उत्तरा का एक वीडियो आजकल सोशल मीडिया पर खूब वायरल किया जा रहा है और कहा जा रहा है कि इसमें उत्तरा मुख्यमंत्री से माफी मांग रही हैं। दरअसल इस वीडियो को कट पेस्ट करके साजिशन प्रचारित किया गया है।
देखिए वीडियो-1
माफी मांगने का खंडन भी उत्तरा कई बार कर चुकी हैं। इस वीडियो को पहले इलेक्ट्रॉनिक मीडिया तथा सोशल मीडिया को यह कहते हुए भेजा गया कि अब जरा इसको भी देख लीजिए और मामले को थोड़ा बैलेंस कीजिए। लेकिन इस प्रकरण के प्रत्यक्षदर्शी और उत्तरा से लगभग रोज मिल रहे मीडिया कर्मियों को हकीकत मालूम थी, लिहाजा उन्होंने मना कर दिया।
देखिए वीडियो -2
इस पर भाजपा ने इस वीडियो को अपने आईटी सेल और सोशल मीडिया कार्यकर्ताओं के हवाले कर दिया। इस वीडियो के विषय में उत्तरा कहती हैं कि उन्होंने पूरा वाक्य यह कहा था कि वह माफी मांगती हैं लेकिन मुख्यमंत्री को भी माफी मांगनी चाहिए। “मुख्यमंत्री से माफ़ी मांगने के लिए कहने वाला हिस्सा साजिशन कट कर दिया गया और यह अधूरा वीडियो मेरे खिलाफ दुष्प्रचारित किया जा रहा है।”
जाहिर है कि दुष्प्रचार की इस तरह की सलाह देने वाले लोग ही मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के लिए आने वाले दिनों को मुश्किल भरा कर रहे हैं।
2 दिन पहले भाजपा प्रवक्ता तथा विधायक मुन्ना सिंह चौहान मुख्यमंत्री की पत्नी का बचाव करने तथा उत्तरा पर वार करते हुए अपनी रौ मैं यह कह गए कि मुख्यमंत्री की पत्नी कालसी और विकास नगर के दुर्गम इलाकों में भी रही हैं, जबकि इससे पहले ही सूचना के अधिकार में यह जानकारी सोशल मीडिया पर वायरल हो चुकी थी कि मुख्यमंत्री की पत्नी देहरादून आने के बाद फिर कभी अजबपुर कलां से हिली तक नहीं।
मुन्ना सिंह का यह झूठ उन्हें जनवादी नेता समझने वाले लोगों को हैरान कर गया। उन्होंने भी मुन्ना सिंह चौहान को सोशल मीडिया पर जी भरकर कोसा और कहा कि उन्हें कम से कम मुन्ना से तो कुतर्क करने की उम्मीद नहीं थी।
मुन्ना सिंह के साथ ही सरकार के नुमाइंदे उत्तरा बहुगुणा के खिलाफ दुष्प्रचार पर उतर आए हैं। सरकार के ओएसडी उर्वा दत्त भट्ट सोशल मीडिया पर उत्तरा बहुगुणा को पूरी तरह से दोषी ठहराते हुए कुछ दुष्प्रचार करने वाले स्टीकर वायरल कर रहे हैं। जनता के टैक्स की कमाई पर जिन ओएसडी का वेतन जा रहा है, वही अगर उत्तरा बहुगुणा जैसी अपने ही सरकारी कर्मचारियों के खिलाफ इस तरह का दुष्प्रचार करेंगे तो इससे कुल मिलाकर छवि सरकार की ही खराब हो रही है। लेकिन आखिर इन को समझाए तो समझाए कौन !
