गणतंत्र दिवस परेड में इस बार उत्तराखंड की भी झांकी चुन ली गई है। रक्षा मंत्रालय के अधीन विशेषज्ञ समिति ने 30 राज्यों में से 14 राज्यों का चयन किया है। राज्य गठन से लेकर अब तक उत्तराखंड की झांकियां 10 बार राजपथ पर प्रदर्शित की जा चुकी हैं। 2014, 15 तथा 16 में तो लगातार उत्तराखंड की झांकियां चुनी गई थी।
सूचना महानिदेशक पंकज कुमार पांडे ने बताया कि राज्य गठन से लेकर अभी तक उत्तराखंड द्वारा वर्ष 2003 में ‘फूलदेई’ 2005 में ‘नंदा राजजात’ 2006 में ‘फूलों की घाटी’ 2007 में ‘कार्वेट नेशनल पार्क’ 2009 में ‘साहसिक पर्यटन’ 2010 में ‘कुंभ मेला’ 2014 में ‘जड़ी बूटी’ 2015 में ‘केदारनाथ’ तथा 2016 में ‘रम्माण’ विषयों की झांकियों का प्रदर्शन राजपथ पर किया जा चुका है।
इस बार की झांकी में “विलेज टूरिज्म” थीम का चयन होने से राष्ट्रीय स्तर पर भी पर्यटन को बढ़ावा मिलने की उम्मीद है। उत्तराखंड सरकार अनेक गांव में होम स्टे योजना संचालित कर रही है। विलेज टूरिज्म के साथ-साथ होम स्टे जैसी योजनाओं से ग्रामीण पर्यटन के नए डेस्टिनेशन तैयार होने में मदद मिलेगी। सूचना महानिदेशक डॉ पंकज कुमार पांडे ने बताया कि झांकी मे ग्रामीण पर्यटन और रोजगार पर केंद्रित अनेक विषयों को बखूबी दर्शाया गया है। झांकी के आगे वाले हिस्से में काष्ट कला से निर्मित भवन और पर्यटकों का स्वागत करते हुए पारंपरिक वेशभूषा में महिला और पुरुषों को दर्शाया गया है। झांकी के मध्य भाग में पर्यटकों के साथ पारंपरिक नृत्य ग्रामीण परिवेश जैव विविधता तथा पर्यटकों का आवागमन व झांकी के पृष्ठ भाग में होम स्टे हेतु वास्तु शिल्प के भवन योग ध्यान व बर्फ से लदे पहाड़ को दर्शाया गया है।