गेस्ट टीचर की भर्तियों में नियम कायदों को ताक पर रख दिया गया है। ऐसे-ऐसे लोग भी भर्ती कर दिए गए हैं जो या तो ओवर एज हो गए हैं या फिर जिनका मेरिट लिस्ट में ही नाम नहीं है, या फिर अभी तक जिनकी उम्र की बहुत कम है।
कुछ गेस्ट टीचर्स की भर्ती में हुए घालमेल के उदाहरण देकर इसका खुलासा करने जा रहा है।
गेस्ट टीचर भर्ती घोटाले का एक उदाहरण
रश्मि गुप्ता जनपद हरिद्वार जनरल केटेगिरी की है। इनका विषय विज्ञान है। इनकी उम्र 43 से ऊपर हो गई है। फिर भी इनका मेरिट लिष्ट में नाम है, जबकि जनरल केटेगिरी में 42 से ऊपर मान्य नही है।
दूसरा उदाहरण
निवेदिता बिष्ट को सामान्य शाखा में देहरादून जनपद में रा.ई.का. चिल्हाड ब्लॉक चकराता में मिला है, जबकी उनका देहरादून की सामान्य शाखा की मेरिट में नाम ही नही है।
इससे तो लगता है उसने फार्म ही नही भरा तो उसको स्कूल देहरादून सीईओ ने कैसे दे दिया !
तीसरा उदाहरण
एक अभ्यर्थी है टिंकू पांडे। आखिर इनको किस तरह से गेस्ट टीचर बना दिया गया ! इनकी उम्र और शैक्षिक योग्यता का मेल देखिए
टिंकू पाण्डे
जन्म 1997
उम्र 21 साल
12 वीं तक 12 साल
स्नातक तक 3 साल
बीपीएड में 1 साल
गेस्ट में 4 साल
टोटल 20 साल
अब ये गणित समझ मे आती है कि कुछ फर्जी लोगों को भी गेस्ट टीचर का अनुभव दिया गया है
13 साल की उम्र में कोई कैसे 12वीं कर गया !
हाल ही में गेस्ट टीचर के जारी हुए रिजल्ट में ऐसे तमाम मामले भरे पड़े हैं एक तो इस तरह की गंभीर अनियमितताएं दूसरा सुप्रीम कोर्ट के स्टे के बावजूद बैक डेट में नियुक्तियां और तीसरा पर्वतजन में पब्लिश होने के बाद अब भर्तियां स्थगित करना,गंभीर सवाल खड़े करता है। इन सब से प्रतीत होता है कि इन भर्तियों में व्यापक स्तर पर घोटाला किया गया।
जीरो टोलरेंस का ढोल पीटने वाली भाजपा 100 दिन में लोकायुक्त लाने की बात कहकर सत्ता में आई थी लेकिन 2 साल होने को हैं, आज तक भी लोकायुक्त क्यों नहीं लाया गया ! गेस्ट टीचर भर्ती जैसे घोटालों से बात साफ होने लगी है।