नगर निकाय चुनाव का पेंच भले ही अभी न्यायालय और चुनाव आयोग से होता हुआ राज्य सरकार के पाले में घूम रहा हो, किंतु उत्तराखंड की सबसे बड़ी हॉट सीट देहरादून नगर निगम के लिए भाजपा के दावेदारों में कुलदीप बुटोला का नाम भी चल पड़ा है। कुलदीप बुटोला देहरादून के जिला सहकारी बैंक के अध्यक्ष रह चुके हैं। २०१७ के विधानसभा चुनाव में रायपुर विधानसभा से टिकट के दावेदार रहे कुलदीप बुटोला को तब अपनी दावेदारी वापस लेनी पड़ी, जब भाजपा ने कांग्रेस छोड़कर आए उमेश शर्मा काऊ को मैदान में उतारा। राष्ट्रीय नेतृत्व के हस्तक्षेप के बाद कुलदीप बुटोला को रायपुर विधानसभा का संयोजक बनाया गया। तब पार्टी ने भविष्य में उन्हें उचित सम्मान देकर रायपुर की कमान सौंपी। उनके संयोजन में लड़े गए रायपुर विधानसभा का परिणाम पूरे प्रदेश में इतिहास बना गया और काऊ प्रधान सभी रिकार्डों को ध्वस्त करते हुए ३७ हजार वोटों से चुनाव जीतने में सफल रहे।
कुलदीप बुटोला २००२, २००७, २०१२ के विधानसभा चुनाव और २०१४ के उपचुनाव में त्रिवेंद्र रावत के बहुत करीबियों में रहे, जिन्हें चुनाव मैनेजमेंट से लेकर बूथ मैनेजमेंट की जिम्मेदारी दी जाती रही। कुलदीप बुटोला द्वारा तब देहरादून नगर निगम के मेयर पद के लिए दावेदारी ठोकने के बाद मामला दिलचस्प हो गया है। देखना है कि भारतीय जनता पार्टी और मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत अपने खास कुलदीप बुटोला के लिए क्या तय करते हैं?
बहरहाल, पूरे नगर निगम क्षेत्र में बुटोला के प्रचार-प्रसार में दावेदारों के बीच जरूर नया समीकरण खड़ा कर दिया है।