सिर्फ उर्बा दत्त भट्ट ही नहीं ऐसे सैकड़ों उदाहरण हैं। पर्वतजन दो तीन उदाहरण आपके सामने रख रहा है इनको देख कर आप खुद ही समझ सकते हैं कि मुख्यमंत्री ने अपने दुर्व्यवहार के लिए माफी मांगने के बजाय भाजपा की सोशल मीडिया टीम को उल्टे उत्तरा के खिलाफ दुष्प्रचार करने के लिए मैदान में उतार दिया है।
आप खुद देखिए खुद को मीडिया प्रभारी सोशल मीडिया प्रभारी युवा मोर्चा धर्मपुर ग्रामीण मंडल बताने वाले भुवनेश कुकरेती ने भी अपनी Facebook वॉल पर उत्तरा का वीडियो डालते हुए गाली देते हुए लिखा है,- “पलट गई मैडम उतरा अब बोलो भाई लोगों एक्ट्रेस है तो एक्टिंग इनकी रग-रग में बसी है तो उस साले अरबी घोड़े को कोस रहे थे अब बोलो फर्क अरबी….।”
खुद को Facebook पर प्रदेश मीडिया प्रभारी भारतीय जनता युवा मोर्चा लिखने वाले मनोज पटवाल ने उत्तरा का यह कटपेस्ट वीडियो डालते हुए कमेंट लिखा है,-” आखिर झूठ को झुकना ही पड़ा जय हो त्रिवेंद्र सिंह रावत जी।”
खुद को भारतीय जनता युवा मोर्चा रुद्रप्रयाग लिखने वाले गंभीर सिंह बिष्ट ने भी अपनी पोस्ट में उत्तरा का वीडियो डालते हुए लिखा है,-“मैडम उत्तर आने मुख्यमंत्री श्री त्रिवेंद्र सिंह रावत को बताया पिता तुल्य पूरे प्रकरण के लिए मांगी माफी।”
भाजपा के सोशल मीडिया कोऑर्डिनेटर भुवन जोशी भी दुष्प्रचार में उतरे हुए हैं नीचे दी गई उनके Facebook वाल की स्क्रीन शॉट आप भी देख सकते हैं
मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के ओएसडी IT सेल और सोशल मीडिया टीम द्वारा उत्तरा बहुगुणा प्रकरण पर गाली गलौज वाली पोस्ट डाले जाने से पब्लिक में उल्टा रिएक्शन हो रहा है।
लोग इन पोस्ट पर कई गुना अधिक संख्या में प्रत्युत्तर दे रहे हैं और मुख्यमंत्री को उनके दुर्व्यवहार के बाद की जा रही इस धृष्टता के लिए कोस रहे हैं तथा नसीहत दे रहे हैं।
उत्तरा पर वार का उल्टा असर
युवा और सोशल मीडिया पर काफी एक्टिव समाजसेवी अखिलेश डिमरी ने तो इस मामले पर लंबी चौड़ी पोस्ट डाली है और लिखा है कि भाजपा के IT सेल और सोशल मीडिया प्रभारी ऐसी पोस्ट डाल रहे हैं कि बात सरकार के ही खिलाफ जा रही है। डिमरी नसीहत देते हुए लिखते हैं कि कुछ भी पोस्ट करने से पहले यह जरुर ध्यान रखा जाना चाहिए कि संवेदनशील मुद्दों पर जनता की प्रतिक्रिया क्या होगी !डिमरी कटाक्ष करते हैं कि जब तमीज ना हो तो रायता फैलाने से बेहतर है, उसकी दही जमाई जाए।
वरिष्ठ पत्रकार सुनील नवप्रभात ने भी अपनी फेसबुक वॉल पर उर्बा दत्त भट्ट को नसीहत देते हुए लिखा है कि एन केन प्रकारेण खुद को सही साबित करने की प्रवृत्ति ठीक नहीं है। कुल मिलाकर इस मामले में पार्टी के अलावा कोई भी उत्तरा प्रकरण पर सरकार के रुख की प्रशंसा नहीं कर रहा है।
बहरहाल उत्तरा प्रकरण पर खेद व्यक्त करने के बजाए उल्टे दुष्प्रचार में उतर जाने वाली सरकार की यह अदूरदर्शिता भारतीय जनता पार्टी की राजनीतिक जमीन को भी खोखला कर सकती है।