ब्रेकिंग वीडियो : मुसीबत में 108 का इंतजार मत करना। मरीज ढोने की गाड़ी बनकर रह गई है यह एंबुलेंस सेवा
अब आप ही फैसला कीजिए कि क्या ये 108 सेवा अब जीवनदायिनी रह गयी है। यहां दिए गए वीडियो को देखिए और ध्यान से सुनिए।
दोनों वीडियो में मरीज तड़प रहे हैं। वे कैम्प कंपनी के अनट्रेंड कर्मचारियों को बोल रहे हैं, कुछ तो फर्स्ट एड दे दीजिये !
लेकिन कैम्प कंपनी के टेक्नीशियन ये बोलते नजर आ रहे हैं कि हॉस्पिटल आ जायेगा।
देखिए वीडियो
यानी एम्बुलेंस में रखी सब मेडिसिन जो लाखों की है, अब कबाड़ है क्योंकि अब एम्बुलेंस साधारण ट्रांसपोर्ट बन कर रह गयी हैं।
एक वीडियो में जब मरीज की हालत ज्यादा खराब होती हैं तो एम्बुलेंस में मौजूद तीमारदार 108 की पूर्व टेक्नीशियन स्टाफ पूनम है जो कैम्प के टेक्नीशियन को बोलती हैं कुछ तो इलाज कीजिये लेकिन कैम्प के टेक्नीशियन को ये तक नहीं पता कि किसको क्या बोलते हैं ! जब मरीज की हालत ज्यादा खराब होती है तो वो खुद आगे जीवन बचाने के लिये चलती एम्बुलेंस में इलाज प्रारंभ कर देती हैं।
दोनों वीडियो में मरीज 108 के पूर्व कर्मचारी हैं जिनकी तबियत खराब है।
एक का पैर फ्रैक्चर हो गया, दूसरे को डिहाइड्रेशन हो गया है। एक घटना रात की तो एक घटना सुबह 6 बजे की है।
वाकई जिसको जीवनदायिनी सेवा बनाया था वो सिर्फ कैम्प कंपनी के कर्मचारी के लिए कागज पर नाम नोट कर, कोई फर्स्ट एड नही देकर, बिल्स बनाने तक की सेवा बन गयी हैं।