उत्तराखंड सरकार ने उत्तर प्रदेश की देखा देखी उत्तराखंड में भी छुट्टियों पर कैंची चला दी। किंतु जल्दबाजी में यह विश्लेषण करना भूल गई कि जिन छुट्टियों पर कैंची चलाई गई है, उन दिनों अधिकांश लोग इन्हीं त्योहारों में व्यस्त रहते हैं। जैसे कि कहा जा रहा है कि सरकार ने रक्षा बंधन की छुट्टी समाप्त करके जल्दबाजी का निर्णय लिया है।
इसी तरह भैया दूज, करवा चौथे, गोवर्धन पूजा, चेहल्लुम और अन्य छुट्टियां कर दी गई है। इन छुट्टियों को खत्म करने का विरोध सबसे अधिक शिक्षा विभाग के अध्यापक और कर्मचारी कर रहे थे। अध्यापकों का कहना था कि 2 अक्टूबर गांधी जी गांधी गांधी जयंती अथवा गणतंत्र दिवस और स्वतंत्रता दिवस जैसी छुट्टियां खत्म की जा सकती थी क्योंकि इन दिनों आधा दिन तो स्कूल में झंडारोहण प्रभात फेरी आदि में बीत जाता है और पिछले कुछ समय से इस अवसर पर प्रधानमंत्री जी ‘मन की बात’ कहने लग गए हैं तो यह छुट्टियां केवल नाम की रह जाती हैं।
शिक्षा विभाग ने संभवतः इसीलिए अपने वार्षिक कैलेंडर में करवा चौथ सहित चेहल्लुम आदि की छुट्टियां जारी रखी है। जबकि शासन ने 20 दिसंबर को ही इन सभी छुट्टियों में कटौती का शासनादेश जारी कर दिया था। जबकि रक्षाबंधन की छुट्टी शिक्षा विभाग ने भी नहीं दी है
अब शासन द्वारा जारी की गई छुट्टियों और शिक्षा विभाग की छुट्टियों को देखकर अन्य विभाग भी छुट्टियों की मांग कर सकते हैं।
शासन और शिक्षा विभाग की छुट्टियों के कैलेंडर एक दूसरे के विपरीत आ खड़े हो गए हैं। हालांकि शिक्षा विभाग के निदेशक आरके कुंवर का कहना है,-” शिक्षा विभाग की छुट्टियों का कैलेंडर पहले भी सरकार की छुट्टियों से अलग होता था। इस बार भी सरकार की छुट्टियों से उनकी छुट्टियां अलग ही है। क्योंकि कार्य दिवसों का पैटर्न भी अलग है।” शासन द्वारा जारी कैलेंडर के अनुसार राज्य कर्मियों को 23 सार्वजनिक अवकाश, चार अन्य सार्वजनिक अवकाश और 18 निर्बंधित अवकाश मिलेंगे(जिनमें से कर्मचारियों को 2 का ही लाभ मिलेगा)। जबकि शिक्षा विभाग के कैलेंडर के अनुसार सार्वजनिक अवकाशों की संख्या 34 है।
शिक्षा विभाग में बसंत पंचमी, रविदास जयंती, होली, शब-ए-बारात, जमात उल विदा, महानवमी, करवा चौथ, चेहल्लुम, दीपावली, गोवर्धन पूजा, भैया दूज आदि त्योहारों पर अवकाश रहेगा।
उत्तराखंड के कर्मचारियों में इस बात का भी विरोध तैयार होने लगा है कि सरकार ने छठ के अवसर पर तो छुट्टी कर दी किंतु रक्षाबंधन का अवकाश निरस्त कर दिया।
इन छुट्टियों के रोल बैक पर शासन स्तर पर भी चर्चा हो रही है। इस बात की संभावना है कि या तो सरकार पहले ही अपने कैलेंडर में सुधार कर देगी अथवा इन त्यौहारों के आने के ऐन पहले छुट्टियों की घोषणा कर सकती है।
इससे पहले भी सरकार त्योहार के ठीक पहले सार्वजनिक अवकाश की घोषणा कर चुकी हैं। किंतु त्यौहार के ठीक पहले सार्वजनिक अवकाश की घोषणा करने से राज्य सरकार के कर्मचारी त्योहार का पूरा मजा नहीं उठा सके। वह न काम पर जा सके और न ही त्योहार का मजा घर परिवार के बीच उठा सके।
इससे बचने के लिए यह उम्मीद जताई जा रही है कि सरकार या तो अपने पुराने फैसले से रोलबैक करके कैलेंडर में पहले ही सुधार कर देगी अथवा त्योहारों की कुछ दिनों पहले सार्वजनिक अवकाश की घोषणा की जा सकती है।