1098 चाइल्ड हेल्प लाइन ने सुनी बच्ची की पुकार
मदद के लिए दौड़े सीएमओ के साथ एसडीएम
बच्ची को मिला ईलाज
गिरीश गैरोला/ उत्तरकाशी
उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले मे 18 वर्ष से कम उम्र के किशोरों के मानवाधिकार संरक्षण के लिए काम कर रही चाइल्ड हेल्प लाइन की जागरूकता की तारीफ हो रही है। संस्था की सक्रियता के कारण सिंगुणी गांव धनारी की एक बच्ची को इलाज मे हीला हवाली बरतने की शिकायत पर जिला प्रशासन ने पहल कर सीएमओ को मौके पर भेजा, जिसके बाद बच्ची का इलाज मिलना शुरू हुआ।
जिला अस्पताल मे इलाज नहीं मिलने पर किशोरी के पिता ने 1098 पर चाइल्ड हेल्प लाइन से मदद मांगी तो हेल्प लाइन से दीपक उप्पल ने सीएमओ और जिला अधिकारी से बच्चे के मानवीय अधिकार देखते हुए उसे इलाज देने की मांग की।डीएम के निर्देश पर एसडीएम भटवाडी और प्रभारी सीएमओ मेजर बचन सिंह मौके पर पहुचे तो बच्ची का इलाज शुरू हुआ।
दरअसल जिला अस्पताल मे बुधवार देर रात धनारी सिंगुणी गांव की एक किशोरी के हाथ मे फ्रेक्चर हो गया। उसको लेकर परिजन जिलाअस्पताल मे पहुंचे। हड्डी के डॉ छुट्टी पर होने के चलते परिजनों को प्राईवेट से इलाज कराने की सलाह दी गयी। उस वक्त रात को परिजन लौट गए। किन्तु सुबह चाइल्ड हेल्पलाइन की टीम के साथ जिला अस्पताल मे आ पहुंचे।
इस बीच एसडीएम देवेंद्र नेगी और प्रभारी सीएमओ भी जिला अस्पताल मे पंहुचे।प्रभारी सीएमओ मेजर बचन सिंह ने बताया कि संवाद हीनता के चलते कुछ गलत फहमी हुई है। उन्होने बताया कि रात कि आपातकालीन ड्यूटि मे तैनात डॉ बीना रमोला ने बीमार/घायल के परिजनों को बताया कि हड्डी के डॉ दिवाली के कारण अवकाश पर हैं, जिसके बाद परिजन घायल मरीज को लेकर निजी डॉ के पास चले गए थे, किन्तु सुबह खुद उनकी मौजूदगी मे एक्स रे कर्मी को घर से बुलाकर एक्स रे करवाया गया है और मरीज का प्लास्टर भी करवा लिया गया है।
उन्होने बताया कि जिला अस्पताल मे दिवाली के चलते कुछ डॉ अवकाश पर हैं किन्तु चार डॉक्टर डॉ आनंद राणा , डॉ बीना रमोला , डॉ विभूति नारायण और एसएमओ डॉ एसडी वर्मन अभी भी अस्पताल मे ही हैं।
18 से कम उम्र के बच्चों के अधिकारों के लिए 1098 सेवा काम करती है। यह सेवा बच्चों पर अत्याचार, शोषण अथवा उनके मानवाधिकार के लिए वाइल्ड हेल्प लाइन सेवा है।