नमामि गंगे परियोजना में गंगा के मायके उत्तरकाशी में महत्वपूर्ण घाटों की उपेक्षा का आरोप ।
विभागों में बिना निविदा आमंत्रित किए अपने चहेतों को ठेकों की बंदर बांट का आरोप।
भाजपा के पूर्व वरिष्ठ नेता और पूर्व चार धाम विकास परिषद के उपाध्यक्ष पार्टी से बाहर होने के बाद अब लोग संघर्ष मोर्चा के माध्यम से खोल रहे हैं पार्टी के अंदरूनी राज।
पिछले दिनों जल संस्थान के घेराव के बाद मंगलवार को सिंचाई विभाग ज्ञानसू में विरोध प्रदर्शन कर मांगे जवाब।
गिरीश गैरोला
उत्तरकाशी जनपद के गंगोत्री विधानसभा में वर्ष 2017 के विधानसभा चुनाव में बागी तेवर अपनाकर विधानसभा चुनाव लड़े पार्टी के पूर्व चार धाम विकास परिषद के उपाध्यक्ष सूरत राम नौटियाल अब लोक संघर्ष मोर्चा का गठन कर विभागों में व्याप्त भ्रष्टाचार को लेकर विपक्ष की भूमिका में आ खड़े हो गए हैं। उन्होंने कहा कि गंगोत्री विधानसभा में विपक्ष नाम की कोई पार्टी नहीं रह गई है। वही भाजपा के पूर्व जिलाध्यक्ष और लोग संघर्ष मोर्चा के सदस्य महेश पंवार ने पर्वतजन के एक सवाल पर कहा कि पार्टी में पहले भी भ्रष्टाचार होते रहे हैं, किंतु इस बार सीमा पार हो गई है। एक समय पार्टी के जिम्मेदार पदों पर रहकर अनुशासनात्मक पार्टी का झंडा थामे महेश पंवार 2019 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी में वापसी को लेकर पहले तो साफ इनकार करते हैं, फिर मिल-बैठकर बात करने की बात कहते हैं।
गंगोत्री विधानसभा में चली आ रही परंपराओं के अनुसार भाजपा और कांग्रेस बारी बारी से सत्ता का सुख ले रहे हैं , ऐसे में विपक्षी पार्टी कांग्रेस द्वारा चुप्पी साध लेने के बाद भारतीय जनता पार्टी से बाहर चल रहे पूर्व वरिष्ठ भाजपाई तमाम विभागों में व्याप्त भ्रष्टाचार के खिलाफ लोक संघर्ष मोर्चा का गठन कर जनता के सामने अपनी उपयोगिता साबित करने के प्रयास में लगे हुए हैं। विधानसभा 2017 के चुनाव प्रचार के दौरान असली भाजपा होने का दावा कर बागी चुनाव लड़ रहे सूरत राम नौटियाल के समर्थक अब यह कह कर अपनी भड़ास निकाल रहे हैं कि BJP में तमाम वरिष्ठ लोग या तो पार्टी से बाहर हैं या फिर पार्टी में रहकर मान हैं और सत्ता की चाबी कांग्रेस से भाजपा में शामिल हुए लोगों के हाथ में है। फिलहाल राज्यसभा में प्रत्याशी का नाम मित्र के चयन के बाद भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व में यह संदेश देने का प्रयास किया है कि पार्टी के अंदर बगावत या दबाव की नीति को कोई तवज्जो नहीं दी जाएगी। फिर चाहे वह बाहर से आए कांग्रेसी हो अथवा भाजपा के अंदर से ही कोपभवन में जा रहे पुराने भाजपाई। खानपुर विधायक चैंपियन पर असफल प्रयोग करने के बाद अब पर्दे के पीछे से गेम खेलने वाले मास्टरमाइंड भी अब खोजने से भी नहीं मिल रहे हैं और गलती से मुलाकात हो भी जाए तो उनके सुर बदले बदले से हैं।
सरकारी विभागों में व्याप्त भ्रष्टाचार के खिलाफ उत्तरकाशी लोक संघर्ष मोर्चा के कार्यकर्ता मंगलवार को सिंचाई विभाग कार्यालय पहुंचे और बिना निविदा आमंत्रित आमंत्रित करने और ठेकों की बंदरबांट को लेकर विभाग के खिलाफ जमकर विरोध प्रदर्शन किया ।
भाजपा के पूर्व वरिष्ठ नेता और वर्ष 2017 के विधानसभा चुनाव के बाद बागी तेवर अपनाने के चलते पार्टी से बाहर चल रहे सूरत राम नौटियाल लोक संघर्ष मोर्चा के बैनर तले पिछले दिनों जल संस्थान में विरोध प्रदर्शन करने के बाद मंगलवार को सिंचाई विभाग कार्यालय ज्ञानसू पहुंचे और विभाग के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। मोर्चा के अध्यक्ष सूरत राम नौटियाल ने कहा की सिंचाई विभाग में पूर्व में जितना भ्रष्टाचार हुआ था। वर्तमान के अधिशासी अभियंता उनके भी दादा निकले हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि इंद्रावती नदी में घटिया गुणवत्ता का काम चल रहा है ।साथ ही इंद्रावती नदी, धनपति नदी और गंगोत्री में घाट निर्माण को लेकर बिना निविदा आमंत्रित किए अपने चहेतों को ठेके आवंटित किए जा रहे हैं । उन्होंने कहा यदि उनके मांग पर कार्यवाही नहीं हुई तो उग्र आंदोलन किया जाएगा।
भाजपा के पूर्व जिला अध्यक्ष वर्तमान में पार्टी से बाहर चल रहे महेश पंवार ने नमामि गंगे परियोजना के अंतर्गत चयनित घाटों पर सवालिया निशान खड़े किए। उन्होंने कहा कि उत्तरकाशी की पंचकोशी यात्रा में हजारों की तादाद में श्रद्धालु अस्सी और वरुणा नदी के बीच स्थित वरुणावत पहाड़ की परिक्रमा करते हैं और परिक्रमा के अंतिम दौर में गंगोरी घाट में स्नान करते है जबकि नमामि गंगे परियोजना में पूर्व में गंगोरी घाट और जोशियाड़ा घाट को छोड़ दिया गया है। उन्होंने कहा कि एक बहुत बड़ी तादाद में लोग इस घाट का प्रयोग करते हैं। इतना ही नहीं हिना घाट और केदार घाट में ठेकेदार को अग्रिम भुगतान तक कर दिया गया है। इतना ही नहीं पूर्व से विवादों में घिरी उत्तरकाशी की ताम्बा खानी सुरंग में भी आपसी मिलीभगत से 2करोड़ ठिकाने लगाने की तैयारी चल रही है। महेश पंवार ने बताया पूर्व में उत्तरकाशी में तैनात जिलाधिकारी श्रीधर अद्दांंकी ने इसकी जांच के बाद पाया था कि इसमें जमकर भ्रष्टाचार हुआ है। जिसके बाद उन्होंने ठेकेदार के 2 करोड रुपए का भुगतान रोकने की संस्तुति की थी , जिसे अब मिलीभगत से ठिकाने लगाने की तैयारी की जा रही है।
वहीं विभाग के अधिशासी अभियंता GP सिलवाल ने आरोपों को सिरे से खारिज किया। उन्होंने कहा उनके कार्यकाल में कोई भी टेंडर अथवा कार्य आवंटित नहीं किए गए हैं। केवल पूर्व में किए गए कार्यों का भुगतान चल रहा है।