पर्वतजन
  • Home
  • उत्तराखंड
  • सरकारी नौकरी
  • सरकारी योजनाएं
  • इनश्योरेंस
  • निवेश
  • ऋृण
  • आधार कार्ड
  • हेल्थ
  • मौसम
No Result
View All Result
  • Home
  • उत्तराखंड
  • सरकारी नौकरी
  • सरकारी योजनाएं
  • इनश्योरेंस
  • निवेश
  • ऋृण
  • आधार कार्ड
  • हेल्थ
  • मौसम
No Result
View All Result
पर्वतजन
No Result
View All Result
Home पर्वतजन

उत्तराखंडः चुनाव से पहले सत्र में होगी पक्ष-विपक्ष की अग्निपरीक्षा

November 6, 2016
in पर्वतजन
ShareShareShare
Advertisement
ADVERTISEMENT
उत्तराखंड राज्य आंदोलन की अवधारणा के प्रतीक गैरसैंण(भराड़ीसैंण) में होने जा रहे विधानसभा के विशेष सत्र को लेकर सियासी हलकों में खासी गहमागहमी है। इससे पहले भी सरकार यहां सत्र बुला चुकी हैं।
 477435-439398-rawat-afp
पहला सत्र खनन और शराब के मुद्दे की भेंट चढ़ गया था तो दूसरा राजधानी के सवाल पर नहीं चल पाया। सत्र की शुरुआत में ही विपक्ष इस सवाल पर अड़ गया था कि पहले सरकार राजधानी तय करे कि वह स्थायी होगी या ग्रीष्मकालीन। तब मुख्यमंत्री हरीश रावत ने यह कहकर बचाव किया था कि पोता नहीं हुआ तो नाम कैसे रखूं?
जिस सवाल पर राजधानी की कहानी छूटी थी, भराड़ीसैंण में होने जा रहे विधानसभा सत्र में एक बार फिर उसे ही दोहराने के आसार हैं। सियासी संकट के बाद से विधानसभा अध्यक्ष गोविंद सिंह कुंजवाल से रूठा विपक्ष बेशक अभी संशय की स्थिति में है। लेकिन सत्र में उसके होने न होने के बावजूद यह सवाल अपनी जगह मौजूं है कि गैरसैंण पर आखिर क्या बात बनेगी? बहरहाल, सरकार एक्शन में है और विपक्ष असमंजस में। मुख्यमंत्री के बाद अब रविवार को विधानसभा अध्यक्ष गोविंद सिंह कुंजवाल गैरसैंण के दौरे पर जा रहे हैं।

आसन्न विधानसभा चुनाव से पूर्व आयोजित हो रहे इस सत्र के खास सियासी मायने हैं। सत्र का आयोजन अप्रत्याशित भी नहीं है। गैरसैंण में दूसरे विधानसभा सत्र के बाद ही राज्य सरकार ने तय कर लिया था कि वह विस चुनाव से पहले नवनिर्मित विधानमंडल भवन में सत्र का आयोजन करेगी। सरकार के इस कदम को विपक्ष सियासी नफे-नुकसान के तौर पर देख रहा है। जाहिर है, यह सवाल उसके भीतर भी घुमड़ रहा है कि सत्र के बहाने सरकार गैरसैंण में क्या करने जा रही है? वहां बड़ी घोषणा क्या हो सकती है? क्या राजधानी की पहेली सुलझेगी?

4485
राज्य गठन के वक्त से ही स्थायी राजधानी अबूझ पहेली है। पहाड़ का जनमानस गैरसैंण को राजधानी बनाये जाने का आज भी सपना देख रहा है। सरकार भी जानती है कि गैरसैंण में बड़ी घोषणा कर वह पहाड़ में बड़ा लाभ ले सकती है, मगर उसे मैदान के घाटे का भी भय है, क्योंकि पहाड़ की तुलना में मैदान के सियासी समीकरण ज्यादा उलझे हुए हैं।

यहां भाजपा-कांग्रेस के अलावा बसपा, सपा फेक्टर भी हैं। जहां तक ग्रीष्मकालीन राजधानी के मुद्दे का सवाल है, इस पर वह राज्य आंदोलनकारियों के निशाने पर आ सकती है। विपक्ष भी चाहता है कि सरकार राजधानी के मुद्दे पर उलझे। इन हालातों में सरकार राजधानी की उलझन को नये जिलों के मुद्दों में उलझा दे तो हैरानी नहीं होनी चाहिए। गैरसैंण को जिले की घोषणा का झुनझुना भी मिल सकता है।

