मामचन्द शाह//
योगी आदित्यनाथ के ३० मार्च के आदेश को उत्तराखंड के मुख्यमंत्री ने ७ अगस्त को अपनाया
ट्रिपल इंजन के बीच सामंजस्य होने से बढ़ेगा भरोसा
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत से उम्र में काफी छोटे और उनसे एक दिन बाद उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने वाले योगी आदित्यनाथ की स्पीड के बारे में जब कुछ महीने पहले त्रिवेंद्र सिंह रावत से पूछा गया तो उनका जवाब था कि उत्तर प्रदेश में गाड़ी १२० की स्पीड से चलती है, जबकि उत्तराखंड में २० की। ७ अगस्त २०१७ को उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने अधिकारियों को आदेश दिए कि प्रदेश की सभी सड़कों को तत्काल गड्ढा मुक्त किया
जाए। मुख्यमंत्री का यह आदेश तब आया, जब रक्षाबंधन से कुछ घंटे पहले स्कूटी सवार दो छात्राएं गड्ढे में गिरकर एक ट्रक से टकरा गई और उनकी दर्दनाक मौत हो गई। पूरे प्रदेश में छोटे-बड़े गड्ढों में इस बीच चार सौ से अधिक लोग गिर चुके हैं और कई काल के गाल में समा चुके हैं। उत्तराखंड में गड्ढों में गिरकर मौत होने के बहुत से उदाहरण हैं। गत वर्ष होली के दिन हरिद्वार में दो सगे भाई खनन माफियाओं द्वारा खोदे गए गढ्ढों में गिरकर मर गए थे। इसी प्रकार देहरादून की रिस्पना नदी के किनारे सीवर लाइन के लिए खोदे गए गड्ढों में दो मासूम सगी बहिनें भी मारी गई।
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जिन्हें उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत १२० की स्पीड वाला बताते हैं, ने मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने के १० दिन के भीतर ही उत्तर प्रदेश की सड़कों को २५ जून २०१७ तक गड्ढा मुक्त करने का आदेश दे दिया था, किंतु २० की स्पीड से चल रही उत्तराखंड की सरकार ने उस भारी बरसात में गड्ढा मुक्त सड़क बनाने का आदेश दिया है, जब नदी में खनन भी बंद है और भारी बरसात के कारण तारकोल का काम किसी भी सूरत में संभव नहीं है। माना कि उत्तराखंड पर्वतीय राज्य है और यहां उत्तर प्रदेश से कम स्पीड में गाड़ी चलाने की बाध्यता है, किंतु व्यवहारिक पक्ष यह भी कहता है कि यदि वास्तव में दुर्घटनाओं में मौत के बाद ही सरकार ने आदेश देने हैं या इन मौतों की चीख के बाद ही सरकार की नींद खुलनी है तो यह गंभीर विषय है। उम्मीद की जानी चाहिए कि तमाम तरह के सलाहकारों से लैस डबल इंजन की यह सरकार पड़ोसी इंजन की अच्छी नीतियों का भी अनुसरण करेगी।