उत्तराखंड के कई आईएएस अधिकारी नेताओं की तर्ज पर काम करने लगे हैं। पांच साल के लिए चुने जाने वाले नेता घोषणा करने के इतने आदी हो जाते हैं उन्हें ध्यान नहीं रहता कि उनके द्वारा की गई घोषणा का आगे जाकर क्या हुआ। सूबे के कई आईएएस अधिकारी नेताओं की तरह पब्लिसिटी स्टंट कर सोशल मीडिया और मीडिया में खूब छाए हुए हैं। पूरे देश के भांति देहरादून में भी कूड़ा एक बड़ी समस्या बनी हुई है। नगर निगम देहरादून द्वारा प्रेमनगर के पास ट्रंचिंग ग्राउंड बनाने के बावजूद अभी तक इस पर ठोस काम नहीं हो सका है। पूरे शहर में जैविक और अजैविक कूड़ा सरकार के गले की फंसा बना हुआ है।
इस बीच नगर निगम के नगर आयुक्त आईएएस वीके जोगदंडे ने शहर में जगह-जगह पर सरकारी खर्चे से होर्डिंग लगवाए, जिन पर मोदी के स्वच्छ भारत अभियान वाला चश्मा और नगर निगम देहरादून का लोगा लगवाया गया। नगर आयुक्त नगर निगम देहरादून की आज्ञा से इन सरकारी बोर्डों पर ‘यहां कूड़ा डालना मना है, पकड़े जाने पर पांच हजार तक का जुर्माना वसूला जाएगा’ इसके बाद लाल पेंट से ‘आप सीसीटीवी कैमरे की निगरानी में हैं, कृपया कूड़ा कूड़ेदान में ही डालें’ लिखवाया गया। शहर के विभिन्न स्थानों पर लगे ऐसे सरकारी होर्डिंग की पोल तब खुली, जब नगर निगम देहरादून के सफाई कर्मचारी इस बोर्ड के नीचे कूड़ा भरकर ले जाते दिखे।
पर्वतजन द्वारा जब मौके पर कूड़ा भर रहे कर्मचारियों से पूछा गया कि वे यहां फेंका हुआ कूड़ा क्यों उठा रहे हैं तो उन्होंने बताया कि यह तो उनका रोज का काम है। जब उनसे पूछा गया कि नगर आयुक्त द्वारा लिखवाए गए होर्डिंग पर तो स्पष्ट रूप से लिखा हुआ है कि आप सीसीटीवी कैमरे की निगरानी में हैं और कूड़ा फेंकने वाले पर पांच हजार रुपए जुर्माना लगेगा तो नगर निगम के कर्मचारी भाग गए।
कूड़ा भर रही नगर निगम की गाड़ी की फोटो खिंचने के तत्काल बाद जगह-जगह आप सीसीटीवी कैमरे की निगरानी में हैं, वाली पंक्ति पर नगर निगम द्वारा काला पेंट कर उसे मिटा दिया गया। महीनेभर से अधिक तक सीसीटीवी की निगरानी होने की बात लिखने के बावजूद यह बात प्रभावी नहीं हो सकी। नगर निगम के वे कर्मचारी भी यहां कूड़ा फेंकते रहे, जो नगर निगम के वाहनों से लोगों के घरों से अपनी व्यवस्था पर कूड़ा उठाते हैं और उससे होने वाली आय को अपनी जेब में रखते हैं।
देखना है कि अब नगर निगम की अगली कार्यवाही क्या होती है। बहरहाल, आईएएस वीके जोगदंडे का सीसीटीवी कैमरे वाला तीर न सिर्फ निशाने से चूक गया, बल्कि वापस आकर उन्हीं को लग गया।