उत्तराखंड में विभिन्न समस्याओं से जूझ रहे लोग अब हाल ही में निर्वाचित सांसद अनिल बलूनी से आस लगाने लगे हैं।
पिछले दिनों हल्द्वानी से देहरादून के लिए नई ट्रेन चलवाकर सुर्खियों में आए अनिल बलूनी से अब उत्तराखंड के विभिन्न लोग अपनी समस्याओं को लेकर मिलने लगे हैं।
हाल ही में एम्स ऋषिकेश से निकाले गए आउटसोर्स कर्मचारी जब उत्तराखंड में सभी बड़े नेताओं से अपनी गुहार लगा कर निराश हो गए तो उन्हें सरकार और संगठन के ही कुछ नेताओं ने यह सुझाव दिया कि वह एक बार दिल्ली जाकर सांसद अनिल बलूनी से मिलें।
AIIMS से निष्कासित कर्मचारियों ने दो बार मुख्यमंत्री से मुलाकात की कोशिश की लेकिन उनकी मुलाकात नहीं हो पाई थी।
बस फिर क्या था ! डूबते को तिनके का सहारा!
बर्खास्त कर्मचारी सांसद अनिल बलूनी से मिले और उन्हें अपनी फरियाद सुनाई तो अनिल बलूनी का दिल भी पसीज गया। उन्होंने तत्काल इस पूरे प्रकरण की उच्चस्तरीय जांच कराने के न सिर्फ आश्वासन दिए बल्कि यह भी कहा कि किसी के साथ अन्याय नहीं होने दिया जाएगा।
विगत दिनों एम्स ऋषिकेश से निकाले गए कर्मचारियों का एक प्रतिनिधिमंडल भाजपा युवा मोर्चा के राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य जम्मू कश्मीर के सह प्रभारी
विपिन कैंथोला के नेतृत्व में भाजपा के राष्ट्रीय मीडिया प्रमुख सांसद अनिल बलूनी से दिल्ली में मिला था।
इससे पहले हाईकोर्ट के आदेश के बाद कॉर्बेट पार्क से बेरोजगार हो चुके लगभग 10000 लोगों का एक प्रतिनिधिमंडल भी सांसद अनिल बलूनी से मिला। उनको भी लगता है कि उनकी समस्याओं का हल अगर कोई कर सकता है तो वह अनिल बलूनी ही है।
कॉर्बेट पार्क से बेरोजगार हुए लोग जब मुख्यमंत्री कार्यालय में गए तो वहां उन्हें कोई राहत भरा आश्वासन मिलने के बजाय यही सुनाया गया कि आखिर कार्वेट में कर भी तो हद रखी है, इन लोगों के लिए क्या कार्बेट ही रह गया है कोई और धंधा भी तो कर सकते हैं।
केंद्र सरकार के मंत्रियों से सीधी मुलाकात रखने वाले अनिल बलूनी काफी मिलनसारता से उत्तराखंड से आए लोगों को न सिर्फ मिलते हैं, बल्कि उनकी समस्याओं को हल करने के लिए प्रयास भी कर रहे हैं। लोकप्रियता के मामले में उनका ग्राफ पिछले 4 सालों से उत्तराखंड के निर्वाचित लोकसभा सांसदों से काफी ऊपर पहुंच गया है।