• Home
  • उत्तराखंड
  • सरकारी नौकरी
  • वेल्थ
  • हेल्थ
  • मौसम
  • ऑटो
  • टेक
  • मेक मनी
  • संपर्क करें
No Result
View All Result
No Result
View All Result
Home पर्वतजन

पडऩे लगा फरक

in पर्वतजन
0
1
ShareShareShare

अपनी शर्तों पर राजनीति करने वाले नेताओं में शुमार हरक सिंह रावत उत्तराखंड बनने के बाद तीसरी बार कैबिनेट मंत्री और एक बार नेता प्रतिपक्ष बनकर
अपनी ताकत का एहसास करा चुके हैं। देखना है कि इस सरकार में हरक सिंह किस रूप में उभरकर आते हैं।

पर्वतजन ब्यूरो

विधानसभा चुनाव में जब हरक सिंह रावत कोटद्वार से प्रत्याशी घोषित हुए तो राजनीति के जानकारों ने घोषणा कर दी कि इस बार तो हरक सिंह को हारने से बाबा सिद्धबली भी नहीं बचा पाएंगे। चुनाव चरम पर पहुंचा तो हरक सिंह को बाहरी बताकर हराने की कोशिश हुई, किंतु आखिर में हरक सिंह ने एक ही मास्टर स्ट्रॉक से विरोधियों को चित कर दिया। हरक सिंह ने आखिरी जनसभा में अपने संबोधन में कहा कि यदि सुरेंद्र सिंह नेगी में दम है और वे मुझे बाहरी बता रहे हैं तो वो स्पष्ट कर दें कि उत्तर प्रदेश के २० हजार लोग जो अब कोटद्वार में बस चुके हैं, वे भी बाहरी हैं। हरक सिंह के इस बयान ने सुरेंद्र सिंह नेगी को ११ हजार मतों से मात दिला दी। साथ ही पूरे प्रदेश में संदेश भी गया कि हरक सिंह ही वह नेता हैं, जो किसी भी विधानसभा में जाकर चुनाव जीतने की कुव्वत रखता है।
उत्तराखंड के एकमात्र मंत्री हरक सिंह रावत ऐसे मंत्री रहे, जिन्होंने विधानसभा में अपने कार्यालय में बिना किसी पूजा-पाठ-हवन के काम शुरू कर दिया। संयोग से हरक सिंह रावत ठीक एक वर्ष बाद २० मार्च को विधानसभा के उसी कार्यालय में पुन: विराजमान हुए, जिसे एक वर्ष पूर्व तत्कालीन मुख्यमंत्री हरीश रावत ने अपने हाथों से सीज कर दिया था।
मंत्री पद की शपथ लेने के बाद तमाम कैबिनेट मंत्री और राज्य मंत्री जब अपने कार्यालयों में तमाम लोगों की गुलदस्तों के साथ शुभकामनाएं आदान-प्रदान करते हुए फोटो खिंचवा रहे थे और कुछ विभाग मिलने के बाद काम करने की रूपरेखा तैयार कर रहे थे, उस वक्त हरक सिंह रावत विधानसभा के कक्ष संख्या १२० में तमाम अधिकारियों के साथ गढ़वाल और कुमाऊं को जोडऩे और १०० किमी. की दूरी को खत्म करने वाले बहुप्रतीक्षित कंडी मार्ग के लिए बैठक ले रहे थे।
हरक सिंह ने इस बैठक में अधिकारियों को स्पष्ट संदेश दे दिया कि उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत का संकल्प है कि वो हर हाल में कंडी मार्ग को खुलवाएंगे, इसलिए एक-एक अधिकारी इस बात को गांठ बांध लें कि यह सड़क हर हाल में खुलेगी। अधिकारी अपने स्तर से काम करें, मैं केंद्र सरकार के स्तर पर भी काम करूंगा और यदि किसी भी संदर्भ में न्यायालय भी जाना पड़े तो हम उससे पीछे नहीं हटेंगे, लेकिन इस बहुप्रतीक्षित मार्ग को हम हर हाल में खोलेंगे।
हरक सिंह की इस बैठक के बाद इलेक्ट्रॉनिक मीडिया से लेकर तमाम प्रिंट मीडिया और सोशल मीडिया में जमकर खबरें चली कि आखिरकार जब विभाग तय ही नहीं हुए तो हरक सिंह रावत कैसे बैठक ले सकते हैं। हरक सिंह रावत से जब इन्हीं मीडिया के लोगों ने बाद में प्रतिक्रिया जाननी चाही तो हरक सिंह रावत का जवाब था कि उत्तर प्रदेश से लेकर उत्तराखंड तक एक मंत्री के रूप में काम करने का उन्हें अनुभव है और उन्हें यह भी मालूम है कि वो कौन सी बैठक कब ले सकते हैं। हरक सिंह को इस बयान के बाद मीडिया का शोरगुल भी खत्म हो गया।
इस बीच हरक सिंह रावत दिल्ली दौरे पर निकले। दिल्ली जाकर हरक सिंह रावत ने तमाम मंत्रियों के साथ केंद्रीय सड़क एवं परिवहन मंत्री नितिन गडकरी से मुलाकात की। हरक सिंह रावत द्वारा दिए गए प्रस्तावों पर केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने तत्काल स्वीकृति देकर स्पष्ट कर दिया कि डबल इंजन की बात यूं ही नहीं की गई थी। जो भी प्रस्ताव उत्तराखंड सरकार के किसी भी मंत्री से आएगा, उसे हर हाल में अमलीजामा पहनाया जाएगा। नितिन गडकरी ने लालढांग-कोटद्वार मार्ग को राष्ट्रीय राजमार्ग से जोडऩे की मांग तो स्वीकार की ही, साथ ही आश्वस्त किया कि लालढांग-कोटद्वार-रामनगर को जोडऩे वाले मार्ग को शीघ्र ही राष्ट्रीय राजमार्ग में तब्दील करने की प्रक्रिया भी शुरू कर दी जाएगी।
केंद्रीय पर्यटन मंत्री महेश शर्मा से मुलाकात के बाद हरक सिंह ने ऐलान किया कि केंद्रीय पर्यटन मंत्री ने कोटद्वार के कण्वाश्रम को राष्ट्रीय पर्यटन में शामिल करने की स्वीकृति दे दी है।
देहरादून आकर हरक सिंह रावत ने सबसे पहले मृत्युंजय मिश्रा की आयुष विभाग से विदाई कर स्पष्ट कर दिया कि मिश्रा के पापों को ढोने के दिन अब उनके विभाग में नहीं रहे। आयुष विभाग की बैठक के बाद हरक सिंह रावत ने ऐलान किया है कि अगले पांच वर्षों में आयुष को वे उस ऊंचाई पर ले जाएंगे, जिसकी आज तक किसी ने कल्पना भी नहीं की थी।
२००२ और २०१२ में काबीना मंत्री रहते हुए हरक सिंह ने अपने विभागों में कामों को जिस अंदाज में गति प्रदान की, यदि वही स्पीड अब भी बरकरार रही तो यह भी तय है कि हरक सिंह कुछ नए रिकार्ड अपने नाम कर सकते हैं। उपनल जैसे विभाग की चर्चा उत्तराखंड में तब हुई, जब हरक सिंह उसके मंत्री बने। उपनल के हजारों कर्मचारी आज भी हरक सिंह के भरोसे ही इंतजार में हैं। देखना है कि प्रचंड बहुमत की वर्तमान सरकार में हरक सिंह रावत क्या नया करते हैं।

