कमल जगाती, नैनीताल
उत्तराखण्ड के हिमालयी क्षेत्र मुनस्यारी में मंगलवार को हुई भारी बरसात से रामगंगा नदी का जलस्तर खतरे के स्तर को पार कर गया। बागेश्वर को जोड़ने वाला झूला पुल भी बह गया है इससे नाचनी तथा आसपास के गांव के लोग भी प्रभावित होंगे। यही नहीं
नदी से मलबा हटाने के लिए लगाई गई जे.सी.बी.मशीन समेत कई गाड़ियां भी नदी के तेज बहाव में बह गई। मुनस्यारी क्षेत्र में इस समय एक दर्जन से अधिक मोटर मार्ग बंद हैं, जबकि छोटे-छोटे गांव को जोड़ने वाले दो दर्जन संपर्क मार्ग भी बंद हैं। क्षेत्र में दो दिनों से बिजली नहीं है। क्षेत्रवासियों का आरोप है कि हफ्तेभर से आपदा प्रबंधन विभाग कार्यालय का फोन भी बंद पड़ा है ।मुनस्यारी के आपदा प्रबंधन कार्यालय का फोन नंबर बंद पड़ा है ।
पिथौरागढ़ जिले के मुनस्यारी में वर्ष 2013 की आपदा के बाद एक बार फिर हालात बिगड़ गए हैं। यहां भारी भरकम और लगभग 12 फ़ीट ऊंची जे.सी.बी.मशीन को भी यहां बहने वाली राम गंगा नदी ने आसानी से अपने आगोश में ले लिया। नदी का तेज बहाव जे.सी.बी.मशीन को धीरे धीरे बहा ले गया । बताया जा रहा है कि नदी के आसपास खड़े कई वाहनों को भी कागज की कश्ती की तरह बहा ले गई रामगंगा नदी । लोग सुरक्षित जगहों पर खड़े होकर बेबसी से नदी के इस रूप को देखने के लिए बड़ी संख्या में मौजूद हैं।
नाचनी गांव में रामगंगा नदी को आर पार जोड़ने वाला 70 मीटर स्पान का झूला पुल बह गया है। नदी के उफान पर आते ही नाचनी गांव में स्थिति बहुत खराब होती नजर आ रही है। वहां के लोगों का दुनिया से संपर्क टूट गया है।
मुनस्यारी क्षेत्र में रहने वाले लोगों का कहना है कि सरकार ने इसी वर्ष 80 लाख रुपये लगाकर नदी का मलबा हटाया था जो काम नहीं आया । उन्होंने बताया कि लोग नदी के इस रौद्र रूप को देखकर रात भर सोए नहीं हैं। उन्होंने कहा की पुलिस और प्रशासन पीड़ितों को इस खतरे की जगह से दूर हटाने का प्रयास कर रहा है। उन्होंने आगे भी बरसात से खतरे की आशंका जताई है।