पर्वतजन
  • Home
  • उत्तराखंड
  • सरकारी नौकरी
  • सरकारी योजनाएं
  • इनश्योरेंस
  • निवेश
  • ऋृण
  • आधार कार्ड
  • हेल्थ
  • मौसम
No Result
View All Result
  • Home
  • उत्तराखंड
  • सरकारी नौकरी
  • सरकारी योजनाएं
  • इनश्योरेंस
  • निवेश
  • ऋृण
  • आधार कार्ड
  • हेल्थ
  • मौसम
No Result
View All Result
पर्वतजन
No Result
View All Result
Home पर्वतजन

आयोग पर उठी उंगलियां

November 7, 2016
in पर्वतजन
ShareShareShare
Advertisement
ADVERTISEMENT

सेवा का अधिकार आयोग उत्तराखंड में बना सफेद हाथी। मुख्य आयुक्त से लेकर सचिव तक कर रहे वित्तीय अनियमितताएं। उद्देश्य से भटका आयोग

प्रमोद कुमार डोभाल

उत्तराखंड में सेवा का अधिकार आयोग सफेद हाथी साबित होता जा रहा है। जुलाई २०१४ से आयुक्त की नियुक्ति के बाद से यह आयोग लगभग निष्क्रिय है। आयोग के मुख्य आयुक्त, आयुक्त और सचिव सहित लगभग २५-३० अधिकारी कर्मचारियों के लाव लश्कर वाला यह आयोग भारी भरकम वेतन-भत्तों और लाखों रुपए के किराए वाले भवन के रूप में राज्य के खजाने पर आर्थिक बोझ के अलावा कुछ विशेष योगदान नहीं कर पा रहा है।
आयोग में मुख्य आयुक्त की कुर्सी पर पूर्व मुख्य सचिव आलोक कुमार जैन विराजमान हैं तो आयुक्त के पद पर पूर्व पुलिस महानिदेशक सुभाष कुमार जोशी को नियुक्ति दी गई है। इन दोनों को सरकारी गाड़ी, ड्राइवर, सुरक्षा अधिकारी जैसी सुविधाएं तो हैं ही, इसके अलावा ये मान्यवर कार्यालय े नाम पर उपनल के माध्यम से कर्मचारियों को आउटसोर्स करके अपने घरों में कार्य करा रहे हैं।
आयोग में सचिव के पद पर तैनात पंकज नैथानी मूल रूप से अर्थ एवं संख्या निदेशालय से प्रतिनियुक्ति पर तैनात हैं। पंकज नैथानी विभाग की बिना अनुमति के जुगाड़ से यहां पर तैनात हैं तथा शासन को गुमराह करके अपने पद से उच्च वेतनमान प्राप्त कर रहे हैं।
इतने बड़े ताम-झाम और इतनी व्यक्तिगत सेवा कराने के बाद इस आयोग में महीनेभर में एक-आध पीडि़त व्यक्ति ही अपनी शिकायत लेकर पहुंच पाता है। इसका कारण यही है कि न तो आयोग के उच्चाधिकारी आयोग के विषय में ठीक से जनता को बताने के लिए उत्सुक दिखते हैं और न ही पीडि़तों की शिकायत को लेकर संवेदनशील नजरिया अपनाते हैं।
आयोग के सचिव पंकज नैथानी अर्थ एवं संख्या निदेशालय से प्रतिनियुक्ति पर तैनात हंै। पंकज नैथानी बिना प्रतिनियुक्ति संबंधी अनापत्ति प्रमाणपत्र लिए और बिना प्रशासकीय विभाग की अनुमति लिए नवंबर २०१४ से निदेशालय से अनुपस्थित चल रहे हैं। निदेशालय ने ही उन्हें नवंबर २०१४ से उनको अनुपस्थित माना और न तो उनका कार्यभार किसी अधिकारी को हस्तांतरित किया गया और न ही उनकी एल.पी.सी. पुस्तिका आदि जारी की गई।
अर्थ एवं संख्या निदेशालय के निदेशक वाईएस पांगती ने २२ जनवरी २०१६ को सुराज, भ्रष्टाचार उन्मूलन एवं जन सेवा विभाग उत्तराखंड शासन को इस संबंध में पत्र लिखकर भी आपत्ति जाहिर की थी।
निदेशक पांगती ने शासन को बताया कि पंकज नैथानी ने शासन को गुमराह करके भ्रामक नोटशीट प्रस्तुत की। इसमें लिखा गया कि श्री नैथानी प्रथम श्रेणी का अधिकारी है और राजपत्रित अधिकारियों का अधिष्ठान शासन में निहित है। इसलिए वह शासन से कार्यमुक्त हो सकते हैं। हकीकत यह है कि इस दौरान तत्कालीन प्रमुख सचिव नियोजन मुख्यालय से बाहर थे और उनके लिंक अधिकारी तत्कालीन प्रमुख सचिव डा. रणवीर सिंह को गुमराह करके यह भ्रामक नोटशीट प्रस्तुत की गई थी। हकीकत यह है कि संयुक्त निदेशक ही नहीं, बल्कि अपर निदेशक और निदेशक तक के अधिकारियों का अधिष्ठान निदेशालय के अधीन रहता है। इसमें प्रतिनियुक्ति के संबंध में अनुभाग स्तर से नियमानुसार ही पत्रावली में नोटशीट प्रस्तुत की गई थी, किंतु आयेाग के अध्यक्ष आलोक कुमार जैन ने सीधे रणवीर सिंह को फोन करके नैथानी को कार्यमुक्त करने के लिए कहा। जाहिर है कि आलोक कुमार जैन पूर्व मुख्य सचिव रह चुके हैं और प्रशासनिक सेवा के लंबे कार्यकाल के दौरान उन्हें भली-भांति मालूम था कि नैथानी निदेशालय स्तर से ही कार्यमुक्त हो सकते हैं, न कि शासन से।
शासन की पत्रावलियों में श्री नैथानी की कार्यमुक्ति पर स्पष्ट आपत्तियां व्यक्त की गई थी। अनुभाग अधिकारियों ने अपनी टिप्पणियों में स्पष्ट लिखा था कि श्री नैथानी ने निदेशालय द्वारा उपलब्ध कराया गया लैपटॉप और मोबाइल फोन अभी तक जमा नहीं किया है और न ही किसी प्रकार की एनओसी प्राप्त की गई है।
इसके अलावा सेवा का अधिकार आयोग ने प्रशासकीय विभाग के शासनादेश संख्या ८४२/दिनांक ३०.०३.२०१५ द्वारा सचिव पद की नियुक्ति हेतु पारदर्शिता के अनुसार राज्याधीन सेवा के अर्ह अधिकारियों को विज्ञप्ति के आधार पर नियुक्त करने का प्राविधान है और व्यक्ति विशेष के लिए नियमों के अंतर्गत कोई ऐसा प्राविधान नहीं है कि जिसको दो उच्च वेतन के आधार पर प्रतिनियुक्ति दी जाए।
इससे पहले नैथानी तत्कालीन मुख्यमंत्री के अनुमोदन पर सितंबर २००८ में पौड़ी स्थानांतरित किए गए थे। न वह पौड़ी गए और न ही उनका स्थानांतरण आदेश अभी तक निरस्त हुआ है। अपने मूल विभाग में नैथानी को आवंटित सभी कार्य लंबित पड़े हुए हैं। निदेशक ने शासन को शिकायत की है कि नैथानी ने भारत सरकार के एक प्रोजेक्ट को तीन वर्ष लंबित रखकर १०० करोड़ का नुकसान पहुंचाया है तथा एक अन्य कार्य में प्रशिक्षण लेने के बावजूद कार्य में रुचि न लेने से 2 करोड़ रुपए निदेशालय में लंबित पड़े हैं।
निदेशक ने आयोग द्वारा नैथानी को अवैध रूप से स्वीकृत से उच्च वेतनमान दिए जाने पर भी आपत्ति जताई है तथा आयोग की भी वित्तीय अनियमितताओं के खुले उल्लंघन करने पर शासन से शिकायत की है।
जाहिर है कि सेवा का अधिकार आयोग ने अधिकारियों की यह मनमानी उत्तराखंड के अन्य अफसरों के समक्ष भी गलत उदाहरण प्रस्तुत कर रही है।