Related posts

गणतंत्र दिवस परेड में उत्तराखण्ड का प्रतिनिधित्व करने वाले एसजीआरआर विश्वविद्यालय के एनसीसी कैडेट्स श्री दरबार साहिब में सम्मानित

March 29, 2023
13

श्री महंत इन्दिरेश अस्पताल के ईएनटी सर्जन ने पॉच साल के बच्चे की श्वास नली से निकाली सीटी

March 28, 2023
39
Previous Post

एक सचिव ने दुत्कारा दूसरे ने दुलारा

Next Post

छात्रवृत्ति जांच के बहाने अरबों लैप्स

Next Post

छात्रवृत्ति जांच के बहाने अरबों लैप्स

Leave a Reply Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

    Recent News

    • ब्रेकिंग : कांग्रेस ने की जिला अध्यक्षों की लिस्ट जारी
    • अपडेट : प्रधानमंत्री आवास योजना लिस्ट जारी। जानिए कैसे करें चेक
    • अपडेट: आज फिर बदलेगा मौसम का हाल !

    Category

    • उत्तराखंड
    • पर्वतजन
    • मौसम
    • वेल्थ
    • सरकारी नौकरी
    • हेल्थ
    • Contact
    • Privacy Policy
    • Terms and Conditions

    © Parvatjan All rights reserved. Developed by Ashwani Rajput

    No Result
    View All Result
    • Home
    • उत्तराखंड
    • सरकारी नौकरी
    • वेल्थ
    • हेल्थ
    • मौसम
    • ऑटो
    • टेक
    • मेक मनी
    • संपर्क करें

    © Parvatjan All rights reserved. Developed by Ashwani Rajput

    error: Content is protected !!