• Home
  • उत्तराखंड
  • सरकारी नौकरी
  • वेल्थ
  • हेल्थ
  • मौसम
  • ऑटो
  • टेक
  • मेक मनी
  • संपर्क करें
No Result
View All Result
No Result
View All Result
Home पर्वतजन

हरिद्वार में हारा जातिवाद

in पर्वतजन
0
1
ShareShareShare

Related posts

माणिक नाथ रेंज ने वनाग्नि सुरक्षा एवं रोकथाम हेतु निकाली जन जागरूक रैली

March 25, 2023
60

श्री गुरु राम राय विश्वविद्यालय में योग दिवस के उपलक्ष्य में सेमिनार का आयोजन

March 25, 2023
11

कुमार दुष्यंत/हरिद्वार

पूरे राज्य की ही तरह हरिद्वार में भी चुनाव परिणाम चोंकाने वाले रहे।इस चुनाव के परिणामों ने जहां बसपा-सपा जैसे छोटे राजनीतिक दलों की फसल यहां पूरी तरह उजाड़ कर रख दी। वहीं कांग्रेस को भी चौराहे पर ला खड़ा किया। हालांकि कांग्रेस पहले की तरह तीन सीटों पर कायम रही। लेकिन मुख्यमंत्री और पार्टी का चेहरा रहे हरीश रावत की पराजय ने यहां कांग्रेस को जोर का झटका दिया है। भाजपा ने ग्यारह में से आठ सीटें हथिया कर सभी पूर्वानुमानों को धूल-धसरित कर दिया।
हरिद्वार की ग्यारह सीटों के चुनाव परिणामों से जिले की राजनीति क्षेत्रवाद-जातिवाद से ऊपर उठकर एक बार फिर से दशकों पूर्व के पार्टी केंद्रित दौर को लौटती दिखायी दे रही है। इसबार जिले में चुनाव परिणाम तय करने वाले दलित व मुसिलम मतदाताओं ने जो समीकरण गढे हैं। उससे जिले में राजनीति के एक नये दौर की शुरुआत होती दिख रही है।
हरिद्वार की ग्यारह सीटों में कांग्रेस की सबसे बुरी हार हरिद्वार नगर व हरिद्वार ग्रामीण सीट पर रही है। हरिद्वार में कांग्रेस ने तीन बार के विधायक मदन कौशिक को मात देने के लिए पार्टी के वरिष्ठ नेता व संत ब्रह्मस्वरुप ब्रह्मचारी को उनके सामने उतारा था। लेकिन मोदी और मदन के गठजोड़ की आंधी के आगे ब्रह्मस्वरुप ब्रह्मचारी पूरे चुनाव में ठीक से खड़े भी नहीं हो पाए। गणना के पंद्रह चक्र में मदन कौशिक ने ब्रह्मचारी के गृह वार्ड से ही जो बढ़त ली। तो फिर उन्हें अंत तक उठने नहीं दिया। ब्रह्मस्वरुप संतों में अच्छी पैठ रखते हैं। वह कांग्रेस के पहली पांत के नेता मानें जाते हैं। लेकिन मदन कौशिक के सामने उनकी छत्तीस हजार वोटों से हार ने एक बार फिर ये साबित कर दिया है कि अब यहां मदन कौशिक को उखाड़ना कांग्रेस के लिए आसान नहीं रहा। हरिद्वार ग्रामीण में कांग्रेस ने बहुत सोच-समझकर ऐन मौके पर हरीश रावत को भाजपा के यतीश्वरानंद व बसपा के मुकर्रम के सामने उतारा था। कांग्रेस को उम्मीद थी कि यहां बहुतायत दलित, पिछड़े व मुसलिम मतदाता मुख्यमंत्री के चेहरे से आसानी से आकर्षित हो जाएगें। लेकिन मतदाताओं ने कांग्रेस की यह रणनीति विफल कर दी। दलित व पिछड़े मतदाताओं के भाजपा का रुख कर लेने से हरीश रावत की झोली यहां खाली ही रह गई। और जिस यतीश्वरानंद का भाजपा में ही विरोध था। उन्हें उनके सामने बारह हजार मतों से भी अधिक से हार का मुंह देखना पड़ा।
कांग्रेस के लिए मंगलौर का परिणाम अवश्य सुखद रहा। जहां काजी निजामुद्दीन ने बेहतर प्रदर्शन करते हुए बसपा के कब्जे वाली सीट कांग्रेस की झोली में डाल दी। लेकिन अपने कब्जे वाली रुड़की सीट कांग्रेस ने अपनी गलती से गंवा दी। यदि कांग्रेस यहां सुरेशचंद जैन को निर्दलीय लड़ने का अवसर देकर किसी अन्य को मैदान में उतारती। तो इस सीट को बचा सकती थी।
भाजपा ने इन चुनावों में सभी पूर्वानुमानों को ध्वस्त करते हुए तीन नयी सीटों पर केसरिया फहराते हुए आठ सीटों पर कब्जा जमा लिया। राज्य गठन के बाद जिले में पहली बार कोई राजनीतिक दल इस आंकड़े तक पहुंचा है।
कभी हरिद्वार से सात सीटें हासिल कर सूबे में तीसरे बड़े दल का दम भरने वाली बसपा का हाथी इस बार थककर बैठ गया। कभी वोटों का एक बड़ा हिस्सा झटकने वाली बसपा यहां की तीनों सीट गंवा कर सूबे की राजनीति से बाहर हो गयी है। राज्य गठन के बाद यहां से अपना सांसद चुनकर भेजने वाली समाजवादी पार्टी तो सभी सीटों पर अपने प्रत्याशी उतारने का भी साहस नहीं जुटा पायी। चुनाव परिणामों से पता चलता है कि मैदान के इस जिले में भी अब साईकिल का चलना मुश्किल है।
अभीतक जातिवाद-श्रेत्रवाद की राजनीति करनें वालों को इस बार के परिणामों ने कड़ा सबक दिया है। यदि हरिद्वार ग्रामीण को छोड़ दें। तो पूरे जिले में मतदाताओं ने क्षेत्र व जातीय भावनाओं से ऊपर उठकर वोट किया है। जो जिले की राजनीति में स्थापित समीकरणों के बदलने का संकेत है।

