कमल जगाती, नैनीताल
उत्तराखण्ड के पहाड़ी क्षेत्रों में आमतौर पर देखे जाने वाले इस तरह के वीडियो को देखकर आपको शर्म भी आएगी और गुस्सा भी। मवेशियों के लिए चारा लेने गई महिला की पेड़ से गिरकर रीढ़ की हड्डी टूट गई, जिसे डोली से कंधों पर लादकर नजदीकी सड़क तक लाया गया।
देखिए वीडियो
ये ताजा तस्वीर मंडल मुख्यालय नैनीताल से महज कुछ किलोमीटर दूर ओखलकांडा के गांव कूकना की है। यहां 21 वर्षीय हंसा देउपा पेड़ पर चढ़कर चारा काट रही थी। इस दौरान पेड़ से गिरकर उसकी कमर में गहरी चोट लग गई। सड़क ना होने के कारण ग्रामीण डोली में बैठाकर पैदल ही 15 किमी दूर देवली गांव में सड़क तक पहुंचे। वहां 108 स्वास्थ्य सेवा की हड़ताल के कारण परिजन उसे निजी वाहन से हल्द्वानी के सुशीला तिवारी अस्पताल लाए।
ग्रामीणों ने शासन प्रशासन और विधायक पर आरोप लगाया कि ग्रामीण पिछले कई वर्षों से सड़क की मांग कर रहे हैं लेकिन उनकी सुध लेने वाला कोई नहीं है। सड़क की मांग के लिए 2014 में लोकसभा चुनाव का बहिष्कार भी किया गया था, लेकिन उसके बाद भी अभी तक सड़क नहीं बन पाई है। सड़क नहीं होने के कारण कई किलोमीटर पैदल चलकर जाना पड़ रहा है।
विधायक राम सिंह केडा ने उन्हें सड़क बनवाने का आश्वासन दिया था लेकिन आज तक सड़क नहीं बन सकी है। ग्रामीणों को हर कार्य के लिए दिक्कत का सामना करना पड़ रहा है। इससे पहले भी 18 मार्च को ओखलकांडा ब्लॉक में 51 वर्षीय खिला देवी चारा लेने के दौरान करेंट लगने से पेड़ से गिर गई थी जिसे बमुुश्किल अस्पताल तक ले जाया गया।
आज का ये वीडियो अपने पीछे कई सवाल छोड़ गया है। क्या इसी दिन के लिए राज्य का निर्माण हुआ था ? क्या पहाड़ी राज्य की अवधारणा के साथ बनाए गए इस राज्य में केवल देहरादून, हरिद्वार, रुद्रपुर, हल्द्वानी और नैनीताल में विकास किए जाने की जरूरत है ? 19 वर्ष के इस युवा राज्य में सरकारें आई गई लेकिन पहाड़ों में सड़कों, अस्पतालों, स्कूलों और रोजगारों के ज्वलंत सवाल अभी भी अनुत्तरित हैं।