गैरसैण में विधानसभा सत्र आयोजित कराने न कराने को लेकर भाजपा सरकार के अंदर खेमे बंदी शुरू हो गई है। कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत ने इस मामले में अजय भट्ट के सुर में सुर मिलाते हुए कहा कि बिना सुविधाओं के सत्र आयोजित करना ठीक नहीं है।
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हरक सिंह रावत ने कहा कि गैरसैंण में सत्र आयोजित होने पर सरकार और विपक्ष एक साथ मिलकर के सत्र स्थगित कराने पर और हंगामा करने पर जोर देती है ताकि सत्र स्थगित हो जाये।
हरक सिंह रावत तो यहां तक कह उठे कि देहरादून को ही स्थाई राजधानी घोषित कर दिया जाना चाहिए तथा पार्टी और सरकार को इस पर जल्दी निर्णय लेना चाहिए।
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वहीं विधानसभा अध्यक्ष प्रेम चंद्र अग्रवाल का बयान मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत का समर्थन करने वाला है। विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचंद अग्रवाल ने कहा कि पहले भी गैरसैंण में सत्र आयोजित हुए हैं और वह अभी सत्र आयोजित करने के लिए पूरी तरह तैयार हैं।
हालांकि कैबिनेट मंत्री प्रकाश पंत ने इस मामले में बीच बचाव करते हुए बयान दिया कि साल भर में एक बड़ा सत्र गैरसैंण में जरूर आयोजित किया जाएगा।
भारतीय जनता पार्टी तथा सरकार के बड़े दिग्गजों के इस विवाद में कूदने के बाद अब यह मामला इतनी जल्दी थम जाएगा, लगता तो नहीं।