देहरादून। जनसंघर्ष मोर्चा अध्यक्ष एवं जीएमवीएन ने पूर्व उपाध्यक्ष रघुनाथ सिंह नेगी ने कहा कि उच्च न्यायालय में दायर जनहित याचिका को मात्र इस आधार पर 18.09.2018 को खारिज किया है कि याचिकाकर्ता रघुनाथ सिंह नेगी राजनैतिक पृष्ठ भूमि से जुड़े व्यक्ति हैं तथा पूर्व में गढ़वाल मंडल विकास निगम में उपाध्यक्ष रहे हैं एवं राजनैतिक लाभ लेने के लिए जनहित याचिका दायर की गयी है।
स्थानीय होटल में पत्रकार से वार्ता करते हुए नेगी ने कहा कि उक्त मामले में जनसंघर्ष मोर्चा के सैकड़ों साथी, जो कि राजनैतिक पृष्ठ भूमि से नहीं है, सीएम त्रिवेन्द्र के खिलाफ ढैंचा बीज घोटाले को लेकर आक्रोशित है तथा फिर से जनहित याचिका अपने-अपने नाम से करने को तैयार है।
नेगी ने कहा कि मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने वर्ष 2010 में कृषि मंत्री रहते हुए 9680 कुंटल ढैंचा बीज की मांग के सापेक्ष 15000 कुंटल ढैंचा बीज की खरीद हेतु आदेश पारित किये तथा कई अन्य अनियमितताएं की।
तत्कालीन कृषि मंत्री त्रिवेन्द्र रावत (वर्तमान मुख्यमंत्री) द्वारा किए गए भ्रष्टाचार एवं मुख्यमंत्री बनते ही मातहत अधिकारियों पर दबाव डालकर त्रिपाठी जांच आयोग की रिपोर्ट को ही पलटवा दिया गया था। एक्शन टेकन कमेटी की रिपोर्ट में क्लीन चिट दिए जाने संबंधी रिपोर्ट को न्यायालय में पेश करा दिया गया कि एक्शन टेकन रिपोर्ट में त्रिवेंद्र रावत दोषी नहीं पाये गये हैं।
पूर्व में उक्त मामले की गूंज पूरे प्रदेश में होने पर प्रकरण में तत्कालीन कांग्रेस सरकार के समय वर्ष 2013 में एकल सदस्यीय एससी त्रिपाठी जांच आयोग गठित किया, जिसमें ढैंचा बीज घोटाले की जांच हेतु निर्देशित किया गया था।
उक्त मामले की गहन जांच के उपरांत त्रिपाठी जांच आयोग द्वारा तत्कालीन कृषि मंत्री त्रिवेंद्र रावत के खिलाफ तीन बिंदुओं पर कार्यवाही की सिफरिश की, जिसमें कृषि अधिकारियों का निलंबन एवं फिर उस आदेश को पलटना, सचिव, कृषि की भूमिका की जांच विजिलेंस से कराये जाने के मामले में अस्वीकृति दर्शाना तथा बीज डिमांड प्रक्रिया सुनिश्चित किये बिना अनुमोदन करना। इस प्रकार आयोग ने इसे उत्तर प्रदेश (अब उत्तराखंड) कार्य नियमावली 1975 का उल्लंघन माना है। आयोग ने श्री रावत के खिलाफ सिफारिश की है कि रावत Prevention & Corruption Act 1988 की धारा १३(१) (d) (iii) के अन्तर्गत आते हैं तथा सरकार उक्त तथ्यों का परीक्षण कर कायवाही करे।
मोर्चा सीएम त्रिवेन्द्र रावत पर दोधारी तलवार के रूप में सुप्रीमकोर्ट में एसएलपी व उच्च न्यायालय में जनहित याचिका दायर करेगा। पत्रकार वार्ता में दिलबाग सिंह, प्रेमलता भरतरी, विनोद काम्बोज, प्रवीण शर्मा पीन्नी, नवीन नेगी आदि थे।