शिव नगरी में हुई घटना पर सेसन कोर्ट ने की त्वरित कार्यवाही। जिला जज डीपी गैरोला की अदालत ने सुनाई सजा
गिरीश गैरोला
शिवनगरी उत्तरकाशी में मार्च के महीने में गैंगरेप की घटना के बाद त्वरित कार्यवाही करते हुए जिला जज डीपी गैरोला की अदालत नहीं चार आरोपियों में से तीन को गैंगरेप का दोषी ही करार देते हुए 20-20 साल की सजा सुनाई है। चौथे आरोपी को बलात्कार के आरोप से मुक्त करते हुए मारपीट की धाराओं में 6 माह की सजा सुनाई गई है ।
जिला शासकीय अधिवक्ता गंभीर सिंह चौहान ने बताया कि 3 मार्च की रात्रि को शिवनगरी उत्तरकाशी की शांत वादियों में आरोपियों ने गैंगरेप की घटना को अंजाम दिया था जिसमें अपने परिचित के साथ केदार घाट पुल के पार सीढ़ियों पर बैठी पीड़िता के साथ 4 युवकों ने जबरन बलात्कार की घटना को अंजाम दिया था। इस दौरान पीड़िता के दोस्त के साथ भी मारपीट की गई थी। पीड़िता के साथ एक आरोपी द्वारा उसी रात को ही नदी के किनारे और दो आरोपियों के द्वारा बुटाटी पैदल मार्ग पर बलात्कार की घटना को अंजाम दिया गया । इतना ही नहीं इसके बाद पीड़िता को जबरन पास के गांव में किसी कमरे में ले जाकर फिर से एक मुलजिम द्वारा बलात्कार किया गया , और सुबह के समय उसे सड़क पर छोड़ दिया गया ।
घटना के बाद पीड़िता ने अपने दोस्त के साथ थाना कोतवाली में खुद तहरीर देकर मामला दर्ज करवाया था, जिसमें वकीलों द्वारा पीड़िता उसके दोस्त और जल विधुत निगम के गार्ड सहित कुल 8 गवाह पेश किए गए और 21 मई को तीन आरोपियों को बलात्कार के जुर्म आईपीसी की धारा 376 डी में 20-20 वर्ष की सजा और चौथे आरोपी को मारपीट के जुर्म में 6 माह की सजा सुनाई गई है।
आरोपी अजय भट्ट, मनीष अवस्थी, और आशीष बिजल्वाण को 20 -20 वर्ष की सजा जबकि विजय शंकर नौटियाल को सिर्फ 6 महीने की सजा सुनाई गई है। सजा सुनाए जाने के बाद एक महिला परिजन ने कोर्ट परिसर में हंगामा किया, जिसे पुलिस की मौजूदगी में बाहर निकाला गया।