भूपेन्द्र कुमार
सोमवार की रात देहरादून में पुलिस के जवानों के लिए तबाही लाने वाली साबित हुई। पुलिस लाइन के तंबू में रह रहे 40 वीं वाहिनी के पीएससी के जवानों के तंबू तेज आंधी तूफान में उड़ गए और एक तंबू के ऊपर तो भारी-भरकम पेड़ ही आ गिरा।
इत्तेफाकन जिन तंबू पर पेड़ गिरा उन में पुलिस के जवान नहीं थे।
पेड़ गिरते ही भगदड़ मच गई। पुलिस लाइन में लगे यह तंबू आंधी तूफान के लिए बिल्कुल भी सुरक्षित नहीं हैं, लेकिन पुलिस के उच्चाधिकारी विषम परिस्थितियों में रह रहे अपने जवानों के लिए जरा भी संवेदनशील नहीं हैं।
पीएसी का एक जवान कहता है कि यदि खुदा न खास्ता दुर्घटना हो जाती तो पुलिस के उच्चाधिकारी शोक सभा और 1 दिन का वेतन एकत्र कर मृतक के खाते में डाल कर मामला रफा-दफा कर देते।
गौरतलब है कि आने वाला सीजन बरसात का है। पुलिस के जवानों के लिए पक्के भवनों मे रहने की व्यवस्था करने के बजाय उन्हें तंबू में गुजारा करना पड़ रहा है।
इस संवाददाता ने तंबू से निजात दिलाने के लिए राज्यपाल उत्तराखंड, केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह तथा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भी पत्र लिखा है। देखना है कि इस मामले में क्या कार्रवाई होती है !