पुराना ढर्रा बदला !! तो मांग लिया डीएफओ का तबादला
पंकज कुमार को दोबारा अल्मोड़ा की डीएफओ कुर्सी मिले कुछ ही महीने हुए थे कि एक बार फिर डीएफओ का स्थांतरण की मांग उठने लगी है। इस बार उनके स्थानान्तरण की मांग कर्मचारी करने लगे हैं।
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अल्मोड़ा वन विभाग के डीएफओ पंकज कुमार द्वारा वनों में चल रहे अवैध कार्य पर कार्यवाही किये जाने पर परेशान नेताओ ने पूर्व में डीएफओ पंकज कुमार का स्थांतरण कर दिया था। जिसके बाद डीएफओ पंकज कुमार सरकार द्वारा गलत तरीके से स्थांतरण किये जाने पर हाईकोर्ट पहुंचे। हाईकोर्ट ने सरकार को फटकार लगाते हुए डीएफओ का स्थानांतरण रद्द कर उनकी नियुक्ति अल्मोड़ा में दोबारा करने के आदेश दिए और वह अल्मोड़ा में तैनात किए गए।
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आपको बता दें कि अल्मोड़ा के वन विभाग कार्यालय में एक बार फिर इन दिनों कर्मचारी ओर डीएफओ के बीच जमकर तनातनी चल रही है। कार्य मे लापरवाही या देरी होने से डीएफओ द्वारा स्पष्टीकरण मांगे जाने का विरोध कर्मचारी कर रहे हैं। डीएफओ द्वारा कार्य में लापरवाही पर स्पष्टीकरण मांगे जाने पर नाराज कर्मचारियों ने डीएफओ को यहां से हटाने की मांग की है। वही कर्मचारियों ने चेतावनी दी है कि अगर जल्द ही डीएफओ का स्थान्तरण नहीं किया गया तो 26 नंवम्बर से कर्मचारी डीएफओ के कार्यालय कक्ष में ताला लगा कर डीएफओ पंकज कुमार का विरोध करेंगे। पिछले दिनों कर्मचारियों ने डीएफओ का स्थानान्तरण को लेकर डीएम के माध्यम से मुख्यमंत्री को एक ज्ञापन भी सौंपा। जबकि डीएफओ इसे उनके द्वारा ईमानदारी से किए जा रहे कार्य को देखते हुए कुछ लोगों द्वारा उनके खिलाफ किया जा रहा षड्यंत्र बता रहे है।
साफ और स्वच्छ छवि रखने वाले अधिकारियों को हमेशा से ही काम करना महंगा पड़ता है। क्योंकि कोई भी अधिकारी स्वच्छ व ईमानदारी से काम करेगा तो उसको इसका खामियाजा कई तरह के आरोप लगा कर उसका ट्रांसफर कर भुगतना पड़ता है।
कर्मचारियों का कहना है कि कार्य मे थोड़ी देरी होने पर उनसे स्पष्टीकरण मांग लिया जाता है, जिससे उनका मानसिक उत्पीड़न हो रहा है।
वहीं वन विभाग मिनिस्ट्रियल कर्मचारी संघ के अध्यक्ष व संरक्षक भी डीएफओ पर विभागीय डाकों को पेंडिंग रखने व स्पष्टीकरण लिए जाने का आरोप लगा रहे हैं ओर डीएफओ को जिला ही नही प्रदेश से बाहर करने तक की मांग कर रहे हैं।
वहीं डीएफओ पंकज कुमार का कहना है कि षड्यंत्र के तहत उन पर आरोप लगाए जा रहे हैं। उनके आफिस में उनके स्तर से उनकी टेबल में कोई भी डाक पेंडिंग नही हैं। कार्य मे लापरवाही करने वालों से स्पष्टीकरण मांगा जाना एक प्रक्रिया है ताकि विभाग का काम प्रभावित न हो।
बता दें कि अल्मोड़ा वन प्रभाग में तैनात पंकज कुमार साफ स्वच्छ छवि के डीएफओ माने जाते हैं। उनकी ईमानदारी की तारीफ उनके उच्च अधिकारी भी पूर्व में कर चुके हैं।
पूर्व में पंकज कुमार लीसा माफियाओं के खिलाफ कार्यवाही को लेकर चर्चाओं में रहे हैं। उन्होंने पूर्व में अवैध रूप से जंगलों का दोहन कर रहे कई लोगों के खिलाफ कार्रवाई की थी। जिसके बाद कुछ राजनेताओं के दबाव में तत्कालीन जिलाधिकारी ईवा आशीष श्रीवास्तव की शासन को शिकायत पर शासन ने 30 मई 2018 को स्थानान्तरण कर दिया गया था। नियम विरूद्ध किए गए स्थानान्तरण के खिलाफ पंकज कुमार हाईकोर्ट की शरण में चले गए। 23 जुलाई 2018 को हाईकोर्ट ने पंकज कुमार के स्थानान्तरण को नियम विरूद्ध मानते हुए शासन को पंकज कुमार को यथावत अल्मोड़ा डीएफओ के रूप में चार्ज देने के आदेश दिए।
हाईकोर्ट के आदेश के बाद पंकज कुमार ने 06 अगस्त 2018 को वापस डीएफओ अल्मोड़ा के रूप में चार्ज संभाला। अल्मोड़ा डीएफओ की कुर्सी पर बैठे पंकज कुमार को अभी कुछ ही महीने ही हुए थे कि एक बार फिर से पंकज कुमार के स्थानान्तरण की मांग उठने लगी है।
वहीं इस पूरे मामले में सूत्रों की बात मानी जाए तो डीएफओ पंकज कुमार ने विभाग में वर्षो से एक ही जगह पर कार्य रहे लोगों द्वारा बरती गई अनियमिताओं के खिलाफ भी स्पष्टीकरण मांगना शुरू किया है।
सूत्रों के अनुसार विभाग में कुछ घपले घोटालों पर पंकज कुमार की नजर पड़ी है। जिसको लेकर पंकज कुमार ने सख्ती दिखानी शुरू की थी तो उनके स्थानान्तरण की कोशिशें शुरू हो गई हैं।