ चर्चा की जाएगी। चार धाम यात्रा मार्ग पर सुरक्षित औऱ आरामदायक सफर, तकनीक के जरिए सूचना तंत्र में तेजी लाने के लिए भी प्रवासी भारतीयों से तकनीकी मदद मागीं जाएगी।
श्री भट्ट ने बताया कि उत्तराखंड योग और आध्यातम का केंद्र रहा है, इसलिए माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने उत्तराखंड को अलग तरह के एसईजेड यानी स्प्रिचुअल इको जोन में बदलने की राह दिखाई है। प्रवासी भारतीय इस दिशा में क्या योगदान दे सकते हैं, कैसे उनके अनुभव और तकनीकी ज्ञान का लाभ उत्तराखंड को स्प्रिचुअल जोन बनाने में लिया जा सकता है, इस बात की चर्चा भी वेबिनार कार्यक्रम में होगी।