अंतरिम सरकार में मंत्री रहे तीरथ सिंह रावत उत्तराखंड भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष भी रह चुके हैं। तीरथ सिंह रावत को 2017 में विधानसभा चुनाव नहीं लड़ाया गया। उनके स्थान पर कांग्रेस छोड़कर आए सतपाल महाराज को विधायक बनाया गया। तब से तीरथ सिंह रावत, अमित शाह की टीम में राष्ट्रीय सचिव के पद पर हैं। भुवनचंद्र खंडूड़ी के बीमार रहने के बाद 2019 में उनका पौड़ी लोकसभा से चुनाव न लड़ना तय है। ऐसे में भाजपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष तीरथ सिंह रावत ने जोरदार तरीके से अपनी पैरवी शुरू कर दी है।
2019 के लोकसभा चुनाव की तैयारी के लिए फेसबुक से लेकर होर्डिंग अभियान चलाने वाले शौर्य डोभाल ने इस बीच अपनी दावेदारी पौड़ी लोकसभा के लिए तेज की तो 2017 के विधानसभा चुनाव में धोखा खाए तीरथ सिंह रावत ने शौर्य डोभाल को दिन में तारे दिखा दिए।
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तीरथ सिंह रावत से जब मीडिया ने पौड़ी लोकसभा में उनकी दावेदारी के बारे में पूछा तो तीरथ सिंह का जवाब था कि उत्तर प्रदेश के दौरान वे विधान परिषद के सदस्य थे और तब विधान परिषद की सीट पौड़ी लोकसभा के बराबर थी। छात्र राजनीति में सक्रिय राजनीति करने के बाद वे मंत्री रहे, भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष रहे, चौबट्टाखाल से विधायक रहे। पूरे प्रदेश का एक-एक कार्यकर्ता और पार्टी पदाधिकारी उन्हें बहुत बेहतर ढंग से जानता है। उनका सभी के बीच समान रूप से संवाद है और निश्चित रूप से वे 2019 के लिए दावेदारी करेंगे।
इस बीच शौर्य डोभाल द्वारा पौड़ी लोकसभा सीट पर दावेदारी करने के सवाल पर तीरथ सिंह रावत ने शौर्य डोभाल की हकीकत सबके सामने ला खड़ी की। तीरथ सिंह रावत का कहना है कि शौर्य डोभाल का एनजीओ किसी पाकिस्तानी कंपनी के साथ काम करता है और उत्तराखंड वीरभूमि है। यहां पाकिस्तान के खिलाफ लडऩे वाले लोगों को स्वीकार किया जाता है, न कि पाकिस्तानी कंपनी के साथ काम करने वाले लोगों को। शौर्य डोभाल के प्रचार-प्रसार को उन्होंने सतही बताया और कहा कि जिन लोगों को यहां कोई नहीं जनता, उन्हें आज एनजीओ के माध्यम से अपना प्रचार-प्रसार करना पड़ रहा है और ऐसे व्यक्ति को पौड़ी लोकसभा के लोग कभी भी स्वीकार नहीं करेंगे।
तीरथ सिंह रावत ने इस प्रकार के प्रचार-प्रसार पर हो रहे लाखों रुपए की बर्बादी की जांच की भी मांग की कि आखिरकार वे कौन लोग हैं, जो उत्तराखंड में ऐसे लोगों को पनाह दे रहे हैं।