‘स्थायी राजधानी का यक्ष प्रश्न भाजपा ने पैदा किया है। यह तो राज्य गठन के समय ही हल हो जाना चाहिए था। गैरसैंण उत्तराखंड राज्य अवधारणा का प्रतीक है। लेकिन थूक में पकौड़े नहीं बनते। गैरसैंण को अभी पुष्पित पल्लवित होना है। पीएम 10 हजार करोड़ रुपये दे दें। मैं और सीएम नेता प्रतिपक्ष के पास गए थे। सुझाव रखा था कि सर्वदलीय दल लेकर पीएम से मिलें, लेकिन उन्होंने सिर्फ सियासत की।
– किशोर उपाध्याय, प्रदेश अध्यक्ष, कांग्रेस

‘गैरसैंण के नाम पर बहुत नाटक हो गया। कैबिनेट बैठक व सत्र के बहाने सरकार छह बार गैरसैंण जा चुकी है। अब सातवीं बार सत्र कर रही है। सरकार बेनकाब हो चुकी है। उसे अपना रुख साफ करना चाहिए कि गैरसैंण स्थायी, अस्थायी, ग्रीष्मकालीन या शीतकालीन में से कौन सी राजधानी होगा। लेकिन सरकार ने गैरसैंण को अतिथि गृह बनाकर रख दिया है। सत्र में जाना है कि नहीं, यह हम विधायक मंडल दल की बैठक में तय करेंगे’
– अजय भट्ट, नेता प्रतिपक्ष

‘प्रदेश के लिये गैरसैंण का बहुत बड़ा महत्व है। यह स्थान राज्य आंदोलन से जुड़ा है। इसका महत्व इसलिए बढ़ जाता है कि यह अंतिम सत्र है। मुझे पूरी उम्मीद है कि माननीय सदस्य सत्र का प्रदेश हित में उपयोग करेंगे। चुनावी वर्ष होने के  नाते हो सकता है कि सरकार भी राज्य हित के लिए कोई ठोस योजना या ठोस नीति की स्वीकृति कराए।’
– गोविंद सिंह कुंजवाल, स्पीकर


Previous Post

दिल्ली में धुंध का कहर, जानलेवा हुआ प्रदूषण, करीब 1750 स्कूल आज बंद

Next Post

जवान की शहादत के बाद पाक पर फूटा जम्मू-कश्मीर के युवाओं का गुस्सा

Next Post

जवान की शहादत के बाद पाक पर फूटा जम्मू-कश्मीर के युवाओं का गुस्सा

Leave a Reply Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *






पर्वतजन पिछले २3 सालों से उत्तराखंड के हर एक बड़े मुद्दे को खबरों के माध्यम से आप तक पहुँचाता आ रहा हैं |  पर्वतजन हर रोज ब्रेकिंग खबरों को सबसे पहले आप तक पहुंचाता हैं | पर्वतजन वो दिखाता हैं जो दूसरे छुपाना चाहते हैं | अपना प्यार और साथ बनाये रखिए |
  • हाइकोर्ट न्यूज: एक व्यक्ति-एक वोट नियम पालन के आदेश। राज्य निर्वाचन आयोग के स्पष्टीकरण आदेश पर रोक..
  • बड़ी खबर: आपदा में आशा बने डीएम बंसल। बटोली गांव पहुंचकर बांटी राहत और सहायता
  • कॉर्बेट टाइगर रिजर्व घोटाला: ईडी ने की पूर्व डीएफओ किशन चंद के बेटों और पूर्व रेंजर की पत्नी की संपत्ति अटैच..
  • हाइकोर्ट न्यूज: अवैध मदरसों पर कोर्ट ने मांगा शपथपत्र। सरकार तय करेगी आगे की भूमिका..
  • गुरु पूर्णिमा पर श्री दरबार साहिब में उमड़ी श्रद्धा की गंगा, श्रीमहंत महाराज ने दिए संगतों को दर्शन और आशीर्वाद
  • इनश्योरेंस
  • उत्तराखंड
  • ऋृण
  • निवेश
  • पर्वतजन
  • मौसम
  • वेल्थ
  • सरकारी नौकरी
  • हेल्थ
July 2025
M T W T F S S
 123456
78910111213
14151617181920
21222324252627
28293031  
« Jun    

© 2022 - all right reserved for Parvatjan designed by Ashwani Rajput.

No Result
View All Result
  • Home
  • उत्तराखंड
  • सरकारी नौकरी
  • सरकारी योजनाएं
  • इनश्योरेंस
  • निवेश
  • ऋृण
  • आधार कार्ड
  • हेल्थ
  • मौसम

© 2022 - all right reserved for Parvatjan designed by Ashwani Rajput.

error: Content is protected !!