देवताओं के साथ इंसानी रिश्तों का गवाह टकनौर का सेलकु मेला 

गिरीश गैरोला उत्तरकाशी

उच्च हिमालयी क्षेत्र के दुर्लभ पुष्पों की लगती है प्रदर्शनी।

देव डोली के स्पर्श के बाद पुष्प बन जाते हैं प्रसाद

उत्तरकाशी जनपद के टकनौर पट्टी मे मौसम बदलने के साथ ही ठंड बढने के  साथ बुग्यालों मे पशुपालक भी निचले इलाके मे उतरने की तैयारी मे है।इस अवसर पर दयारा बुग्याल के प्रमुख पड़ाव रेथल  गांव मे ऋतु परिवर्तन का द्योतक व सुख समृद्ध का प्रतीक सेलकु पर्व  धूमधाम से मनाया जाता है ।

माँ जगदंबा के मंदिर परिसर मे स्थानीय सोमेश्वर देवता की मौजूदगी मे लगी पुष्प प्रदर्शनी के बाद देवता के आशीर्वाद के लिए इलाके की सभी  ब्याहता बेटियों को भी  मायके  बुलाया जाता है।

मेले के लिए स्थानीय सोमेश्वर देवता तीन व्यक्तियों का चयन करता है, जिन्हे  1500 फीट से अधिक  ऊंचाई पर मौजूद  दुर्लभ देव  पुष्पों मे से ब्रहम कमल , केदार पाती , लेसर , भूत केश ,जड़िया आदि फूलों  को लेने के लिए भेजा जाता है।

इस कार्य मे तीन दिन का समय लगता है। दयारा पर्यटन  समिति के अध्यक्ष मनोज राणा और क्षेत्र पंचायत सदस्य राजकेन्द्र ने बताया कि इन दुर्लभ फूलों को मंदिर परिसर मे सजाया जाता है। इसकी विधिवत पूजा कि जाती  है। इनकी महक से देव डोली प्रसन्न   होती है और झूम कर पुष्पों के चारों तरफ नृत्य करती है और अपना आशीर्वाद  देती है।

देव डोली के स्पर्श  के बाद इन पुष्पों को प्रसाद के रूप मे वहां मौजूद दर्शकों मे बाँट दिया जाता है।

फूलों के इस प्रसाद को लेने के लिए भीड़ बेताबी से इन पर टूटती है और एक प्रतिस्पर्धा के तौर पर अधिक से अधिक फूलों को समेटने की  होड़ देखने को मिलती है। हालांकि बाद मे उसे वहां मौजूद दर्शकों मे बाँट दिया जाता है।

पुष्प प्रसाद लेने के बाद सभी ग्रामीण महिलायें बेटी अथवा बहू, किशोर युवक अथवा बुजुर्ग सभी एक दूसरे के कमर मे हाथ डालकर समूहिक तांदी नृत्य करते हैं।

उच्च हिमालयी  क्षेत्र मे स्थित उत्तरकाशी जनपद के टकनोर पट्टी मे ठंड बढने के साथ ही सेलकु मेले मे इलाके के पाँच गांवों के ग्रामीणों के साथ गंगोत्री विधायक गोपाल रावत ने शिरकत की और मेले को विश्व प्रसिद्ध दयारा के बेस कैंप के साथ धार्मिक पर्यटन  से जोड़ने का भरोसा दिलाया।

सेलकु मेले मे मुख्य अतिथि गंगोत्री के विधायक गोपाल सिंह रावत ने भी नगर के गणमान्य लोगों के साथ सामुहिक तांदी नृत्य मे हिस्सा लिया।उन्होने दयारा के इस बेस कैंप को धार्मिक पर्यटन के लिहाज से भी विकसित करने का भरोसा दिलाया।

Read Next Article Scroll Down

Related Posts