दून के रायपुर में डील वैज्ञानिक के घर बंधक मिली छत्तीसगढ़ की युवती का मुख्य आरोपी दिल्ली से गिरफ्तार कर लिया गया है। आरोपी मूल रूप से बिहार का रहने वाला है और पिछले कई सालों मानव तस्करी कर रहा है। पुलिस ने युवती के बयान के आधार पर मुकदमे में दुष्कर्म की धारा भी बढ़ा दी है। पुलिस के अनुसार युवती को छह माह तक बंधक बनाकर रखने वाले वरिष्ठ वैज्ञानिक अजय मलिक और उसे दिल्ली से देहरादून लाने वाले शंभू समेत दो अन्य लोगों मोहर व सुभाष के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया था। अजय मलिक को हाई कोर्ट से अरेस्ट स्टे मिल चुका था, जबकि शंभू की तलाश में लगातार दबिश दी जा रही थी। इसी बीच पता चला कि शंभू का दिल्ली मे अपने घर पर प्लेसमेंट एजेंसी चलाता है। इसी एजेंसी के जरिये वह युवतियों को दिल्ली व अन्य राज्यों में घरेलू कामकाज के लिए भेजता और मोटा मुनाफा कमाता है। 13 अप्रैल की देर रात रायपुर पुलिस की टीम ने शंभू नाथ प्रसाद पुत्र गोपाल जी प्रसाद निवासी ग्राम विश्वंभरपुर थाना मझोलिया, बेतिया (बिहार) को दिल्ली स्थित उसके आवास से गिरफ्तार किया। शंभू ने बताया कि युवती को आठ साल पहले मोहर व सुभाष उसके पास लेकर आए थे। उन्होंने युवती को गरीब परिवार की बताते हुए कहीं काम पर लगवाने के लिए कहा था। शंभू ने उसे पहले दिल्ली और फिर गुरुग्राम (गुड़गांव) में काम पर लगवाया। छह माह पहले डील वैज्ञानिक अजय मलिक उसके संपर्क में आए तो शंभू ने युवती को उनके यहां भेज दिया। एसएसपी ने बताया कि इस दौरान शंभू ने युवती के साथ दुष्कर्म भी किया और उस वक्त वह नाबालिग थी। शंभू को अदालत में पेश करने के बाद जेल भेज दिया गया। आरोपी ने गिरफ्तारी के दौरान स्वीकार किया कि वह पश्चिम बंगाल, छत्तीसगढ़ समेत पूवरेत्तर राज्यों की कम से कम एक दर्जन लड़कियों को दिल्ली व अन्य राज्यों में भेज चुका है।
बताते चलें कि बीती 29 मार्च को एक युवती का पुलिस कंट्रोल रूम में फोन आया और उसने बताया कि उसे दून के एक घर में बंधक बनाकर रखा गया है। लोकेशन ट्रेस पर कॉल दून मे रायपुर स्थित डील(डिफेंस इलेक्ट्रॉनिक्स अप्लीकेशन लेबोरेट्री) के वरिष्ठ वैज्ञानिक अजय मलिक के घर से आई थी। पुलिस मजिस्ट्रेट के साथ वहां पहुंची तो घर पर ताला लगा मिला। पता चला कि वैज्ञानिक एक सप्ताह से बाहर हैं। घर की एक चाभी पड़ोसी के घर थी, जिससे ताला खोलकर युवती को मुक्त कराया गया।