कमल जगाती, नैनीताल
उत्तराखण्ड के नैनीताल में नैनीझील में गिरी सड़क निर्माण का कार्य भारी बरसात के बीच किसी कमाण्डो की तरह रस्सी के सहारे झील में उतरकर शुरू किया गया है। दर्जनों नैपाली और पहाड़ी श्रमिक अपनी जान जोखिम में डालकर नैनीताल की माल रोड को बचाने में जुट गए हैं। नैनीझील का एक छोटा हिस्सा बीती देर रात भी झील में समाया था।
नैनीताल की सुन्दर ब्रिटिशकालीन मॉल रोड बीती 18 अगस्त की शाम नैनीझील में समां गई थी। तब से अब तक झील में मॉलरोड के बचे हुए हिस्से को बचाने के लिए कोई कार्यवाहीं नहीं हुई थी। इसका एक कारण, तय ठेकेदार को किसी ठोस कागजों के बगैर कार्य करने की बंदिश बताया जा रहा है। ठेकेदार को पैसा भी स्वीकृत नहीं हुआ है। संभवतः ऐसे ही काम करके बाद में भुगतान करेंगे उन्हें। इसीलिए वह काम करने को तैयार नहीं है।
बीती शाम मॉल रोड का दस फ़ीट बाई आठ फ़ीट(10×8) का एक और हिस्सा टूटकर नैनीझील में समां गया था। आज सवेरे से ही लोक निर्माण विभाग के अधिकारी मौके पर पहुँच गए। विभाग ने निर्णय लिया कि पहले नैनीझील में घुसकर सैंड बैग डाले जाएं जिससे कि पानी सड़क का आगे का हिस्सा ना काट सके । इस चुनौतीपूर्ण कार्य के लिए नैपाली और पहाड़ी श्रमिकों को रस्सी से बांधकर झील में उतारा गया। रस्सी का एक छोर मॉल रोड में रेलिंग और पोल से बांधा गया। पहले दो श्रमिक गहरी नैनीझील में उतरे। उन्होंने सैंड बैग धीरे धीरे झील में सैट किये और फिर दूसरे श्रमिकों ने उन्हें मदद करते हुए जल्दी जल्दी सैंड बैग उनतक पहुंचाए। तेज बरसात के बीच सभी श्रमिकों ने प्लास्टिक और वाटर प्रूफ मटीरियल का जैकेट बनाकर अपने को बरसात से बचाया। नैनीताल से लगे हुए क्षेत्रों में भारी बरसात के कारण नैनीझील का जलस्तर खतरे के निसान के नजदीक है। नैनीझील के जून के जलस्तर के अनुपात में आज लगभग 26 फ़ीट की बढ़ोतरी हुई है। झील के इस टूटे हिस्से की गहराई भी काफी ज्यादा बताई जा रही है। लोक निर्माण विभाग के ई.ई.का कहना है कि बीती रात भी कुछ हिस्सा गिर गया था। उन्होंने बताया कि इसमें दो घंटे के काम में 70 से अधिक बैग एक किनारे से डालने शुरू कर दिए गए हैं। बरसात और झील के खतरे के बावजूद श्रमिकों को बरसाती ओढ़कर झील में उतारा गया है। बीच का हिस्सा बचाना उनकी प्राथमिकता है। उन्होंने ये भी कहा कि नाव की मदद से झील के इस टूटे हिस्से में बैग लगाकर कटान रोका जाएगा। इधर झील में रस्सी के सहारे उतरकर काम कर रहे श्रमिकों का कहना है खतरा तो है लेकिन नैनीझील और मॉल रोड को बचाने की चुनौती भी है।