उत्तराखंड में लोकसभा चुनाव निपटने के बाद पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत और वर्तमान मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के बीच “फेसबुक वार” छिड़ गया है।
दोनों दिग्गज फेसबुक पर वार- पलटवार कर रहे हैं। आज हरीश रावत ने मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत को संबोधित करते हुए फेसबुक पर लिखा कि सीएम को उनकी “चुनावी हारें गिनाने का शौक है, लेकिन गिरते वही हैं जो मैदान में होते हैं।” हरीश रावत ने आगे लिखा कि वह लोगों की जुबां पर जिंदा थे, जिंदा है और जिंदा रहेंगे।
वार
यही नहीं हरीश रावत ने यह भी पूछ लिया कि “क्या आप के नाम व काम पर किसी ने वोट मांगा ! जबकि हरीश रावत पूर्व मुख्यमंत्री इस चुनाव में भी मतदाताओं के मध्य जिंदा था उसके काम की चर्चा थी।”
इस रावत यहीं नहीं रुके उन्होंने यह भी लिख दिया कि “भगवान ने चाहा तो आपका घमंड जल्दी टूट जाएगा।”
पलटवार
बस फिर क्या था त्रिवेंद्र सिंह रावत ने भी हरीश रावत को संबोधित करते हुए पलटवार कर दिया कि “आप भले ही लोगों की जुबान पर जिंदा है लेकिन किन लोगों के लिए जिंदा है इसका एहसास जनता 2017 में ही करा चुकी है और बाकी का फैसला 23 मई को हो जाएगा।”
त्रिवेंद्र सिंह रावत ने 15 दिनों में अपनी 60 जनसभाओं को गिनाते हुए कहा कि उन्हें पार्टी और जनता से भरपूर प्यार मिला है।
त्रिवेंद्र सिंह रावत ने पलटवार में पूछ लिया कि अहंकारी कौन है और उन्होंने अपने राष्ट्रीय अध्यक्ष को चुनाव प्रचार में क्यों नहीं बुलाया ! क्या उन्हें नुकसान होने का डर था !
हरीश रावत भी कहां चुप रहने वाले थे उन्होंने एक बार फिर से लिख दिया कि “त्रिवेंद्र सिंह रावत ने शुभेच्छा जाहिर की है कि अच्छा हो लोगों के दिल में ही रहूं, भाजपा वालों के पास तो दिल है ही नहीं उनके पास तो केवल 56 इंच लंबी जुबान है।”
दोनों के समर्थकों ने अपने अपने नेताओं की पोस्ट को न सिर्फ जमकर शेयर किया है बल्कि दिल खोलकर पक्ष विपक्ष में कमेंट भी किए हैं।
जाहिर है कि फेसबुक पर छिड़ा यह युद्ध अब दिलचस्प रूप ले चुका है। देखना यह है कि मुख्यमंत्री खेमे से अब क्या जवाब आता है !