खिलाड़ियों के खिलाड़ी अभिनेता अक्षय कुमार भले ही देशभक्ति की फिल्मों के लिए जाने जाते हैं लेकिन वह कनाडा के नागरिक हैं।
अक्षय कुमार ने वर्ष 2014 में ही कनाडा की नागरिकता ग्रहण कर ली थी।
उत्तराखंड सरकार ने अक्षय कुमार को ब्रांड एंबेसडर घोषित करके फिर से उनकी नागरिकता को लेकर नई चर्चाओं को जन्म दे दिया है
कैनेडियन नागरिक होने के चलते वर्ष 2016 के अप्रैल माह में उन्हें मुंबई से लंदन जाते वक्त हीथ्रो हवाई अड्डे पर रोक दिया गया था।
तब पहली बार यह खुलासा हुआ था कि वह भारत के नहीं बल्कि कनाडा के नागरिक हैं और उनके पास कनाडा का पासपोर्ट था।
अक्षय कुमार उस दौरान रुस्तम पिक्चर की शूटिंग के सिलसिले में मुंबई से लंदन जा रहे थे।
भारतीय संविधान के अंतर्गत कोई भी व्यक्ति दोहरी नागरिकता नहीं ले सकता इसलिए अक्षय कुमार भारत के नागरिक ही नहीं है। वह भारत में वोट भी नहीं डाल सकते। भारत की नागरिकता लेने पर अक्षय कुमार की भारतीय नागरिकता से संबंधित वैधता स्वता ही सरेंडर हो गई थी। अक्षय कुमार ओवरसीज सिटीजन ऑफ इंडिया तो हो सकते हैं और वह आजीवन भारत में भी रह सकते हैं लेकिन ना तो वह वोट दे सकते हैं और ना ही भारत में चुनाव लड़ सकते हैं।
अक्षय कुमार को कनाडा की विंडसर यूनिवर्सिटी से डॉक्टरेट की उपाधि प्राप्त है और उन्होंने अपना भारतीय पासपोर्ट भी सरेंडर कर रखा है। ऐसे में कनाडा के नागरिक को उत्तराखंड का ब्रांड अंबेसडर बनाए जाने पर टीएसआर सरकार पर सवालिया निशान लग गए हैं और साफ है कि टीएसआर उनकी हाल में ही रिलीज टॉयलेट फिल्म को लेकर मोदी द्वारा प्रशंसा किए जाने पर प्रभावित हो गए हैं और मोदी के नक्शेकदम पर चलने की नकल के लिहाज से अक्षय कुमार को ब्रांड अंबेसडर बना दिया गया है।
इससे पहले भी ब्रांड अंबेसडर बनाए गए हेमा मालिनी,महेंद्र सिंह धोनी और विराट कोहली सरीखे स्टार भी उत्तराखंड के लिए कुछ नहीं कर पाए। कुछ करना तो दूर उन्होंने कहीं सार्वजनिक मंच पर उत्तराखंड का नाम तक नहीं लिया।
धोनी अपनी पत्नी साक्षी के साथ कई बार उत्तराखंड आए।हेमामालिनी कई बार आई।विराट अपनी गर्लफ्रेंड को लेकर नरेन्द्रनगर के आनंद होटल मे कई दिन रुके लेकिन उत्तराखंड के बारे मे उन्होने चूं तक नही की।
ऐसे में उन ब्रांड अंबेसडर पर कितना खर्च हुआ तथा उन्हें बिजनेस में कितना फायदा हुआ इसकी खोजबीन तो रिसर्च का विषय है लेकिन उत्तराखंड को उन दोनों ब्रांड अंबेसडर से रत्ती भर भी फायदा नहीं हुआ।इतना ही कह देते कि उत्तराखंड स्वर्ग है तो उतने मे ही काफी लाभ होता लेकिन उत्तराखंड का नाम जुबान पर तक नही आया कभी।
ऐसे में अक्षय कुमार को ब्रांड एंबेसडर बनाकर सरकार की गंभीरता पर भी सवाल खड़े होते हैं। उत्तराखंड की धरती से जन्मे विभिन्न स्टार आज दर्जनों क्षेत्रों में भारत ही नहीं बल्कि विश्व में उत्तराखंड का नाम रोशन कर रहे हैं लेकिन उन सभी को ब्रांड अंबेसडर बनाना छोड़ कर अक्षय कुमार को ब्रांड अंबेसडर बनाना अपनी माटी की उन हस्तियों को भी कमतर आंकना जैसा है।