• Home
  • उत्तराखंड
  • सरकारी नौकरी
  • वेल्थ
  • हेल्थ
  • मौसम
  • ऑटो
  • टेक
  • मेक मनी
  • संपर्क करें
No Result
View All Result
No Result
View All Result

Home पर्वतजन

विकासनगर से जौनसार जाते हैं गुरूजी पढ़ाने

in पर्वतजन
0
ShareShareShare

नीरज उत्तराखण्डी/पुरोला
जौनसार के अधिकांश विद्यालयों में मासाब देहरादून व विकासनगर से महीने की बुकिंग पर टैक्सियों पर सफर कर स्कूल पहुंचते हैं। इस बात की शिकायत नवक्रांति संगठन ने शिक्षा विभाग के उच्चाधिकारियों से की तो छापामारी अभियान में कई अध्यापक पकड़े गए। अध्यापकों के लिए जब गांव में ही रुकने का फरमान जारी हुआ तो गुरुओं ने इसका भी तोड़ निकाल लिया।
गुरुओं को उनके आकाओं ने गुरू मंत्र दिया कि गांव के प्रधान से गांव में रहने का प्रमाण पत्र बना लो। अध्यापकों ने भी प्रधान की चरणवंदना कर गांव में रहने का प्रमाण पत्र जारी कर लिए। सुविधाभोगी प्रधानगण गांवों से पलायन कर देहरादून व विकासनगर आदि सुविधाजनक स्थलों पर रहते हैं तथा किसी भी जनप्रतिनिधि व कर्मचारियों, अधिकारियों के बच्चे गांव के बेसिक स्कूलों में नहीं पढ़ते। गांव में अध्ययन करते हैं आम मजदूर, किसान तथा आर्थिक रूप से परेशान लोगों के बच्चे।
कुछ अध्यापक पढ़ाई से ज्यादा अपने प्राइवेट व्यवसाय जैसे प्रापर्टी डीलिंग, जीवन बीमा, ठेकेदारी व दुकानदारी तथा राजनीति पर ज्यादा ध्यान देते हैं।
वहीं ऐसे शिक्षक भी हैं, जो बच्चों की फीस तक अपने जेब से भरने के साथ-साथ कठिन विषयों की नि:शुल्क कक्षाएं भी संचालित करते हैं तथा आर्थिक रूप रूप से परेशान अभिभावक के भविष्य को संवारने में भी जुटे हैं, लेकिन वे गुमनामी के अंधेरे में अपने कर्तव्य का पालन करते आ रहे हैं। शिक्षक समाज सरकार के वोट बैंक का सबसे बड़ा केंद्र है, जिसके वशीभूत सरकार जोखिम नहीं उठाना चाहती।

विनियमितीकरण के लिए आयोजन

Related posts

श्री गुरु राम राय विश्वविद्यालय में मार्गदर्शन और परामर्श विषय पर एक दिवसीय राष्ट्रीय सेमिनार का आयोजन

September 29, 2023
8

गुड न्यूज: श्री गुरु राम राय विश्वविद्यालय में रक्तदान शिविर का आयोजन

September 27, 2023
13

महेशचंद्र पंत/रुद्रपुर
उत्तराखंड कृषि उत्पादन विपणन बोर्ड रुद्रपुर में कार्यरत दैनिक वेतनभोगी/मस्टरोल श्रमिक ७ सितंबर से निदेशालय के सामने अनिश्चितकालीन धरने पर बैठे हैं। प्रांतीय वर्कचार्ज मस्टरोल श्रमिक संगठन के तत्वावधान में चलाए जा रहे आंदोलन में श्रमिकों ने वर्षों से दैनिक वेतनभोगी/मस्टरोल कर्मियों को विनियमित करने की मांग सरकार से की है। श्रमिकों का कहना है कि वर्ष २००१ एवं २०११ में मंडी समितियों/मंडल बोर्ड के विभिन्न रिक्त पदों पर १० वर्षों की सेवा उपरांत नियुक्तियां दे दी गई थी। वर्तमान में शासन ने ५ वर्ष बाद पुन: दैनिक वेतनभोगियों के विनियमितीकरण की व्यवस्था की है, लेकिन लगभग ४२ श्रमिकों को अभी तक विनियमित नहीं किया गया है।
संगठन के अध्यक्ष मनमोहन सिंह माहरा कहते हैं कि लोक निर्माण विभाग आदि अन्य विभागों में विनियमितीकरण किया जा चुका है, जबकि सरकार के लिए आय अर्जित करने वाले श्रमिकों की उपेक्षा जा रही है। आंदोलन लंबा खिंचता है अथवा शासन इस पर समय से कार्यवाही करता है, यह आने वाला समय ही बताएगा। शासन की उपेक्षा से श्रमिकों का आंदोलित होना स्वाभाविक ही है।

