• Home
  • उत्तराखंड
  • सरकारी नौकरी
  • वेल्थ
  • हेल्थ
  • मौसम
  • ऑटो
  • टेक
  • मेक मनी
  • संपर्क करें
No Result
View All Result
No Result
View All Result
Home पर्वतजन

हवा मे उड़ गई उरेड़ा की योजनाएं!! 

in पर्वतजन
0
1
ShareShareShare

गिरीश गैरोला/ उत्तरकाशी//

धूल फांक  रही सोलर एनर्जी  पार्क की योजना !

हर जिले मे बनाया था सोलर एनर्जी पार्क, अब विभाग को याद भी नहीं !

ureda green park -
ureda green park –

वैकल्पिक ऊर्जा की तलाश करने वाले विभाग उरेड़ा ने एमएनईएस के सहयोग से वर्ष 2003 मे सूबे के सभी जनपदों मे प्रदर्शन  के लिए सोलर एनर्जी पार्क स्थापित किए थे। ये दो वर्ष बाद ही बंद हो गए किन्तु विभाग ने ठेकेदार को भुगतान करने के बाद मुड़कर भी इन पार्को की सुध नहीं ली।

आलम  ये है की जनपद  स्तर पर तो इसका आंकड़ा आज भी मौजूद है किन्तु उरेड़ा का निदेशालय ने अपने स्तर से सभी जनपदों को भुगतान करने के बाद इसका रिकॉर्ड रखना भी मुनासिब  नहीं समझा और न ही यह देखने का प्रयास किया कि योजना का उद्देश्य भी पूरा हुआ या नही।विभाग को मतलब नही रहा कि इसकी उपयोगिता से किसी को कोई लाभ मिला या नही।

उरेड़ा के चीफ़ प्रोजेक्ट अधिकारी एके त्यागी ने अपने कार्यालय मे इसका कोई भी रिकॉर्ड होने से इंकार कर दिया। ऐसे मे सोलर पार्क के नाम पर निदेशालय स्तर से हुए भुगतान पर भी घोटाले की बू आने लगी है। साथ ही ऐसे योजनाओं पर भी सवाल उठने लगे हैं जिनका प्रयोजन महज भुगतान के बाद समाप्त हो जाता है।ऊर्जा का विकल्प तलाश करने वाले उरेड़ा के अधिकारी अपने हित के विकल्प तलाशने  मे ज्यादा मस्त रहते  हैं। तभी तो निदेशालय स्तर बनी उरेड़ा की सोलर एनर्जी पार्क की योजना को धरातल पर उतारने के बाद विभाग ने ये देखने की भी जहमत नहीं उठाई कि आखिर वो चल  भी रही है कि नहीं।

दरअसल वर्ष 2002 मे उरेड़ा की तरफ से सूबे के हर जनपद मे सोलर पार्क के नाम पर निशुल्क संयंत्र लगाए गए। जनपद उत्तरकाशी के महर्षि विद्यालय  मंदिर  मे भी इस योजना के अंतर्गत निशुल्क सोलर पार्क बनाया गया जिसमे सोलर पीबी स्ट्रीट लाइट 4 , सोलर पीबी पम्प 1, लोलर पीबी लालटेन 2 , सोलर पीबी वॉटर हीटर 1, सोलर पीबी स्टिल 1, सोलर होम लाइट 2, सोलर टीवी 1,सोलर कूकर बॉक्स टाइप , सोलर रेडियो 1, सोलर गॅस प्लांट कट मोडेल 1,सोलर कूकर डिश टाइप कुल 11 आइटम स्थापित किए गए।

अगस्त 2002 मे इसकी प्रक्रिया शुरू हुई और 16 अगस्त 2003 को इसको स्कूल को हैंड  ओवर किया गया। नियम व शर्तो मे साफ था कि सोलर प्लांट की देखभाल  तो लाभार्थी द्वारा की जाएगी और तकनीकी देखभाल तथा रख रखाव उरेड़ा द्वारा किया  जाएगा। उद्देश्य यह था कि डेमो के तौर पर लोग वैकल्पिक ऊर्जा के बारे मे जाने और ऊर्जा के पारंपरिक श्रोत पर अपनी निर्भरता कम करे। किन्तु पार्क स्थापना के दो वर्ष बाद ही प्लांट की बैटरी खराब हो गयी किन्तु न तो स्कूल प्रबंधन ने इसे बदलने की कोशिश की और न कभी उरेड़ा ने ही इस तरफ मुड़कर देखने की कोशिश की।