४ अक्टूबर २०११ को एक्ट के प्रभावी होने से लेकर मार्च २०१६ तक ७३ लाख ४० हजार ६४८ लोगों ने आयोग का दरवाजा खटखटाया, किंतु आयोग ने मात्र १६० शिकायतों का ही निस्तारण किया है और मात्र दो दोषियों पर ही 5-5 हजार की पैनल्टी की है, जबकि आयोग मेें १५० सेवाओं से संबंधित शिकायतें दर्ज की जा सकती हैं। जाहिर है कि आयोग बेहद उदासीन है।


Previous Post

भ्रष्टों में शुमार 'उत्तम कुमार'

Next Post

अंधेरे में राज्यपाल!

Next Post

अंधेरे में राज्यपाल!

Leave a Reply Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *






पर्वतजन पिछले २3 सालों से उत्तराखंड के हर एक बड़े मुद्दे को खबरों के माध्यम से आप तक पहुँचाता आ रहा हैं |  पर्वतजन हर रोज ब्रेकिंग खबरों को सबसे पहले आप तक पहुंचाता हैं | पर्वतजन वो दिखाता हैं जो दूसरे छुपाना चाहते हैं | अपना प्यार और साथ बनाये रखिए |
  • ब्रेकिंग : त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव की अधिसूचना जारी, दो चरणों में होंगे मतदान
  • डीएम सख्त – बैंक पस्त:  विधवा फरियादी की चौखट पर जाकर  डीसीबी ने लौटाये सम्पति के कागज। दिया नो ड्यूज सर्टीफिकेट
  • No update
  • बड़ी खबर: राज्य आंदोलनकारियों को श्री गुरु राम राय विश्वविद्यालय देगा शिक्षा और चिकित्सा में राहत
  • हादसा: दीवार गिरने से एक ही परिवार के चार लोगों की दर्दनाक मौत..
  • Highcourt
  • इनश्योरेंस
  • उत्तराखंड
  • ऋृण
  • निवेश
  • पर्वतजन
  • मौसम
  • वेल्थ
  • सरकारी नौकरी
  • हेल्थ
June 2025
M T W T F S S
 1
2345678
9101112131415
16171819202122
23242526272829
30  
« May    

© 2022 - all right reserved for Parvatjan designed by Ashwani Rajput.

No Result
View All Result
  • Home
  • उत्तराखंड
  • सरकारी नौकरी
  • सरकारी योजनाएं
  • इनश्योरेंस
  • निवेश
  • ऋृण
  • आधार कार्ड
  • हेल्थ
  • मौसम

© 2022 - all right reserved for Parvatjan designed by Ashwani Rajput.

error: Content is protected !!