…पर दमड़ी न जाए

हरीश उनियाल/टिहरी
चमड़ी जाए पर दमड़ी न जाए वाली कहावत यूं तो कंजूस लोगों के लिए कही गई होगी, किंतु टिहरी में चमियाला क्षेत्र का स्टेट बैंक आजकल ग्राहकों को नकदी देने के नाम पर यही कहावत चरितार्थ कर रहा है।
चमियाला का स्टेट बैंक खाताधारकों को अपनी ही जमा पूंजी के निकासी के लिए परेशान कर रहा है। एक बार में 5 या 10 हजार निकालने के लिए कहा जा रहा है। यदि कोई चैक भुनाना चाहता है तो उसे चैक की रकम को खाते में ट्रांसफर करने का ही दबाव बनाया जा रहा है। जिससे आए दिन खाताधारकों और बैंक कर्मचारियों के बीच तकरार बनी रहती है।
बैंक प्रबंधक मांगेराम का कहना है कि उनकी शाखा पर उच्च स्तर से पर्याप्त नकदी उपलब्ध नहीं कराई जा रही है। इसलिए दिक्कत आ रही है। यही नहीं बैंक के पास पर्याप्त जगह न होना भी एक मुख्य कारण है, जबकि खाताधारकों की संख्या में चार गुना वृद्धि हो चुकी है।
शोपीस बने एसबीआई के एटीएम के प्रति बैंक प्रबंधन भी उदासीन है।
लोग दिनभर लाइन में लगकर अपर्याप्त नकदी लेकर दुखी मन से दूरदराज अपने घरों को लौट रहे हैं। खाताधारकों का आरोप है कि बैंक कर्मचारी केवल रसूखदार दुकानदारों व पहुंच वाले खाताधारकों को ही पर्याप्त नकदी व सेवाएं उपलब्ध करा रहे हैं। लोगों में बैंक की इस कार्यशैली से आक्रोश पनप रहा है।

ऐसे बची जमीन

महेशचंद्र पंत/रुद्रपुर
शहर के बीच इंद्रा चौक से लगी तराई विकास संघ की ५.९९ एकड़ भूमि लगभग ६.५ वर्षों के उपरांत सहकारिता विभाग को शासन ने नि:शुल्क आवंटित कर दी है। नजूल व नगर प्रक्रिया के बीच लटकी इस भूमि पर भूमाफियाओं की कुदृष्टि भी थी। कई जगह अतिक्रमण भी हो चुका है।
वर्ष १९५१ में स्थापित तराई विकास संघ को तराई को विकसित और आबाद करने का दायित्व सौंपा गया था। राजनैतिक स्वार्थ अथवा प्रशासनिक कमी जो भी रही है, तराई तो आबाद हुआ। भूतपूर्व सैनिकों, विस्थापित शरणार्थियों को बसाया गया, लेकिन टीवीएस अपने कब्जे वाली भूमि संघ के नाम आवंटित करवाने से चूक गया। बाद में नीतियां बदली तो टीवीएस की आर्थिक स्थिति ऐसी नहीं थी कि वह शासन को करोड़ों का भुगतान कर भूमि अपने नाम आवंटित करा सके। इस तरह नजूल भूमि पर टीवीएस का कब्जा था, लेकिन प्रबंधन नगरपालिका प्रशासन का था। ऐसे में किसानों के सामुहिक हितों, सहकारी कार्यों व टीवीएस के उद्देश्यों से जुड़े निर्माण आदि कार्यों की अनुमति तभी मिल सकती थी, जब भूमि का स्वामित्व टीवीएस का हो। सहकारिता विभाग के नाम से यह भूमि आवंटित होने से सभी बाधाएं हट गई हैं। जिससे टीवीएस से जुड़ी सहकारी समितियां कृषकों व सहकारी कार्यों को बढ़ावा मिलेगा व विभाग का स्वामित्व होने से भूमाफियाओं के खिलाफ कानूनी कार्यवाही में कोई बाध्यता नहीं होगी। जिला सहायक निबंधक सहकारिता मंगला प्रसाद त्रिपाठी ने भूमि आवंटन के इस प्रस्ताव के लिए शासन प्रशासन से निरंतर संपर्क बनाए रखा। जिसके परिणामस्वरूप यह बहुमूल्य भूमि विभाग को आवंटित हुई, बल्कि भूमि विभाग को हस्तांतरित भी हो गई है।

Previous Post

कुलपति पर खामोश कुलाधिपति!

Next Post

दलितों का दमन

Next Post

दलितों का दमन

Leave a Reply Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *










पर्वतजन पिछले २२ सालों से उत्तराखंड के हर एक बड़े मुद्दे को खबरों के माध्यम से आप तक पहुँचाता आ रहा हैं |  पर्वतजन हर रोज ब्रेकिंग खबरों को सबसे पहले आप तक पहुंचाता हैं | पर्वतजन वो दिखाता हैं जो दूसरे छुपाना चाहते हैं | अपना प्यार और साथ बनाये रखिए |

Recent News

  • श्री गुरु राम राय विश्वविद्यालय में मार्गदर्शन और परामर्श विषय पर एक दिवसीय राष्ट्रीय सेमिनार का आयोजन
  • सीएचसी चकराता में श्री महंत इन्दिरेश अस्पताल का निःशुल्क स्वास्थ्य शिविर
  • बिग हाईकोट न्यूज: भूमाफियाओं द्वारा सरकारी भूमि को 100 और 500 के स्टांप पर बेचने मामले में याचिकाकर्ता से मांगे सबूत
September 2023
M T W T F S S
 123
45678910
11121314151617
18192021222324
252627282930  
« Aug    
  • Contact
  • Privacy Policy
  • Terms and Conditions

© Parvatjan All rights reserved. Developed by Ashwani Rajput

No Result
View All Result
  • उत्तराखंड
  • सरकारी नौकरी
  • वेल्थ
  • हेल्थ
  • मौसम
  • ऑटो
  • टेक
  • मेक मनी
  • संपर्क करें

© Parvatjan All rights reserved. Developed by Ashwani Rajput

error: Content is protected !!