सोशल मीडिया पर गाय का एक वीडियो बहुत वायरल हो रहा है। यह वीडियो अपनी फेसबुक वॉल पर डालकर पत्रकार दिनेश कंडवाल ने महानुभावों की राय तक मांगी है।
इस पर काफी चुटीली टिप्पणियां भी आ रही हैं और लोग इसे काफी शेयर भी कर रहे हैं।
देखिए वीडियो
दामोदर आर्य लिखते हैं कि “मित्रों ये पूजनीय गौमाता सिर्फ ये संकेत दे रही है कि 2019 में अब बीजेपी भी कांग्रेस की ही तरह अपना सूपड़ा साफ होने का इंतजार करे।
क्योंकि इन दोनों सगी बहिनों ने बारी बारी से मेरे राष्ट्र को लूटना अपना जन्मसिद्ध अधिकार समझ लिया है।
ये भडवे महज दिखावे के लिए गौमाता गौमाता कहकर मेरा मजाक उड़ाते आ रहे हैं और असल में मेरे हिस्से का चारा पानी तक डकारकर मुझे पौलीथिन की पन्नियां और इनमें भरकर फेंके गए दाढ़ी बनाने वाली ब्लेड्स,कांच के टूटे बर्तनों के लहुलुहान कर देने वाले नुकीले टुकड़े और तमाम प्रकार का कूड़ा करकट आदि जानलेवा चीजें खाने को मजबूर कर देते हैं।
मैं यदि तुम्हारे धर्म शास्त्रों में पूजित हूं तो क्या मुझे गली कूचों में आबारा छोड़कर इंसानियत के दुश्मन मुल्लों के पेट की आग बुझाने के लिए छोड़ देना भी क्या तुम्हारा असली धर्म नहीं है?????”
परिवर्तन पार्टी के नेता भार्गव चंदोला टिप्पणी करते हैं कि “गौ गोबर पर खाली अपनी राजनीति सेकने वालों से खफा है शायद ? अब क्या करे बेचारी भक्तों पर गुस्सा उतारने जायेगी तो भक्त लठ्या देंगे कहीं तो गुस्सा उतारना है झंडे पे ही सही।”
सी पी शर्मा की टिप्पणी देखिए”अब 5 साल होने वाले है भाजपा के जनता से झुटे वायदे कियेहुये gai समझती है झूट सच।”
जय किशन शर्मा लिखते हैं,-“वायदा पूरा नहीं किया, राष्ट्रीय पशु घोषित कर के, इसलिए रोष।”
सामाजिक कार्यकर्ता उमा भट्ट ,-“गाय को वामपंथी गाय माता” का दर्जा देती हैं । वसुंधरा नेगी तो लिखती हैं कि यह गाय कांग्रेसी है।
जितने मुंह उतनी बातें। कोई गाय को कांग्रेसी बता रहा है तो कोई विरोधियों की चाल तो कोई भाजपा के वादा पूरा न करने पर उतारी जा रही खुन्नस बता रहा है।