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उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग द्वारा 25 फरवरी 2018 को ग्राम पंचायत विकास अधिकारी पद की लिखित परीक्षा कराई गई थी। यह परीक्षा प्रदेश के सभी जिलों में कुल 201 परीक्षा केंद्रों पर कराई गई थी। इस परीक्षा में कुल 87196 अभ्यर्थियों के प्रवेश पत्र जारी किए गए थे। जिसमें से 4 9651 अभ्यर्थियों द्वारा परीक्षा में प्रतिभाग किया गया था। 26 फरवरी को कुछ अभ्यर्थियों ने आयोग में उपस्थित होकर प्रश्न पुस्तिका में 40 प्रश्नों के 2 बार छपने का विषय आयोग के संज्ञान में लाया।
आयोग में 4 अभ्यर्थियों ने ऐसी प्रश्न पुस्तिकाएं आयोग के संज्ञान में लाई जिसमें से 2 प्रश्न हरिद्वार के 3 केंद्रों से संबंधित हैं तथा एक प्रश्न पुस्तिका देहरादून के 1 केंद्र से संबंधित है।
जाहिर है कि देहरादून में 37 केंद्रों में तथा हरिद्वार में 34 केंद्रों पर लिखित परीक्षा कराई गई थी।
आयोग ने अभ्यर्थियों के के प्रतिवेदनों और इन तीनों को गंभीरता से लेने के बाद इस संबंध में पूरी जांच कराने की दृष्टि से यह निर्णय लिया कि इस परीक्षा में उपस्थित सभी अभ्यर्थियों से जानकारी प्राप्त की जाए और किन अभ्यर्थियों को इस तरह की प्रश्न पुस्तिकाएं मिली तथा कितने अभ्यर्थियों को परीक्षा केंद्रों पर प्रश्न पुस्तिका बदल कर दी गई।
आयोग ने सभी अभ्यर्थियों से अनुरोध किया है कि यदि इस परीक्षा में उन्हें त्रुटि पूर्ण प्रश्न पुस्तिका मिली है तो वह आयोग को 15 दिन के भीतर ऐसी प्रश्न पुस्तिका की स्व प्रमाणित छायाप्रति तथा एक अनुरोध पत्र प्रेषित करेंगे। जिससे ऐसे सभी अभ्यर्थियों के मसलों पर जांच विचार किया जा सके।
आयोग ने कहा है कि अभ्यर्थियों को अपने प्रतिवेदन के साथ कुछ बातों का उल्लेख भी करना होगा, जैसे कि
1 -जो प्रश्न पुस्तिका अभ्यर्थी संलग्न कर रहे हैं उसमें अभ्यर्थी द्वारा या किसी अन्य के द्वारा किसी प्रकार की छेड़छाड़ नहीं की गई है।
2-दूसरा इस बात का जिक्र करेंगे कि उनकी प्रश्न पुस्तिका में हुई त्रुटियों का विस्तृत विवरण क्या है।
3- तीसरा या उल्लेख करना भी जरूरी है कि उन्होंने किस परीक्षा केंद्र में किस कक्षा में परीक्षा दी है
4- साथ ही अभ्यर्थियों को यह बताने के लिए भी कहा गया है कि त्रुटि पूर्ण प्रश्न पुस्तिका को बदलवाने के लिए उन्होंने क्या कार्यवाही की तथा संबंधित कक्ष निरीक्षक या अन्य परीक्षा प्राधिकारी की क्या प्रतिक्रिया रही अथवा उनके द्वारा क्या कार्यवाही की गई।
5- साथ ही यह स्पष्ट करने को भी कहा गया है कि यदि उन्होंने त्रुटिपूर्ण पुस्तिका के साथ ही अपनी ओएमआर शीट भरी है तो प्रश्न पुस्तिका के सभी प्रश्नों का उत्तर किस प्रकार दिया गया है।
आयोग के सचिव संतोष बडोनी ने कहा कि ऐसे सभी अभ्यर्थियों से यह भी अपेक्षा की जाती है कि वह त्रुटि पूर्ण प्रश्न पुस्तिका की मूल प्रति तथा अपनी ओएमआर शीट की तृतीय प्रति यानी अभ्यर्थी की प्रति को अपने पास सुरक्षित रखेंगे जिससे आवश्यकता पड़ने पर इन अभिलेखों की जांच की जा सके।
फिलहाल आयोग ने लिखित प्रतिवेदन के साथ त्रुटि पूर्ण प्रश्न पुस्तिका की स्व प्रमाणित छायाप्रति ही मांगी है। आयोग के सचिव संतोष बडोनी ने कहा है कि 18 मार्च 2018 तक सभी अभ्यर्थी अपने प्रतिवेदन प्रश्न पुस्तिका की स्वप्रमाणित छायाप्रति के साथ आयोग के दफ्तर में भेज दें। उनसे ओएमआर शीट की प्रति नहीं मांगी गई है।
विदित है कि आयोग का मुख्यालय राज्य निर्वाचन आयोग के कार्यालय परिसर रिंग रोड लाडपुर देहरादून में स्थित है। आयोग ने स्पष्ट किया है कि 18 मार्च के बाद प्राप्त होने वाले प्रतिवेदनों पर विचार नहीं किया जाएगा।