ये मामला उत्तराखंड सरकार में गृह मंत्री जी से संबंधित है। मंत्री जी के पिता भी मंत्री थे और भाईबंद भी सियासत की अच्छी कुर्सियों पर हैं। चर्चा है कि पिछले दिनों मंत्री जी के क्षेत्र के दो पुलिसकर्मियों ने क्षेत्र के पिछड़ेपन के लिए मंत्री जी और उनके परिवार को जिम्मेदार ठहराने वाली कुछ टिप्पणियां फेसबुक पर पोस्ट कर दी। मंत्री जी के चमचों ने तुरंत मंत्री जी को खबर कर दी। फिर क्या था, मंत्री जी ने दोनों को अपने दरबार में तलब किया और अपने स्टाइल में जमकर डांट पिलाई। पुलिसकर्मियों ने किसी तरह माफी मांगकर जान तो छुड़ा ली, किंतु उन्हें भरे दरबार में उठक-बैठक लगानी पड़ी। पुलिस कर्मी गृह मंत्रालय के अंतर्गत आते हैं और मंत्री जी के पास भी गृह मंत्रालय ही है। पुलिस कर्मी भी मंत्री जी के क्षेत्र से ही हैं। इसे कहते हैं पानी में रहकर मगर से बैर!