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मुश्किल में मुस्लिमः इधर मदरसों की जांच, उधर गोवध रोकने को पुलिस टीम

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 उत्तराखंड में भारतीय जनता पार्टी की सरकार ने उत्तरप्रदेश की तर्ज पर शनिवार 21अक्टूबर को दो चिरपरिचित मुहिम पर काम शुरू कर दिया है।
 इस बार भारतीय जनता पार्टी ने थोड़ा सावधानी बरती है। इस बार भारतीय जनता पार्टी ने सत्ता में शामिल जनप्रतिनिधियों तथा राजनीतिक संगठनों को पीछे करके सरकारी महकमा को आगे किया है। जाहिर है कि यह एक रणनीतिक कदम है।
इसे पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार द्वारा मुस्लिम संस्थाओं और समुदायों को दी गई अंधाधुंध सहायता तथा संरक्षण से नाराज दूसरे समुदायों की शिकायतों की परिणीति माना जा रहा है।
वित्तीय अनुशासन के नाम पर अब सरकार के निशाने पर 200 से अधिक मदरसे आ गए हैं। इन मदरसों में तमाम तरीके की वित्तीय अनियमितताओं के कारण काफी शिकायतें शासन में की जाती रही हैं। किंतु कांग्रेस सरकार में इन पर कोई कार्यवाही नहीं हुई। इन मदरसों में तमाम तरह के घपले-घोटाले होते रहे हैं। वहीं दूसरी तरफ मदरसे आज भी मूलभूत सुविधाओं की कमी से जूझ रहे हैं। ऐसे में अहम सवाल यह है कि आखिर मदरसों के नाम पर खर्च हुआ इमदाद का इतना पैसा आखिर गया कहां!
 मदरसा बोर्ड के डायरेक्टर आलोक शेखर तिवारी के अनुसार सरकार वित्त पोषित मदरसों में वित्तीय अनियमितता की जांच कराएगी। इन मदरसों की त्रिस्तरीय जांच की जाएगी यह जांच अल्पसंख्यक विभाग मदरसा बोर्ड तथा शिक्षा विभाग की टीम करेगी। जाहिर है कि इससे तमाम तरह के मदरसे मुश्किल में आ जाएंगे। यह एक सियासी मुद्दा बनने वाला है।
 गोवध रोकने के लिए गढ़वाल तथा कुमाऊं में दो पुलिस टीमों का गठन किया गया है। कांग्रेस के समय में गोवंश संरक्षण अधिनियम लगभग मृतप्राय था। गोवंश की तस्करी पर अथवा स्लाटर हाउस की कोई निगरानी नहीं की जाती थी। भाजपा सरकार आने के बाद गोवंश संरक्षण के प्रति पुलिस महकमा भी सक्रिय हो गया है। पुलिस मुख्यालय ने गढ़वाल क्षेत्र के टीम का मुख्यालय हरिद्वार में बनाया है। तथा कुमाऊं रीजन की टीम का कार्यालय उधमसिंह नगर में होगा। एक निरीक्षक के नेतृत्व में काम करने वाली यह टीम अन्य पुलिसकर्मियों, वाहन तथा वायरलेस सेट से सुसज्जित होंगी। यह टीम अपने क्षेत्र में गोवंश के संरक्षण के साथ ही गौ तस्करी,गौ गोवध तथा अवैध स्लाटर हाउस के खिलाफ कार्यवाही करेगी।
 अपर पुलिस महानिदेशक अपराध एवं कानून व्यवस्था अशोक कुमार गौ हत्या रोकने के लिए कटिबद्ध दिखाई देते हैं। अशोक कुमार का कहना है कि पुलिस अधिनियम के प्रावधानों के अनुसार ही कार्य करेगी तथा प्रत्येक माह की 5 तारीख तक पुलिस द्वारा की गई कार्यवाही की समीक्षा मुख्यालय स्तर पर की जाएगी। भारतीय जनता पार्टी लंबे समय से मदरसों को अवैध गतिविधियों की पनाहगाह बताती रही है।  गोवंश संरक्षण भी भाजपा का मुख्य मुद्दा रहा है। शिक्षा विभाग द्वारा मदरसों की जांच तथा पुलिस महकमे द्वारा गोवंश संरक्षण के लिए की जा रही प्रभावी कार्यवाही को भारतीय जनता पार्टी के एजेंडे की नजर से ही देखा जा रहा है। पुलिस तथा शिक्षा विभाग द्वारा की गई यह कार्यवाही मदरसों में वित्तीय अनुशासन ला सकती है। यह गोवंश संरक्षण के दिशा में भी प्रभावी हो सकती है किंतु भारतीय जनता पार्टी तथा इसके अनुषांगिक संगठन सरकारी संरक्षण की शह मे अराजकता पर उतर कर और इसे सियासी मुद्दा बना कर वोट बैंक की राजनीति कर सकते हैं।
यदि ऐसा हुआ तो भारतीय जनता पार्टी का वोट बैंक भले ही मजबूत हो जाएगा किंतु उत्तराखंड मे सांप्रदायिक तनाव बढना तय माना जा रहा है।
यहां यह तथ्य भी बताते चलें कि गौवंश पर भाजपा वोट-बैंक के हिसाब से अलग-अलग राज्य में अलग स्टैंड लेती है।मेघालय तथा गोवा मे गौवंश पर पार्टी इसका समर्थन करती है।मेघालय के भाजपा अध्यक्ष साबुन लिंग्दोह ने कल ही वहां अगले साल होने जा रहे चुनाव को देखते हुए बीफ सस्ता करने की घोषणा की है।
भारतीय जनता पार्टी को उत्तराखंड में सरकार बनाए हुए अभी जुम्मा-जुम्मा छह माह ही हुए हैं, किंतु हरिद्वार, कनखल, ऋषिकेश, टिहरी, चंबा, पौड़ी, कोटद्वार, सतपुली मे हिंदू-मुस्लिम के बीच की तीखी झड़पों में तीव्र बढ़ोतरी हुई है। इस दौर में यह जरूर ध्यान रखने वाली बात है कि सरकारी महकमों की यह कवायद कहीँ छुद्र राजनीति की भेंट न चढ़ जाए।
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