अजय भट्ट ने आज मीडिया में बेहद गैर जिम्मेदाराना बयान देते हुए कहा कि भाजपा के जिन भी नेताओं के नाम स्टिंग में सामने आए हैं उन पर कोई भी अनुशासनात्मक कार्रवाई नही की जाएगी।
अजय भट्ट ने उल्टा मीटू प्रकरण की युवती पर सवाल उठाते हुए कहा कि आखिर वह युवती कौन है ! उसका धंधा क्या है ! अजय भट्ट ने उल्टा पीड़िता की ही जांच करने की मांग कर डाली है।
अजय भट्ट ने यह भी कहा कि युवती के पीछे कोई न कोई ताकतें हैं जो उसे उकसा रही हैं।
देखिए वीडियो
मी टू प्रकरण पर बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष अजय भट्ट का बड़ा बयान सामने आया है। अजय भट्ट ने कहा कि संजय कुमार पार्टी से बाहर हो चुके हैं, और यह मामला न्यायालय के समक्ष है। जबकि हकीकत यह है कि अभी इस मामले में पुलिस के पीड़िता के पूरे बयान तक दर्ज नहीं हो पाए हैं। आखिर अजय भट्ट को यह बयान देने की जरूरत क्या आन पड़ी !
आखिर ऐसी कौन सी नस है जो भाजपा प्रदेश अध्यक्ष की दबी हुई है, जिससे उन्हें भाजपा की ही कार्यकर्ता के यौन शोषण के मामले में घिरने वाले नेताओं को बचाने के लिए सामने आना पड़ा है !
अजय भट्ट के इस बयान पर प्रतिक्रिया जानने के लिए जब पर्वतजन ने पीड़िता से संपर्क किया तो उन्होंने अजय भट्ट के बयान पर काफी आश्चर्य व्यक्त किया और कहा कि अजय भट्ट के संज्ञान में यह मामला शुरुआत से ही है।
पीड़िता ने कहा कि अजय भट्ट के इस बयान से यह पता चलता है कि भाजपा की “बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ” के प्रति वाकई कैसी सोच है !
पीड़िता ने कहा कि यह सब तो भाजपा के अंदर उसके ज्वाइन करने से भी पहले से ही चल रहा था। भाजपा के नेताओं का चरित्र कोई उनकी एंट्री के बाद थोड़ी ही खराब हुआ।
यौन उत्पीड़न की शिकार भाजपा के संगठन महामंत्री रहे संजय कुमार के खिलाफ निष्पक्षता से जांच करने के लिए कोई कार्यवाही कराने के बजाय अजय भट्ट ने उल्टे यह कह दिया कि ऐसे लोगों की भी जांच होनी चाहिए जो युवती को उकसा रहे हैं।
अजय भट्ट ने सरकार से युवती को न्याय दिलाने के लिए प्रयास कर रहे लोगों के खिलाफ भी जांच कराए जाने के लिए सरकार से मांग की है।
अजय भट्ट के हालिया बयान से यह सवाल खड़े हो गए हैं कि क्या संजय कुमार को पार्टी से बाहर कर देना ही उनके लिए पर्याप्त सजा है !
आखिर अजय भट्ट ने संजय कुमार के खिलाफ किसी तरह की जांच कराने का बयान देने के बजाय इस तरह का बयान क्यों दिया ! इसकी भी चर्चाएं होने लगी है। गौरतलब है कि अपने साथ यौन उत्पीड़न की पहली शिकायत पीड़िता ने अजय भट्ट से ही की थी और पहले दिन से अजय भट्ट के संज्ञान में यह बात थी।
आखिर एक प्रदेश अध्यक्ष होते हुए एक पार्टी कार्यकत्री तथा कार्यालय में काम करने वाली कर्मचारी के खिलाफ यौन उत्पीड़न की शिकायत संज्ञान में होने के बावजूद अजय भट्ट ने कोई कार्यवाही क्यों नहीं की ! यह अजय भट्ट पर भी गंभीर सवाल खड़े करता है।
उल्टा उनका यह ताजा बयान यह इशारे करने के लिए पर्याप्त है कि अजय भट्ट किसी न किसी दबाव में जरूर हैं, जिससे उन्हें संजय कुमार और इस प्रकरण में फंसे भाजपा नेताओं के समर्थन में खड़ा होना पड़ रहा है। अजय भट्ट ने पीड़िता के लिए यह बयान भी दिया है कि “युवती कौन है और उसका धंधा क्या है !”
अजय भट्ट के वीडियो में सुने जा रहे इस बयान से कुछ सवाल खड़े होते हैं।
पहला सवाल तो यही है कि
आखिर अजय भट्ट का इस “धंधा” शब्द से क्या तात्पर्य है ! अजय भट्ट से यह जरूर पूछा जाना चाहिए कि युवती के चरित्र पर सवाल खड़े करने का उनका आखिर मकसद क्या है !
दूसरा सवाल यह है कि अजय भट्ट कह रहे हैं कि “लड़की कहां की है, कहां से आई है, उसे पार्टी में कौन लेकर आया है !” यदि वह जानबूझकर अब अपनी ही कार्यकर्ता से पल्ला नहीं झाड़ रहे हैं तो क्या उन पर कार्यवाही होगी जो युवती को पार्टी में लेकर आए अथवा क्या इसकी जांच कराई जाएगी ?
तीसरा सवाल यह है कि जब पुलिस में एफ आई आर दर्ज की जा चुकी है तथा विवेचना जारी है तो ऐसे में वह अन्य नेताओं को क्लीन चिट पहले ही कैसे दे रहे हैं ?
उन्हें यह कैसे पता है कि बाकी सब पाक साफ है ?
चौथा सवाल यह है कि क्या अजय भट्ट का यह बयान भाजपा नेताओं को बचाने के लिए पुलिस तथा जांच अधिकारियों पर सत्ता का दबाव बनाने के लिए दिया गया है !
पांचवा सवाल यह है कि आखिर पीड़िता जब बालिग है तो फिर वह किसके उकसाने पर काम कर सकती है ! क्या अजय भट्ट का इशारा अपनी ही पार्टी के कुछ वरिष्ठ नेताओं की तरफ है !
छठा सवाल यह है कि कहीं अजय भट्ट ने यह बयान खुद किसी के उकसाने पर तो नहीं दिया है !!