सीएम के फरमान का असर:कीचड़ से ही भरे सड़क के गड्ढे

देहरादून की सड़कों पर गड्ढों को भरने का निर्देश

jउत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने भले ही जारी कर दिया लेकिन गड्ढे किस तरह से भरे जा रहे हैं संभवतः इस पर हुक्मरानों की नजर नहीं है।
या फिर उनकी भी इसमें मौन सहमति है। रिस्पना पुल से लेकर आराघर तक की सड़क का ही उदाहरण ले तो साफ नजर आता है कि सड़क के गड्ढे भरने वालों ने नालियों का कीचड़ उठाकर गड्ढों में भर दिया। पर्वतजन ने घटनास्थल पर जाकर पाठकों के संज्ञान के लिए कुछ छायाचित्र खींचकर उपलब्ध कराए हैं। इन्हें देख कर कोई आसानी से अंदाजा लगा सकता है कि सड़कों के यह गड्ढे नालियों की कीचड़ से निकालकर भरे गए हैं। एक ओर लोक निर्माण विभाग के ठेकेदार संघ ने ऐलान करा कर रखा है कि जब तक पिछले वित्तीय वर्ष का डेढ़ सौ करोड़ रुपए का भुगतान नहीं हो जाता वे सड़कों को खोलने का काम नहीं करेंगे। देहरादून की सड़कों पर हो रहे गड्ढे को भी संभवतः वित्तीय भुगतान न मिलने के कारण ठेकेदार ने कीचड़ से oभर दिया। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री ने मार्च में ही उत्तर प्रदेश की सड़कों के गड्ढे भरने का ऐलान कर दिया था किंतु उत्तराखंड के मुख्यमंत्री ने इसके 3 महीने बाद एन बरसात के समय पर गड्ढे भरने का ऐलान किया है। ऐसे में नालियों के किनारे का कीचड़ उठा कर गड्ढों में भरने से जाहिर है कि एक और बरसात में यह कीचड़ वापस बहकर नालियों में ही चला जाएगा तथा देहरादून की सड़कों पर फिर से दुर्घटनाएं होने लगेंगी।
सोमवार को राजपुर रोड की सड़क पर हुए गड्ढों के कारण दो युवतियों की जान चले जाने पर सरकार जागी थी किंतु इस तरह से गड्ढे भरे जाने के कारण हो सकता है निकट भविष्य में यह दुर्घटनाएं और बढ़ेगी।

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