अनुज नेगी,पौड़ी
लोक निर्माण विभाग प्रान्तीय खण्ड पौड़ी ने नियमों को ताक पर रखकर अपने चहेते ठेकेदार से लाखों के कार्य करवाने के बाद प्रकाशित किये टेंडर।
लोक निर्माण विभाग प्रान्तीय खण्ड पौड़ी ने नियमों को ताक में रखकर अपने चहेते ठेकेदार से निवेदाएं प्रकाशित कराने से पहले ही लाखों के कार्य करवाने के बाद खुले में टेंडर प्रक्रिया शुरू की और जब दूसरे ठेकेदार टेंडर के लिए डीडी जमा कराने गए तो उन्हें इंकार कर दिया गया। टेंडर भी उसी ठेकेदार के नाम खुला, जिससे काम करवाया।
अब पूरा मामला चर्चा में आने के बाद टेंडर के बिलों को एडजस्ट करने में एड़ी चोटी का जोर लगाया जा रहा है। कोई भी निर्माण कार्य करने व करवाने के लिए सरकार की ओर से कई नियम कायदे बने हुए हैं, लेकिन पौड़ी जिले के लोक निर्माण विभाग प्रान्तीय खण्ड पौड़ी के लिए सरकार की ओर से बने नियम व कायदे कोई मायने नहीं रखते।
दरअसल लोक निर्माण विभाग प्रान्तीय खण्ड पौड़ी ने एक फरवरी 2019 को 35 कार्यो के लिए टेंडर प्रकाशित किये गये और इन कार्यो के लिए निविदाएं आमंत्रित की थी।
निविदा में विभिन्न सड़कों और खेल मैदान का विस्तारीकरण व कल्जीखाल ब्लॉक के प्रवेश गेट व सीसी मार्ग का कार्य करना शामिल है। लेकिन लोक निर्माण विभाग प्रांतीय खण्ड ने निविदाएं आमंत्रित करने के कुछ माह पहले ही ये सब काम अपने चहेते ठेकेदार से करवा लिए और उसके बाद निविदाएं आमंत्रित की। निविदा निकली, लेकिन ठेकेदारों की अमानत राशि के डीडी लेने में मिलीभगत साफ हुई।इतना ही नही निविदाएं आमंत्रित करने के बाद जब अन्य ठेकेदारों ने टेंडर ड़ालना चाहा लेकिन लोक निर्माण विभाग ने मिलीभगत कर निविदाओं के साथ जमा करवाने वाले डीडी को लेने से मना कर दिया, ताकि अन्य ठेकेदार इस निविदा में शामिल न हो पाए।
ऐसे में साफ है कि किसी अन्य ठेकेदार के नाम टेंडर खुलना ही नहीं था। और हुआ भी ऐसा ही।
12 फ़रवरी को विभाग के चहेते ठेकेदार के नाम ही टेंडर खुला,जब इस संवाददाता ने विभागीय ठेकेदारों से बात करनी चाही तो ठेकेदार इसमे खुलकर इसलिए सामने आकर बोलने को तैयार नहीं है, कि अधिकारी उनके अन्य कार्यों में कहीं न कहीं पेंच फंसा सकते हैं। साथ ही किसी न किसी बहाने ब्लैक लिस्टेड करने का अधिकार भी इनके पास ही होता है। अब यह देखना होगा कि उच्चाधिकारी इस मामले में कहां तक अधिनस्थों को बचाते हैं।
इधर जब मामले में पौड़ी लोक निर्माण विभाग प्रान्तीय खण्ड के अधिशासी अभियंता अरुण पांडे से सवाल किया गया तो उन्होंने कहा उन्होंने अभी यहां नया कार्यभार संभाला है,अगर इस प्रकार का कोई भी मामला होगा तो उचित जांच की जायेगी।