अब हालात ये है कि एक पम्प और एक टीवी के अलावा कुछ भी काम नहीं कर रहा है। अब पार्क बनाने का प्रयोजन और इसकी उपयोगिता की बात करें तो स्कूल मे आरंभ से ही पढ़ने वाले छात्रों को ही इसके बारे मे कोई जानकारी नहीं है कि  आखिर ये सोलर पार्क है क्या और किस प्रयोजन से  स्थापित किया गया। जब स्कूल के  छात्रों  को ही इसकी उपयोगिता नहीं मालूम तो बाहर के लोगों को क्या होगी।

अब जरा विभाग की कार्यप्रणाली पर नजर डालें तो उरेड़ा के चीफ़ प्रोजेक्ट अधिकारी एके त्यागी जो देहारादून मे बैठते है ने दूरभाष पर पहले तो योजना के बारे मे अनभिज्ञता जाहिर की किन्तु जब उन्हे कुछ याद दिलाया गया तो इसका विभाग के पास रिकॉर्ड होने से ही इंकार कर दिया।

Related posts

माणिक नाथ रेंज ने वनाग्नि सुरक्षा एवं रोकथाम हेतु निकाली जन जागरूक रैली

March 25, 2023
60

श्री गुरु राम राय विश्वविद्यालय में योग दिवस के उपलक्ष्य में सेमिनार का आयोजन

March 25, 2023
11

अब सवाल ये है कि सोलर पार्क के नाम पर करोड़ों का जो खेल हुआ न तो उसकी उपयोगिता सामने आयी और न ही उद्देश्य। हाँ ! निदेशालय स्तर इस हुए भुगतान मे ठेकेदार की जरूर बल्ले बल्ले हो गयी।

उत्तरकाशी स्थित महर्षि विद्या मंदिर स्कूल के बड़े बाबू प्रमोद कुकरेती और स्कूल के प्राचार्य देवदत्त विश्वास बताते हैं कि उन्हे वर्ष 2005 – 06 मे ये सोलर पार्क निशुल्क दिया गया था जो दो वर्षो के बाद बंद हो गया था। शिकायत के बाद भी विभाग ने इस तरफ झाँकने  की भी कोशिश नहीं की। वर्तमान मे केवल एक पम्प और एक टीवी ही चलती हालत मे है।

जब इस इंटर कॉलेज  मे  आरंभ से ही पढ़ रहे छात्र–छात्राओं से हमने सोलर पार्क के बारे मे जानना चाहा तो उन्होने भी इस बारे मे अनभिज्ञता जाहिर की। स्कूल प्रबंधन द्वारा उन्हे जबाब रटाए  जाने के बाद भी वे इस पार्क के बारे मे और इसकी उपयोगिता को लेकर कोई जबाब नही दे सके।

Previous Post

निगम के खर्चे से बार में अय्याशी!

Next Post

डीएम ने माना: ये अफसर रोकता है रिश्वत के लिए फाइल

Next Post

डीएम ने माना: ये अफसर रोकता है रिश्वत के लिए फाइल

Leave a Reply Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

    Recent News

    • एक्सक्लूसिव: फर्जी रजिस्ट्रार की अवैध नियुक्ति निरस्त। पर्वतजन का असर
    • अपडेट: PPF / SSY खातों में इस दिन तक डाल दे मिनिमम रुपए, नहीं तो बंद होगा अकाउंट
    • हाईकोर्ट न्यूज : राजस्व पुलिस व्यवस्था समाप्त करने संबंधी याचिका पर हुई सुनवाई, सरकार ने पेश की प्रगति रिपोर्ट

    Category

    • उत्तराखंड
    • पर्वतजन
    • मौसम
    • वेल्थ
    • सरकारी नौकरी
    • हेल्थ
    • Contact
    • Privacy Policy
    • Terms and Conditions

    © Parvatjan All rights reserved. Developed by Ashwani Rajput

    No Result
    View All Result
    • Home
    • उत्तराखंड
    • सरकारी नौकरी
    • वेल्थ
    • हेल्थ
    • मौसम
    • ऑटो
    • टेक
    • मेक मनी
    • संपर्क करें

    © Parvatjan All rights reserved. Developed by Ashwani Rajput

    error: Content is protected !!