परिणाम:-

हरिद्वार-मदन कौशिक (भाजपा) 61541, ब्रह्मस्वरुप ब्रह्मचारी (कांग्रेस) 25739, अंजू मित्तल (बसपा) 2546
हरिद्वार-ग्रामीण, यतीश्वरानंद (भाजपा) 44872, हरीश रावत (कांग्रेस) 32645, मुकर्रम (बसपा) 18371
रानीपुर-आदेश चौहान (भाजपा) 55975, अंबरीश कुमार (कांग्रेस) 34209, प्रशांत राय (बसपा) 9883 ज्वलापुर-सुरेश राठौर (भाजपा) 29420, एस पी इंजिनियर (कांग्रेस) 24710, मुल्कीराज (बसपा) 19457
रुडकी-प्रदीप बत्रा (भाजपा) 39768, सुरेश जैन (कांग्रेस) 27374, रामसुभग सैनी (बसपा) 3221
भगवानपुर-ममता राकेश (कांग्रेस) 44834, सुबोध राकेश (भाजपा) 42250, रामकुमार राणा (बसपा) 4066
झबरेढा-देशराज कर्णवाल (भाजपा) 32009, राजपाल सिंह (कांग्रेस) 29822, भगवत सिंह (बसपा) 20427
पिरान कलियर-फुरकान (कांग्रेस) 29205, जय भगवान (भाजपा) 27788, शहजाद (निर्दलीय) 23813
ख्खानपुर-कुंवर प्रणव सिंह (भाजपा) 53020, सियासत अली (बसपा) 39419, यशवीर सिंह (कांग्रेस) 6888
मंगलौर-काजी निजामुद्दीन (कांग्रेस) 31352, सरवत करीम (बसपा) 28684, ऋषिपाल बालियान (भाजपा) 16964
लक्सर-संजय गुप्ता (भाजपा) 25207, तस्लीम अहमद (कांग्रेस) 23601, सुभाष चौधरी (बसपा) 19616

हार के कारणों की समीक्षा होगी: किशोर उपाध्याय

राजनीति में हार-जीत चलती रहती है। लेकिन ऐसी हार हमारे लिए अप्रत्याशित है। ऐसे परिणामों के कई कारण हो सकते हैं। हम इस पर मंथन कर रहे हैं। यदि सांगठनिक स्तर पर कमियां रही होंगीं तो उन्हें शीघ्र दुरुस्त किया जाएगा।

Previous Post

आरएसएस के सिपाही से लेकर मुख्यमंत्री पद तक पहुंचे त्रिवेंद्र रावत

Next Post

कांग्रेस के लिए ये हार अप्रत्याशित है: किशोर उपाध्याय

Next Post

कांग्रेस के लिए ये हार अप्रत्याशित है: किशोर उपाध्याय

Leave a Reply Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

    Recent News

    • एक्सक्लूसिव: फर्जी रजिस्ट्रार की अवैध नियुक्ति निरस्त। पर्वतजन का असर
    • अपडेट: PPF / SSY खातों में इस दिन तक डाल दे मिनिमम रुपए, नहीं तो बंद होगा अकाउंट
    • हाईकोर्ट न्यूज : राजस्व पुलिस व्यवस्था समाप्त करने संबंधी याचिका पर हुई सुनवाई, सरकार ने पेश की प्रगति रिपोर्ट

    Category

    • उत्तराखंड
    • पर्वतजन
    • मौसम
    • वेल्थ
    • सरकारी नौकरी
    • हेल्थ
    • Contact
    • Privacy Policy
    • Terms and Conditions

    © Parvatjan All rights reserved. Developed by Ashwani Rajput

    No Result
    View All Result
    • Home
    • उत्तराखंड
    • सरकारी नौकरी
    • वेल्थ
    • हेल्थ
    • मौसम
    • ऑटो
    • टेक
    • मेक मनी
    • संपर्क करें

    © Parvatjan All rights reserved. Developed by Ashwani Rajput

    error: Content is protected !!